आर्टिफिशल इंटेलिजन्स की वहज से परमाणु विध्वंस होगा – ऑस्ट्रेलियन सांसद की चेतावनी

एडलेड – ‘हमारी सोच से परे सकारात्मक क्रांति आर्टिफिशल इंटेलिजन्स अर्थात ’एआय’ ने मानवी बुद्धीमत्ता की कक्षा पार कर ली, मानव के ध्येय से मेल नहीं किया तो यह मानवता के लिए खतरा साबित होगी। इसकी वजह से मानव को समय पर एआय पर नियंत्रण रखने की ज़रूरत है। वरना, एआय की बुद्धिमत्ता का विस्फोट हुआ तो विज्ञान, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और सामाजिक स्तर पर उन्नति करके सबकुछ बदल जाएगा। एआय की वजह से परमाणु विध्वंस, सर्वंकष विनाश भी होगा’, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलियन सांसद ज्युलियन हिल ने दी।

पिछले कुछ दिनों से ऑस्ट्रेलिया के शालेय एवं महाविद्यालय के छात्रों द्वारा एआय पर आधारित सॉफ्टवेअर की सहायता से सवालों के जवाब एवं निबंध तैयार करने की जानकारी स्पष्ट हो रही है। ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा क्षेत्र में यह बड़ी चिंता की बात साबित हो रही है। ऐसे सॉफ्टवेअर की वजह से परिक्षा का कोई मतलब ही नहीं रहेगा, मेहनत की आदत छूट जाएगी और छात्रों की प्रगति रुक जाएगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। इसका सीधा असर ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा प्रणाली पर पडेगा, ऐसी चेतावनी दी जा रही है। दो दिन पहले ऑस्ट्रेलिया की संसद में यह मुद्दा उठाया गया था।

सांसद ज्युलिअन हिल ने इसके लिए वर्णित सॉफ्टवेअर का इस्तेमाल करके बनाया गया भाषण संसद में पेश किया। इसमें एआय के इस्तेमाल से होने वाले लाभ विश्वभर में मानवता के लिए अच्छे हैं, ऐसा हिल ने कहा। औद्योगिक क्षेत्र के साथ स्वास्थ्य, परिवहन व्यवस्था और आर्थिक क्षेत्र में एआय का इस्तेमाल लाभदायी ही साबित हो रहा है। लेकिन, एआय पर आधारित ऐसे चैटबोट सॉफ्टवेअर का इस्तेमाल बढ़ा तो देशों की सुरक्षा के सामने बड़े सवाल निर्माण हो सकते हैं, इसका अहसास हिल ने कराया। एआय की वजह से बेरोजगारी बढ़ सकती है और इसका इस्तेमाल सायबर हमले और दुष्प्रचार के लिए भी किया जा सकता है, ऐसा इशारा हिल ने दिया।

एआय पर आधारित ऐसे सॉफ्टवेअर का इस्तेमाल रोकना है, राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे से बचना हो तो इससे संबंधित वाईट पेपर यानी श्वेत पत्र बनाने की जरुरत है। इसमें एआय के लाभ और खतरों को रेखांकित करते हुए इस पर काम करने की ज़रुरत है, ऐसा आवाहन ज्युलियन हिल ने किया।

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