अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष पर हुआ हमला – १० लोगों की मौत

काबुल – अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में उप-राष्ट्राध्यक्ष अमरुल्लाह सालेह के काफिले को लक्ष्य करने के लिए आतंकियों ने किए बम विस्फोट में १० लोगों की मौत हुई। उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह इस विस्फोट से सुरक्षित रहे उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह तालिबान और पाकिस्तान के कड़े विरोधक जाने जाते हैं। लेकिन, इस विस्फोट से अपना कुछ भी संबंध ना होने का दावा पाकिस्तान समर्थक तालिबान ने किया है। अफ़गानिस्तान की सरकार और ताबिलान की शांतिवार्ता कुछ घंटों में शुरू होनी थी तभी अफ़गानिस्तान भीषण विस्फोट से दहल उठा। इस विस्फोट के बाद राजधानी काबुल के साथ अन्य शहरों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।

बुधवार की सुबह अफ़गानिस्तान के उप-राष्ट्राध्यक्ष के गाड़ियों का काफिला काबुल की दिशा में जा रहा था। भीड़ की ज़गह पर यह काफिला पहुँचते ही उनकी गाड़ी के करीब भीषण विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह मामुली घायल हुए। विस्फोट के ठिकाने के इर्द-गिर्द कई दुकान होने के कारण इस विस्फोट में दस लोगों की मौत हो गई और ३० से अधिक घायल हुए। विस्फोट की तीव्रता देखकर इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ने का ड़र व्यक्त किया जा रहा है। विस्फोट के बाद उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने वीडियो जारी करके अपने सुरक्षित होने का संदेश दिया। साथ ही इस विस्फोट में मृत हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

बीते वर्ष हुए राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव से पहले भी सालेह के दफ़्तर पर हमला किया गया था। इस दौरान सालेह को दफ्तर से सुरक्षित निकाला गया था। उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह पाकिस्तान और तालिबान के कड़े विरोधक समझे जाते हैं। इसी वजह से वह हमेशा ही आतंकी संगठनों के निशाने पर रहते हैं। कुछ घंटे पहले ही उप-राष्ट्राध्यक्ष सालेह ने अफ़गान समाचार चैनल को मुलाकात देकर पाकिस्तान, तालिबान और ड्युरंड लाईन पर निशाना साधा था। ड्युरंड लाईन कमज़ोर सरकार ने खिंची हुई रेखा है इस पर चर्चा करके हल निकालना होगा, ऐसा कड़ा मत सालेह ने व्यक्त किया था। साथ ही वहां पर स्थित पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा चौकियां और गश्‍त पर सालेह ने आलोचना की थी। इसके अलावा अमरीका अफ़गानिस्तान में तैनात अपनी को सेना पीछे नहीं हटाएगी, यह विश्‍वास सालेह ने व्यक्त किया था। इस पृष्ठभूमि पर उन पर हुआ यह हमला ध्यान आकर्षित करता है।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने इस घटना का निषेध किया। इस हमले की विश्‍वभर से अलोचना की प्रतिक्रिया दर्ज़ हो रही है। भारत, नाटो और यूरोपिय महासंघ ने भी इस विस्फोट की घटना का निषेध किया है। आतंकियों के विरोध में लड़ने के लिए भारत अफ़गानिस्तान के साथ है। अफ़गानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए भारत कोशिश कर रहा है, यह बयान भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया है।

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