व्हर्जिनिया अपगार

‘जन्म लेनेवाला क्षण यह मानवी जीवन का सबसे अधिक जोखिमभरा क्षण होता है।’ यह कथन है, व्हर्जिनिया अपगार का और इस जोखिम को कम करने में उनका का़फी योगदान रहा है।

नये बच्चे का जन्म होना यह घर के सभी सदस्यों के लिए बड़े ही फक्र की बात होती है। जन्म लेनेवाले बच्चे का, फिर चाहे वह लड़की हो अथवा लड़का इस प्रकार के लिंगभेद के झमेले में पड़े बगैर ही बच्चा अविकलांग है, सुदृढ़ है, इस बात की जाँच कर लेना यह अधिक महत्त्वपूर्ण है। संपूर्णत: स्वतंत्र रूप में जीवन जीने का बच्चे का यह पहला अवसर होता है। आरंभिक समय के इन कुछ गिने-चुने मिनिटों में बच्चे की ओर ध्यानपूर्वक यदि न देखा गया तो उसकी जान को भी खतरा हो सकता है। १९५० के दरमियान भी बिलकुल ऐसी ही स्थिति थी। और इसी कारण नवजात शिशुओं की मृत्यु का प्रमाण अधिक था। (APGAR SCORE) ‘अपगार स्कोअर’ नामक इस सरल गुणांकन पद्धति के अनुसार इस समस्या को मात दी जा सकती है। इस पद्धति की खोज करनेवाले संशोधनकर्ता का नाम है- ‘व्हर्जिनिया अपगार’।

व्हर्जिनिया अपगार१९०९ में न्यू जर्सी नामक राज्य के वेस्ट फिल्ड में जन्म लेनेवाले व्हर्जिनिया को प्राणिशास्त्र की चाह थी। शिक्षा हेतु आवश्यक खर्च पूरा करने हेतु, प्रयोग के लिए उपयोग में लगनेवाली बिल्लियों को वे पकड़कर देती थीं। संगीत की भी बेपनाह लगन रखनेवाली व्हर्जिनियाने वायोलिन एवं सेलोपर अपना प्रभुत्त्व बनाये रखा था। कोलंबिया विश्‍वविद्यालय से वैद्यकीय शिक्षा पूर्ण कर लेने पर सर्जरी विभाग में भी वे अव्वल दर्जे की मानी जाने लगी। परन्तु सर्जरी में पुरुषों का अधिकार अधिक होने के कारण उन्हें प्रॅक्टिस करना मुश्किल लगने लगा। इसमें से कोई अन्य मार्ग निकालने के लिए अ‍ॅनेस्थेशिया शाखा की ओर मुड़ गईं।

१९३९ में उन्हें अनेस्थेशिया की उपाधि भी प्राप्त हो गई। कोलंबिया प्रेअ बायटेरियन अस्पताल के बधिरीकरण विभाग की वे प्रमुख बन गई। इस शास्त्र की उन्होंने नियमबद्ध रचना की, विद्यार्थियों के लिए अ‍ॅनेस्थेशिया शास्त्र का सिलॅबस उन्होंने तैयार किया।

१९४८ में इस अस्पताल में स्वतंत्र बधिरीकरण विभाग शुरु हो गया। परन्तु उसका प्रमुख पद मात्र व्हर्जिनिया को नहीं दिया गया। निराश न होते हुए कदम दर कदम एक स्त्री होने के कारण विरोधी पक्ष का सामना करते हुए उन्होंने अ‍ॅनेस्थेशिया की एक (Obstretic Anaesthesia) प्रसूति बधिरीकरण नामक नयी उपशाखा का निर्माण किया। जन्म लेनेवाले शिशुओं का वे निरिक्षण करती थी। बच्चे की हर क्रिया पर जैसे उसकी हरकतें, हँसना, रोना, त्वचा का रंग श्‍वासोच्छ्श्‍वास की गति, उसकी धड़कनें, प्रतिक्षिप्त क्रियाएँ आदि का वे बड़ी ही बारिकी से अध्ययन किया करती थीं। इस अचूक निरीक्ष से उन्होंने एक गुणात्मक तख्ता बना लिया।

व्हर्जिनिया अपगारडॉक्टरों को इस (Chart) तख्ते के अनुसार जन्मपश्‍चात् पाँच मिनट के अंदर ही इन बातों का निरीक्षण करके उन्हें परिणाम देना था। अधिक परिणाम प्राप्त शिशु जीवन की परीक्षा में पास अथवा कम अर्थात उनके जान को खतरा है, बिलकुल कम अर्थात गंभीर परिस्थिती। कोई भी महँगे यांत्रिक उपकरण, साधन, नापतोल की जरूरत न पड़नेवाली यह पद्धति आसान, लचिली, हल्की-फुलकी १९५३ से इसका उपयोग शुरु हो गया। इस पद्धति का सर्वत्र स्वागत किया गया, APGAR नामक यह नाम जनमान्य हो गया तथा नवजात शिशुओं को इससे जीवनदान प्राप्त हुआ। परिणाम स्वरूप मृत्यु का परिणाम घटकर ७५% से भी कम हो गया। इन सबसे प्रसूतिपश्‍चात् शिशुशुश्रुषा संबंधित Perinatology नामक नये वैद्यकशास्त्र का जन्म हुआ।

उम्र के ५० वे वर्ष १९५९ में नौकरी से छुट्टी लेकर व्हर्जिनिया ने बाल्टिमोर विश्‍वविद्यालय से एक वर्ष का ‘मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ’ नामक अभ्यासक्रम पूर्ण किया। शिशुओं में होनेवाला आम्ल-अल्कली संतुलन तथा अ‍ॅनेस्थशिया का उनपर होनेवाला परिणाम इस संबंध में भी उन्होंने गहरा अध्ययन किया।

पोलिओ एवं इसके कारण आनेवाला अपंगत्व उसी तरह जन्मजात अपंगत्व होनेवाले बालकों के लिए काम करनेवाली ‘मार्च ऑफ डाइम्स’ नामक इस राष्ट्राध्यक्ष रूझवेल्ट द्वारा स्थापित की गयी संस्था में संशोधन, जनजागृति एवं निधीसंकलन का काम भी उन्होंने किया।

‘निरंतर सीखते रहना’ यह स्थायी भाव रखनेवाली व्हर्जिनिया का व्यवहार अकसर आश्‍वासक, अपनापन से भरा हुआ रहता था। घर पर लकड़ियाँ लाकर उससे वाद्य बनाने वाली, तेज़ी से गाड़ी चलानेवाली, संगीत राफ्टिंग, फिसिंग आदि का शौक रखनेवाली वह एक रसमय जीवन जीने वाली महिला थी। अनेकों मानसन्मान, सदस्यत्व, पारितोषिक प्राप्त वर्जिनिया का समावेश अमेरिका के राष्ट्रीय सम्मानीय सदस्यों ने किया गया था। इसी दौरान अमेरिकी सरकार ने १९९४ में उनके स्मरण में २० सेंट मूल्य का स्टँप प्रसारित किया। मगर इससे पहले ही १९७४ में उन्होंने इस दुनिया से विदा ले ली थी। उनके स्मरण में अमरीका बालरोग विशेषज्ञ परिषद के द्वारा ‘वर्जिनिया अपगार अ‍ॅवार्ड’ यह अ‍ॅवॉर्ड उत्तम शिशुरोग विशेषज्ञ को दिया गया और इस तरह से उन्हें सम्मानित किया गया।

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