गर्टी तेरेसा कोरी

गर्टी तेरेसा कोरी

जिस दौर में स्त्रियों की शिक्षा पर विशेष तौर पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता था, उस समय विज्ञान और गणित इन शाखाओं के साथ स्त्रियों का कोई संबंध ही नहीं है, ऐसी गलत धारणा फैली हुई थी। परन्तु समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में कामयाबी की बुलंदियों को छूकर महिलाओं ने अपनी तेजस्वी प्रतिभा का […]

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फ्रान्सेस केल्से

फ्रान्सेस केल्से

१९५७ की बात है। ‘शांत निद्रा के आधीन करनेवाली इस शताब्दी की एकमात्र औषधि’ इस प्रकार का विज्ञापन होने के पश्‍चात् ‘थॅलिडोमाईड’ ((thalidomide)) यह औषधि बाज़ार में उपलब्ध हो गई। इस औषधि का किसी भी प्रकार का दुष्परिणाम नहीं है, ऐसा लोगों को विश्‍वास दिलाया गया। संपूर्ण यूरोप में जोरदार विज्ञापन करते हुए काफी बड़े […]

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बिरबल साहनी (१८९१-१९४९)

बिरबल साहनी (१८९१-१९४९)

विधायक कार्य करने में ही आनंद है और कार्य न करना ही दुख है। अखंड चैतन्य से भरे और अपने कार्य के प्रति कटिबद्ध रहनेवाले खोजकर्ता के रूप में श्री. बिरबल साहनी का उल्लेख किया जा सकता है। पृथ्वी का इतिहास दर्शानेवाली कुछ स्मृतिप्राणिमुद्राएँ, वनस्पतिमुद्राएँ इनके रूप में निसर्ग इतिहास की निशानियाँ सँभाले रहता है। […]

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माननीय डिजेल

माननीय डिजेल

पणडुब्बी, विशाल जहाज़, रेल्वे इंजन, विद्युतनिर्मिति केन्द्र, बोझिल सामग्री को ढोनेवाले ट्रक, चार पहिये वाले छोटे बड़े वाहन इत्यादि को चलाने के लिए इंधन के रूप में डिजेल का उपयोग होता है। साधारणत: १८९७ के पश्‍चात् यंत्रशक्ति के लिए डिजेल का उपयोग करना शुरू हुआ। यंत्र को कार्यान्वित करने के लिए डिजेल का उपयोग करने […]

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द्वितीय औद्योगिक क्रांति के जनक – निकोल टेसला

द्वितीय औद्योगिक क्रांति के जनक – निकोल टेसला

जब तक विज्ञान मानव की प्रगति के लिए पूर्णत: उपयुक्त नहीं बन जाता, तब तक वह निरूपयोगी ही होता है। – निकोल टेसला दस जुलाई, १८५६ के दिन मध्यरात्रि की बेला में क्रोएशिया के स्मिलजान नामक देहात में निकोल टेसला नामक अनोखे व्यक्तित्व का जन्म हुआ। आगे चलकर स्वयं को प्रस्थापित करने की कोशिश में […]

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बेसी ब्लाउंट

बेसी ब्लाउंट

आपको याद होगी ना, ऑल टाईम सुपरहिट फ़िल्म ‘शोले’ की दर्शकों के दिल पर अपनी छाप छोड़ जानेवाली, जिनकी दोनों बाहों को पूर्णत: काट दिया गया उन इन्स्पेक्टर ठाकुर का महत्त्वपूर्ण किरदार! जिनके पास सचमुच दोनों हाथ नहीं होते, वे जीवनावश्यक काम कैसे करते होंगे! हस्तविहीन शरीरवाला व्यक्ति सिर, धड़ एवं दोनों पैर के आधार […]

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व्हर्जिनिया अपगार

व्हर्जिनिया अपगार

‘जन्म लेनेवाला क्षण यह मानवी जीवन का सबसे अधिक जोखिमभरा क्षण होता है।’ यह कथन है, व्हर्जिनिया अपगार का और इस जोखिम को कम करने में उनका का़फी योगदान रहा है। नये बच्चे का जन्म होना यह घर के सभी सदस्यों के लिए बड़े ही फक्र की बात होती है। जन्म लेनेवाले बच्चे का, फिर […]

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जॉन हंटर (१७२८-१७९३)

जॉन हंटर (१७२८-१७९३)

एक विलक्षण संशोधक के द्वारा निर्माण किया गया, इंग्लैंड शहर का आभूषण माना जानेवाला अल्स कोर्ट का चिड़ियाघर। इस संग्रहालय में थी चिड़ियों की चहचहाट, पक्षियों का झुंड़, चमगादड़ों की बसती, उल्लुओं का आना-जाना, दौड़ने-भागनेवाले शुतुरमुर्ग, बतख़ों की बॅक बॅक की आवाज़, रेशम के कीड़े, मधुमख्खियों के छत्ते, हिरन और कंगारुओं का झुंड़, सियार, भेड़िये […]

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विल्यम हॅलस्टेड (१८५२-१९२२)

विल्यम हॅलस्टेड  (१८५२-१९२२)

न्यूयॉर्क के बेलेव्ह्यु चिकित्सालय में प्रशिक्षणार्थी शल्यशास्त्र विशेषज्ञ (सर्जन) के रूप में डॉक्टर विल्यम दाखिल हुए। एक नामी बड़े सर्जन के साथ काम करने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ। विल्यम ने देखा कि उस सर्जन ने किसी के द्वारा उपयोग में लाया गया अस्वच्छ सा अ‍ॅप्रन पहन लिया था। उनकी जेब में मरीज की जखम […]

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पॉल ब्रोका (१८२४-१८८०)

पॉल ब्रोका (१८२४-१८८०)

‘क्यों, लगता है ‘टॉक टाईम’ फ्री मिलता है!’ यह कहकर घंटों देर तक केवल फोन एवं मोबाईल पर बातें करनेवालों को मस्ती-मजाक में ही टोक दिया जाता है। मानवी अस्तित्व में अपनी भावनाओं को व्यक्त करना है, क्या और कैसे बात करनी है यह निश्‍चित करनेवाला, मुख से बाहर निकलनेवाले शब्दों पर लगाम कसने वाला […]

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