तालिबान की हुकूमत में २० लाख अफगानी लड़कियां शिक्षा से वंचित – युनिसेफ की रिपोर्ट

taliban-20-lac-afghan-unicef-3काबुल – तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के १०० दिन पूरे हो गए हैं। लेकिन तालिबान की हुकूमत में अफगानी लड़कियां और महिलाओं के भविष्य में इससे अंधेरा छाया है। अफगानिस्तान में २० लाख से अधिक लड़कियाँ शिक्षा से वंचित होने की जानकारी संयुक्त राष्ट्र संगठन के ‘युनिसेफ’ ने दी। तालिबान ने काबुल पर कब्जा करने के बाद कई छात्र परीक्षा में बैठे ही नहीं है, ऐसी जानकारी युनिसेफ की रिपोर्ट में दी गई है।

taliban-20-lac-afghan-unicef-2अफगानिस्तान अगर तालिबान के कब्जे में गया, तो अफगानी लड़कियाँ और महिलाओं की आज़ादी छीन ली जाएगी, ऐसी चेतावनी दुनिया भर के विश्लेषकों ने दी थी। लेकिन अब तालिबान २० साल पहले का नहीं रहा है, यह बताकर पाकिस्तान ने इस आतंकवादी संगठन की दुनिया भर में वकालत की थी। अफगानिस्तान पर तालिबान की हुकूमत को ३ महीने से अधिक समय बिता होकर, इस आतंकवादी संगठन के संदर्भ में किए गए सारे दावे हवा हुए होने का एहसास अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक करा दे रहे हैं।

तालिबान ने अफगानिस्तान की महिलाओं तथा लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी लगाई है। १२ साल से अधिक उम्र की लड़कियाँ स्कूल में प्रवेश ना करें अथवा उन्हें प्राइवेट शिक्षा ना दी जाए, ऐसे आदेश तालिबान ने दिए हैं। तालिबान के डर से स्कूल में आनेवालीं लड़कियों की संख्या बहुत ही घटी है। इस आतंकवादी संगठन ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद ४० लाख से अधिक लड़के-लड़कियों ने स्कूल से किनारा किया है। इनमें २० लाख से अधिक लड़कियों का समावेश है, ऐसा युनिसेफ ने कहा है।

taliban-20-lac-afghan-unicef-1अफगानिस्तान के कुछ प्रांतों में स्थानीय प्रशासन की अनुमति से लड़कियों को स्कूल में आने दिया जा रहा है। वहीं, कुछ भागों में अफगानी छात्राएँ ही निचली कक्षा की लड़कियों को चोरी-छिपे पढ़ा रहीं होने की खबरें और वीडियो सामने आए हैं। तालिबान को अगर इसकी जानकारी मिली, तो ये क्लासेस भी बंद होंगे और अफगानी लड़कियाँ शिक्षा और ज्ञान से दूर रहेंगी, ऐसा डर स्थानीय प्रशासन और समर्थकों को लग रहा है।

वहीं, अफगानिस्तान की महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों में चिंताजनक वृद्धि हुई है, ऐसा संयुक्त राष्ट्र संगठन की अफगानिस्तान में चल रही मुहिम ने कहा है। अफगानी महिलाओं के लिए यह एक किस्म की भयंकर महामारी होकर, इसके विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने एकजुट करने की आवश्यकता है, ऐसा राष्ट्र संगठन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा। इसी बीच, दो ही दिन पहले, तालिबान ने अफगानिस्तान की महिला पत्रकारों पर लगाए प्रतिबंध दुर्भाग्यपूर्ण हैं, ऐसा संयुक्त राष्ट्र संगठन ने कहा था।

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