लीबिया से कुल ढ़ाई टन युरेनियम गायब – अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग की जानकारी

वियेना – गृहयुद्ध में फंसे लीबिया से कुल ढ़ाई टन युरेनियम आश्चर्यजनक ढंग से गायब हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों से साझा की। एक टन युरेनियम के भंड़ार से परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक 5.6 किलो सामान का निर्माण संभव है। इसकी वजह से लीबिया की यह घटना काफी सनसनीखेज मानी जा रही है।

लीबिया में युरेनियम के भारी भंड़ार होने की जानकारी स्पष्ट हुई थी। इसका इस्तेमाल करके लीबिया परमाणु बम बना सकता है या घातक देशों के लिए इसकी तस्करी कर सकता है, ऐसा आरोप अमरीका और पश्चिमी मित्रदेशों ने लगाया था। लीबिया के भंड़ार में संवर्धित युरेनियम, सेंट्रीफ्यूजेस और परमाणु बम बनाने का प्लान भी था। लेकिन, पश्चिमी देशों के साथ ताल्लुकात सुधारने के लिए साल 2003 में लीबिया की हुकूमत ने परमाणु बम न बनाने का निर्णय लिया। साल 2011 में नाटो की सेना ने लीबिया पर हमले करके कर्नल मुहम्मद गद्दाफी की हुकूमत खत्म कर दी। इसके बाद वहां के युरेनियम भंड़ार की निगरानी परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षक लगातार कर रहे थे।

पिछले साल आयोग के निरीक्षक लीबिया की यात्रा करके 10 बड़े ड्रम्स में रखे हुए युरेनियम का निरीक्षण करने वाले थे। लेकिन, लीबिया की सरकार और विद्रोहियों के बीच संघर्ष की वजह से निरीक्षकों ने लीबिया का दौरा नहीं किया। दो दिन पहले आयोग के निरीक्षकों ने इस जगह का निरीक्षण किया। इसके बाद ढ़ाई टन युरेनियम के 10 ड्रम्स गायब होने की बात स्पष्ट हुई।

सरकार और विद्रोहियों के संघर्ष में फंसे लीबिया से युरेनियम का इतना बड़ा बंड़ार गायब होने की वजह से आयोग के निरीक्षक काफी परेशान हैं। यह भंड़ार घातक शक्तियों के हाथ लगा तो इससे परमाणु बम बनाए जा सकते हैं, यह चिंता आयोग को सता रही है। लीबिया के गुट भी इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं या पैसों के लिए घातक शक्तियों को इसकी तस्करी कर सकते हैं, इस ओर सैन्य विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर परमाणु ऊर्जा आयोग ने राष्ट्राध्यक्ष के स्थायी सदस्यों को लीबिया की गतिविधियों की जानकारी प्रदान की है।

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