चीन की आक्रामकता में भारी मात्रा में वृद्धि होते समय, ताइवान की ऑस्ट्रेलिया के पास सहायता की माँग

तैपेई/कॅनबेरा/बीजिंग – चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ द्वारा ताइवान के विरोध में कार्रवाइयों की व्याप्ति अधिक तीव्र होने के संकेत मिल रहे हैं। सोमवार को लगभग ५२ चिनी विमानों ने ताइवान के ‘एअर डिफेन्स आयडेंटिफिकेशन झोन’ (एडीआयझेड) में घुसपैठ की। इन्हीं विमानों ने पहली बार इतने बड़े पैमाने पर घुसपैंठ की है। चीन द्वारा लगातार जारी इस घुसपैंठ की पृष्ठभूमि पर, ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने, खतरे का सामना करने के लिए ऑस्ट्रेलिया अधिक सहायता करें, ऐसी माँग की है।

चीन की आक्रामकताशुक्रवार से रविवार के ७२ घंटों में चीन के लगभग ९३ विमानों ने ताइवान की हवाई सीमा में घुसपैंठ की थी। उसके बाद भी चीन द्वारा ताइवान पर दबाव अधिक ही बढ़ाने की कोशिशें जारी होने की बात सोमवार की इस घुसपैंठ से सामने आई है। सोमवार को घुसपैंठ करनेवाले विमानों में ३४ ‘शेनयांग जेजे-१६ फायटर जेट्स’ समेत १२ ‘एएच-६ बॉम्बर्स’, दो ‘शांक्सी ववाय-८ अँटी सबमरिन एअरक्राफ्टस्’, दो ‘केजे-५०० एअरबोन अर्ली वॉर्निंग अ‍ॅण्ड कंट्रोल एअरक्राफ्टस्’ और दो ‘एसएसयु-३० जेटस्’ का समावेश था।

चीन की आक्रामकताचीन की घुसपैंठ का प्रत्युत्तर देने के लिए ताइवान के हवाई बल ने फौरन लड़ाकू गश्ती विमान भेजे। उसके बाद रेडिओ वॉर्निंग देने के साथ ही ‘मिसाईल सिस्टिम’ तैनात की होने की जानकारी ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने दी। अगले हफ़्ते ताइवान ‘नॅशनल डे’ मनानेवाला है। इस उपलक्ष्य में ताइवान के रक्षा बलों द्वारा व्यापक प्रमाण में युद्धाभ्यास तथा संचालन का आयोजन किया गया है। रक्षा खर्च में की गई बड़ी वृद्धि की पृष्ठभूमि पर यह अभ्यास अहम माना जाता है। चीन द्वारा रिकॉर्ड स्तर पर शुरू हुई घुसपैंठ ‘नॅशनल डे’ तथा अभ्यास में अड़ंगे डालने की तथा दबाव बढ़ाने की कोशिश होने का दावा ताइवान के विश्लेषक कर रहे हैं।

चीन की हरकतों की तीव्रता बढ़ रही है, ऐसे में ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने, ऑस्ट्रेलिया के पास अधिक सहायता की माँग की है। ऑस्ट्रेलिया के न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में, गोपनीय जानकारी तथा सुरक्षा के मुद्दे पर अधिक सहयोग और आदान प्रदान अपेक्षित है, ऐसा विदेश मंत्री वु ने कहा है। ‘ताइवान की सुरक्षा की जिम्मेदारी ताइवान सरकार पर ही है, इसका हमें पूरा एहसास है। लेकिन चीन के विरोध में युद्ध की तैयारी करते समय ऑस्ट्रेलिया जैसे लोकतंत्रवादी देशों से सहायता मिलना अधिक उपयुक्त साबित होगा’, ऐसा ताईवानी विदेश मंत्री ने कहा। ऑस्ट्रेलिया के साथ ताइवान के संबंध होने का उल्लेख भी उन्होंने इस समय किया।

चीन की आक्रामकतापिछले महीने में अमरीका और ऑस्ट्रेलिया की ‘टू प्लस टू’ बैठक संपन्न हुई थी। इस बैठक के बाद दोनों देशों ने जारी किए संयुक्त निवेदन में, ताइवान के साथ संबंध अधिक मज़बूत करने की कोशिश से तेज करने का यक़ीन दिलाया था। अमरीका और ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘ऑकस डील’ भी किया होकर, उसके अनुसार ऑस्ट्रेलिया को परमाणु पनडुब्बियों की सप्लाई की जानेवाली है। ताइवान के विदेश मंत्री ने इसकी प्रशंसा करते समय, इससे ऑस्ट्रेलिया की ‘इंडो-पैसिफिक’ में आवाजाही अधिक बढ़ेगी, ऐसा दावा किया।

इसी बीच, चीन की ‘पीएलए’ द्वारा भेजे जानेवाले विमानों की बढ़ती संख्या यानी आक्रमण की तैयारी होने का दावा सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने किया है। लगातार भेजे जानेवाले विमानों के कारण चिनी पायलट्स को ताइवान के परिसर का अच्छा परिचय हुआ होकर, हमले के आदेश देने पर वे अनुभवी पायलट्स की तरह कार्रवाई करेंगे, ऐसा दावा ‘ग्लोबल टाईम्स’ के लेख में किया गया है।

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