चीन के विदेशमंत्री ‘वँग ई’ भारत में दाखिल

बीजिंग, दि. १२ (वृत्तसंस्था) – चीन के विदेशमंत्री ‘वँग ई’ तीन दिन के दौरे के लिए भारत आये हैं| गोवा में दाखिल हुए विदेशमंत्री ‘वँग ई’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मुलाक़ात करेंगे| ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र के संदर्भ में निर्माण हुए तनाव की पृष्ठभूमि पर, ‘जी-२०’ परिषद में चीन को भारत से सहयोग की उम्मीद है| यही ‘वँग ई’ के भारत दौरे का मुख्य हेतु है, ऐसा कहा जा रहा है| पर गोवा में पत्रकारों से बात करते समय ‘वँग ई’ ने, ‘साऊथ चायना सी’ के सिलसिले में भूमिका भारत को ही अपनानी है, ऐसा कहते हुए इस विषय पर अधिक बात नहीं की|

 ‘वँग ई’पूरे ‘साऊथ चायना सी’ पर अपनी दावेदारी घोषित करनेवाले चीन को, आग्नेय एशियाई देशों की ओर से कड़ी चुनौती मिल रही है| फिलिपाईन्स ने यह सवाल आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में रखा और हेग के न्यायालय ने, ‘चीन का इस क्षेत्र पर अधिकार नहीं है’ ऐसा फ़ैसला सुनाया था| इस फ़ैसले को ठुकराते हुए, चीन ने इस क्षेत्र में अपनी नौसेना की गतिविधियाँ बढायी हैं| उसपर व्हिएतनाम की ओर से उसी भाषा में जवाब दिया जा रहा है| व्हिएतनाम ने इस सागरी क्षेत्र के स्प्रार्टले बंदरगाह पर आधुनिक रॉकेट लॉंचर्स तैनात किये हैं| इसी समय, अमरीका ने भी अपनी ताकत आग्नेय एशियाई देशों के पक्ष में खड़ी की है| इसी वजह से यहाँ पर तनाव बढ़ा है और सितंबर महिने में चीन में होनेवाली ‘जी-२०’ परिषद में, ‘साऊथ चायना सी’ का मुद्दा चर्चा में आयेगा, ऐसा कहा जा रहा है|

अमरीका और मित्र देशों ने यदि यह सवाल इस परिषद में उपस्थित किया, तो चीन इस मसले पर अकेला पड़ सकता है। इसीलिए ‘जी-२०’ का सदस्य होनेवाला भारत, अमरीका और दोस्त राष्ट्रों के इन प्रयासों की सहायता न करें, इसके लिए चीन कोशिशें कर रहा है| विदेशमंत्री ‘वँग ई’ इसीलिए भारत दौरेपर आये हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है| इस संदर्भ में गोवा में पत्रकारों ने ‘वँग ई’ से सवाल किये थे| ‘साऊथ चायना सी’ के सिलसिले में भारत को चीन की सहायता करनी है या नहीं, इसका निर्णय भारत को लेना है, ऐसा सूचक विधान उन्होंने किया| चीन के विदेशमंत्री भारत से सहयोग हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, तभी चीन की सरकारी मीड़िया, भारत को ‘एनएसीजी’ का प्रलोभन दिखाने की कोशिश कर रही है|

‘भारत के ‘एनएसजी’ प्रवेश के द्वार अभी बंद नहीं हुए हैं’ ऐसा चीन की ‘झिनुआ’ वृत्तसंस्था ने कहा| साथ ही, ‘भारत की सदस्यता को चीन का विरोध है, ऐसी गलतफ़हमी फैलायी गई है’ ऐसी आलोचना भी इस वृत्तसंस्था ने की| भारत के साथ साथ, सभी चीनविरोधी देशों को आक्रामक चेतावनियाँ और जंग की धमकी देनेवाले ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस चिनी अखबार ने, ‘साऊथ चायना सी’ पर भारत को चेतावनी दी है| भारत बिना वजह इस विवाद में ना फ़ँसें, ऐसा इस सरकारी दैनिक ने कहा है| भारत और चीन के बीच अच्छे आर्थिक संबंध हैं| भारत ने इस विवाद में यदि चीन के खिलाफ़ भूमिका अपनायी, तो उसका आर्थिक सहयोग पर असर होगा, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने ज़ोर देकर कहा है|

पर चीन की ओर से अप्रत्यक्ष रूप में दी जानेवाली ये चेतावनियाँ ओर ‘एनएसजी’ की सदस्यता के बारे दिखाया जानेवाला यह प्रलोभन, इन्हें मद्देनज़र रखते हुए, इस ताकतवर देश को भारत के सहयोग की काफ़ी ज़रूरत है, ऐसा साबित हो रहा है| लेकिन भारत के हितसंबंधों की परवाह न करते हुए, हमेशा भारत को पीड़ा पहुँचानेवाले फ़ैसलें करनेवाले चीन को सबक सिखाने की माँग भारतीय जनता द्वारा की जा रही है|

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