भारतीय मज़दूर संघ का अनुभव

भारतीय मज़दूर संघ का अनुभव

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग ३४  ‘बीएमएस’ यह देश का सबसे बड़ा मज़दूर संगठन है ही। करोड़ों मज़दूर इस संगठन के सदस्य बन चुके हैं। कुछ साल पहले रशिया में ही लगभग चार हज़ार कामगार संगठनों की परिषद का आयोजन किया गया था। इस परिषद में – ‘बीएमएस’ यह दुनिया का सबसे बड़ा मज़दूर […]

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भारतीय मज़दूर संघ

भारतीय मज़दूर संघ

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग ३३  श्रीगुरुजी ने ज्येष्ठ स्वयंसेवकों के साथ चर्चा कर, ‘मज़दूर संगठन का अर्थ ‘उद्योगों के साथ झगड़ा करनेवाला संगठन’ ऐसा नहीं होना चाहिए’ यह बात जतायी। ‘मज़दूरों पर अन्याय न हों, इसलिए मज़दूर संगठन अवश्य काम करें, लेकिन उद्योग के विकास में ही मज़दूर का वास्तविक हित समाया है, […]

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हिंदुस्थान समाचार

हिंदुस्थान समाचार

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग ३२ इतिहास जेता लिखते हैं। इतिहास पर प्रभाव डालना जेताओं के लिए ज़रूरी प्रतीत होता है। ‘हमारे देश के इतिहास’ के तहत जो कुछ भी बताया गया है, उसपर जेताओं का बहुत बड़ा प्रभाव रहता है। इसी कारण ‘इतिहास’ के नाम पर जो कुछ भी कहा जाता है, उसमें […]

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विवेकानंद केंद्र

विवेकानंद केंद्र

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग ३१ सन १९५६  में श्रीगुरुजी का ५१वाँ जन्मदिन था। गुरुजी ने संघ की बागड़ोर सँभाले हुए १६ वर्ष बीत चुके थे। इन १६ वर्ष की अवधि में गुरुजी के नेतृत्व में संघ ने जो कुछ भी प्रगति की, उसे ‘अद्भुत’ ही कहना होगा। इस दौरान संघ के सामने कई […]

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वनवासी कल्याण आश्रम

वनवासी कल्याण आश्रम

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग ३० पूजनीय गुरुजी द्वारा किये गए चिन्तन का बहुत बड़ा लाभ अपने देश को मिला है। यात्रा के दौरान, वनवासी क्षेत्र में काम करने की बहुत बड़ी ज़रूरत है, यह गुरुजी की समझ में आ गया। उसके लिए यदि विशेष प्रयास न किये गए, तो हमारे समाज का बहुत […]

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २९ आज देश के सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ जानी जाती है। संघ के साथ ताल्लुक़ न होनेवाले भी कई लोग ऐसे हैं, जो ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ के सदस्य हैं। इस छात्र संगठन का अध्ययन करने हेतु विदेश से कई संशोधनकर्ता भारत […]

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राष्ट्र सेविका समिति

राष्ट्र सेविका समिति

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २८ स्वतन्त्रता के लिए आन्दोलन शुरू हो चुका था। लेकिन इस आन्दोलन में महिलाएँ भी सम्मिलित हों, ऐसा आवाहन महात्मा गाँधीजी निरन्तर करते रहते थे। उस आवाहन को देशभर की महिलाओं से प्रतिसाद मिल रहा था। कई महिलाएँ स्वतन्त्रता के लिए, समाजसुधार के लिए घर से बाहर निकलीं और […]

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गुरुजी का प्रेम

गुरुजी का प्रेम

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २७ सन १९६५ के युद्ध के बाद प्रधानमंत्री लालबहाद्दूर शास्त्रीजी का निधन हो गया| यह बहुत ही दुखदायी घटना थी| इस युद्ध में जीती हुई भूमि पाक़िस्तान को लौटाने की ग़लती शास्त्रीजी ने की थी| राजनीति के मोरचे पर हुए इस पराभव के अपवाद को यदि बाजू में रखें, […]

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गँवाया हुआ अवसर

गँवाया हुआ अवसर

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २६ पाकिस्तान के द्वारा छेड़ा गया यह युद्ध यानी बँटवारे की ऐतिहासिक ग़लती को सुधारने का उत्तम अवसर है, ऐसा गुरुजी का मानना था। लेकिन… … इस युद्ध में पाक़िस्तान हालाँकि परास्त हुआ, मग़र फिर  भी भारत के द्वारा इस देश की जो मरम्मत की जानी चाहिए थी, वह […]

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सन १९६५ के युद्ध में…

सन १९६५ के युद्ध में…

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ – भाग २५ सन १९६२ में चीन ने भारत का विश्‍वासघात कर किये आक्रमण के विदारक परिणाम भारत को सहने पड़े। चीन ने भारत का भूभाग तो हथिया लिया ही, लेकिन इस विश्‍वासघात के सदमे को भारत के पहले प्रधानमंत्री बर्दाश्त नहीं कर सके और उसीमें उनका देहान्त हो गया। नेहरूजी […]

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