चीन ने ताइवान और जापान के समुद्री क्षेत्र में मिसाइल दागीं

ताइपे/टोकियो – ताइवान की खाड़ी और बाद में जापान के समुद्री क्षेत्र में मिसाइल दागकर चीन ने पूरे विश्व में सनसनी फैलाई है। अमरिकी सिनेट की सभापति नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के निषेध के तौर पर चीन ने यह भड़कानेवाली हरकत की है। ताइवान और जापान ने इसका गंभीर संज्ञान लिया है। मिसाइल दागने के साथ ही अपने समुद्री और हवाई क्षेत्र के करीब चीन के युद्धाभ्यास के प्रत्युत्तर देनेवाले युद्धाभ्यास का ताइवान ने आयोजन किया है। साथ ही ताइवान ने अपनी हवाई शुरक्षा यंत्रणा भी शुरू की है। चीन किसी भी क्षण यहां का तनाव बढ़ानेवाला निर्णय करेगा और बाद की स्थिति किसी के काबू में नहीं आएगी, ऐसी चेतावनी अमरिका स्थित चीनी वंशी विश्लेषक ने दी है।

ताइवान के दौरे के बाद नैन्सी पेलोसी दक्षिण कोरिया पहुँचीं। वहां से वे जापान जाएंगी और इससे पहले चीन ने ताइवान की खाड़ी में लगभग ११ मिसाइल्स दागीं। इनमें युद्धपोतों को डुबाने की क्षमता वाले ‘डौंगफेंग’ मिसाइल्स की भी क्षमता हैं। इनमें से कुछ मिसाइलों ने ताइवान की हवाई सीमा में प्रवेश करने की बात सामने आयी है। चीन द्वारा दागी गईं यह मिसाइल्स समुद्री क्षेत्र में ही गिरेंगी और इससे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है, फिर भी इसके ज़रिये चीन ने यहां का माहौल विस्फोटक कर दिया है। इससे पहले भी चीन ने ताइवान की सीमा के करीब लगभग छह ठिकानों पर युद्धाभ्यास का आयोजन किया। लाइव फायर यानी युद्ध में इस्तेमाल हो रहे गोला-बारूद का इस्तेमाल करके चीन की सेना इन युद्धाभ्यासों के ज़रिये कर रही कोशिशें अपने लिए मुश्किल साबित हो सकती हैं और इन युद्धाभ्यासों के जरिये चीन अपने मुश्किल करने की कोशिश में होने का आरोप ताइवान ने लगाया। साथ ही जवाब में ताइवान ने भी युद्धाभ्यास का आयोजन किया। साथ ही ताइवान ने अपनी हवाई सुरक्षा यंत्रणा शुरू करके हम चीन के संभवित हमले का मुकाबला करने के लिए तैयार होने का संदेश दिया है।

जापान की सीमा के ‘एक्सक्लुज़िव इकॉनॉमिक ज़ोन’ (ईईज़ेड) यानी विशेष समुद्री क्षेत्र में पांच मिसाइल दागकर चीन ने जापान को भी इशारा दिया। चीन ने इस क्षेत्र में नौं बैलेस्टिक मिसाइल दागी थीं, इनमें से पांच मिसाइल्स जापान की ‘ईईज़ेड’ में गिरे, यह जानकारी जापान के रक्षामंत्री नबुआ किशी ने दी। चीन ने ताइवान पर हमला किया तो जापान इस युद्ध में ताइवान के पक्ष में उतरेगा, ऐसा जापान के नेताओं ने पहले ही ऐलान किया था। साथ ही नैन्सी पेलोसी जापान की यात्रा पर पहुँचने से पहले ही चीन ने यह मिसाइल दागकर जापान को धमकाया दिख रहा हैं। साथ ही चीन ने कंबोडिया में जारी आसियान देशों के बैठक मे आयोजित चीन और जापान के विदेशमंत्री की चर्चा भी रद की हैं।

चीन की इस भड़कानेवाली हरकतों के पीछे इस देश की अंदरुनि राजनीति का काफी बड़ा हिस्सा होने का दावा पूरे विश्व के विश्लेषक कर रहे हैं। पहले ही चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग कोरोना की महामारी के कारण निर्माण हुई समस्या और अर्थव्यवस्था की गिरावट की वजह से दबाव में हैं। चीन पर एकाधिकार रखनेवाली कम्युनिस्ट पार्टी से उन्हें चुनौती मिलने की कड़ी संभावना जताई जा रही हैं। ऐसी स्थिति में अपने कार्यकाल का तीसरा टर्म करीब होने के दौरान इन चुनौतियों को परस्त करना जिनपिंग के लिए कठिन हो रहा हैं। ऐसीस्थिति में अमरीका की पेलोसी ने ताइवान की यात्रा करके चीन को उकसाया। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अमरीका और ताइवान के विरोध में ज्यादा कुछ कर नहीं सके, ऐसी आलोचना चीन से हो रही हैं। चीन के सोशल मीडिया पर इसकी गूंज सुनाई पड़ने लगी हैं।

अंदरुनि राजनीति के मद्देनज़र अमरीका और ताइवान के विरोध में आक्रामक कदम उठाना यह चीन के राष्ट्राध्यक्ष की ज़रूरत बनी  हैं। इसके अलाव वह अपनी छबि सुधार नहीं सकते, इस ओर कुछ विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। अमरिका में स्थित चीनी वंश के विश्लेषक गॉर्डन चैंग ने इस बात को रेखांकित किया और चीन ताइवान के अधिकार के छोटे द्वीपों पर कब्ज़ा करने की कोशिश करेगा, यह इशारा दिया है। चीन की इस कार्रवाई का बड़ा असर दिखाई देगा और इसके बाद किसी का नियंत्रण नहीं रहेगा, ऐसी भयंकर घटनाओं की श्रृंखला शुरू होगी, ऐसी चेतावनी गॉर्डन चैंग ने दी है।

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