केंद्र सरकार जल्द ही ‘नॅशनल लॅण्ड मोनेटायझेशन कॉर्पोरेशन’ की स्थापना करेगी

नई दिल्ली – केंद्र सरकार जल्द ही ‘नॅशनल लॅण्ड मोनेटायझेनश कॉर्पोरेशन’ (एनएलएमसी) की स्थापना करनेवाली है, ऐसी ख़बर है। इस्तेमाल में ना होनेवालीं अथवा कम इस्तेमाल में होनेवालीं सरकारी मालमत्ताओं को किराए पर देकर अथवा उनकी बिक्री करके बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार निधि इकट्ठा करनेवाली है। इसके लिए ‘नॅशनल मोनेटायझेशन पाईपलाईन मिशन’ का अगस्त महीने में शुभारंभ किया गया था। इस पृष्ठभूमि पर, केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में होनेवालीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की, इस्तेमाल ना होनेवालीं ज़मीनों की मोनेटाइजेशन की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए इस ‘नॅशनल लॅण्ड मोनेटायझेनश कॉर्पोरेशन’ की स्थापना की जाने वाली है। इस संस्था के माध्यम से ऐसी संपत्तियाँ किराए पर दी जायेंगी अथवा उनकी बिक्री की जाएगी। पाँच हज़ार करोड़ की पूंजी के द्वारा ‘एनएलएमसी’ की स्थापना की जानेवाली है।

‘नॅशनल लॅण्ड मोनेटायझेशन कॉर्पोरेशन’कई सरकारी कंपनियों और विभागों की मालमत्ताएँ वैसी ही बिना इस्तेमाल के पड़ी हैं। उनका इस्तेमाल हो सकें इसके लिए सरकार ने मोनेटायझेशन मिशन का आयोजन किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट में इसके बारे में घोषणा की थी। इन संपत्तियों को दीर्घ समय के लिए किराए पर देकर अथवा अनावश्यक संपत्तियों को बेचकर बड़े पैमाने पर निधि इकट्ठा करने की सरकार की योजना है। इस योजना के तहत, विभिन्न खातों के पास होनेवालीं सरकारी मालमत्ताओं की पहचान की जा रही है। इनमें ‘सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एन्टरप्रायझेस’ (सीपीएसईज) यानी सार्वजनिक क्षेत्र की केंद्रीय कंपनियों की मालिकियत की ज़मीनें किराए पर देने के लिए और उनकी बिक्री का नियोजन करने के लिए ‘एनएलएमसी’ की स्थापना का फ़ैसला किया गया है।

जल्द ही ‘एनएलएमसी’ की स्थापना की जाएगी। इसके लिए कैबिनेट नोट तैयार की गई होकर जल्द कि उसे मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एमटीएनएल, बीएसएनएल, भारत अर्थ मूव्हर्स लिमिटेड (बीईएमएल), एचएमटी, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआय), इंडियन ऑईल, गेल, एचपीसीएल जैसीं ‘सीपीएसईज’ कंपनियों की जमीने किराए पर देने की अथवा उनकी बिक्री करने की प्रक्रिया इससे तेज होगी।

‘सीपीएसईज’ के पास लगभग ३५०० एकर इस्तेमाल में ना होनेवालीं ज़मीनें अथवा मालमत्ताएँ होने की बात बताई जाती है। ‘सीपीएसईज’ की ऐसी मालमत्ताओं को ‘एनएलएमसी’ के पास हस्तांतरित किया जाएगा। उसके बाद किस मालमत्ता को किराए पर देना है और किस मालमत्ता की बिक्री करनी है, इसका फैसला ‘एनएलएमसी’ करेगी। साथ ही, ‘एनएलएमसी’ व्यापारी उद्देश्य से अथवा हाउसिंग कॉन्प्लेक्सेस विकसित करने के लिए भी इन मालमत्ताओं का विकास कर सकती है। इसी के साथ की अतिरिक्त ज़मीन और मालमत्ता होनेवाली सरकारी संस्थाओं की इन मालमत्ताओं को किराए पर देने के लिए अथवा बिक्री करने के लिए ‘एनएलएमसी’ एक कंसलटेंट की भूमिका भी अदा करेगी, ऐसा कहा जाता है। इसके लिए ऐसी संस्थाओं से ‘एनएलएमसी’ कुछ शुल्क चार्ज कर सकती है।

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