दरिद्रता निर्मूलन के मुहीम अंतर्गत; चीन लगभग १ करोड़ नागरिकों को स्थलांतरित करेगा

बीजिंग: पूर्ण देश समृद्धि की दिशा में कदम उठाते समय, किसी को भी उसमे पीछे छोड़ा नहीं जाएगा, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने पिछले वर्षों में हुए कम्युनिस्ट पक्ष के अधिवेशन में गरीबी दूर करना यह अपना प्राधान्य क्रम होगा, ऐसी गवाही दी थी। जिनपिंग सन २०१२ में राष्ट्राध्यक्ष पद स्वीकारने के बाद चीन में गरीबी दूर करने के लिए प्रयत्न शुरू किए थे। पर अब उसे अधिक गति मिल रही है और दरिद्रता निर्मूलन के मुहिम के लिए देशभर लगभग एक करोड़ नागरिक स्थलांतरित करने की महत्वाकांक्षी मुहिम हाथ ली गई है।

चीन में इस से पहले सत्ताधारी शासन से विविध योजना एवं प्रकल्प में लिए करोड़ों नागरिकों को स्थलांतरित किया गया था। पर गरीबी दूर करने के लिए नागरिकों को मूल जगहों तक स्थलांतरित करने की मुहिम पहली बार कार्यान्वित की गई है। चीन में यह योजना कार्यान्वित होनी शुरू हुई है और सन २०२० तक देश के ३ करोड़ से अधिक नागरिकों को सरकारी दरिद्रता रेखा के ऊपर लाने का महत्वकांक्षी उद्देश्य दिया गया है। उस के लिए चीन के पश्चिमी प्रांत पर अधिक जोर दिया जाएगा, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी है।

चीन के गुईझोउ, गांसू, सिच्युआन, गुआंक्सी एवं यूनान इन प्रांतों में लगभग २५ लाख से अधिक गरीब नागरिकों को स्थानांतरित करने की मुहिम शुरू हुई है। कुछ नागरिकों के मूल जगह से दूर शहर में निर्माण होनेवाले घरों में भेजा जा रहा है और दूसरों को नए से निर्माण होने वाले आधुनिक कामों में भेजा जा रहा है। इन कामों में सरकारी वित्त सहायता प्रदान होनेवाले घरों में नागरिकों को बसाया जाएगा। लगभग एक करोड़ नागरिकों को नए जगह स्थानांतरित करने के समय, उनकी गरीबी दूर करने के लिए कर्जा प्रदान करना, पर्यटन और कम्युनिस्ट पक्ष के स्थानीय अधिकारियों पर ज़िम्मेदारी डालना, ऐसे प्रावधान किए जा रहे हैं।

चीन की सत्ताधारी शासन में इस से पहले अपने महत्वाकांक्षी प्रकल्प के लिए हजारों-लाखों नागरिकों को स्थानांतरित करने के उदाहरण सामने आए हैं। दुनिया के सबसे बड़े बाँध में से एक पहचाने जाने वाले ‘थ्री गॉर्जियस’ इस बांध के निर्माण के लिए लगभग १५ लाख नागरिकों को जबरदस्ती से विस्थापित किया गया था। तथा दुनिया भर में प्रसिद्ध बीजिंग ओलंपिक स्पर्धा के लिए लगभग १० लाख से अधिक नागरिकों का स्थानांतरण किया गया था। सन २०१० में शंघाई शहर में आयोजित किए वर्ल्ड एक्सपो के १८००० से अधिक परिवारों के साथ सैकड़ों कारखाने स्थलांतरित करने की प्रक्रिया चीन के सत्ताधारी शासन ने संपन्न की थी।

सन २०१४ के आंकड़ों के अनुसार चीन में लगभग ८ करोड़ से अधिक जनता दरिद्रता रेखा के नीचे है। पर यह आंकड़े चीन सरकार के जानकारी पर आधारित है। दरिद्र देखा निश्चित करने के चीन के निष्कर्ष एवं अंतर्राष्ट्रीय निष्कर्ष में बहुत बड़ा फर्क है। इस की वजह से वास्तव में चीन में दरिद्रता में जीने वाले लोगों की संख्या १० करोड़ अथवा उससे अधिक हो सकती है, ऐसा विशेषज्ञों का एवं अभ्यासको का दावा है।

राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग इनकी महत्वाकांक्षी गरीबी हटाओ मुहिम चीन में कम्युनिस्ट पक्ष के संस्थापक माओ त्से तुंग इनके जैसे स्थान प्राप्त करने के प्रयत्नों का भाग होने की बात कही जा रही है।

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