भारत के नक्शे से अरुणाचल प्रदेश ना दिखानेवाली चीनी मोबाईल कंपनी पर बहिष्कार करने का आवाहन

नई दिल्ली – चीनी मोबाईल कंपनी शिओमी के मोबाईल में दिए गए ‘वेदर ऐप’ में अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा नहीं दिख रहा है। कंपनी की इस हरकत पर भारतीय नागरिकों ने ‘बायकॉट शिओमी ट्रेंड’ शुरू किया है। इस पर शिओमी ने यह तकनीकी कमी होने का कारण दिया है, फिर भी इस पर सवाल किए जा रहे हैं। चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा जता रहा है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश भारत के अंग होने को हम मंजूरी नहीं देते, यह बयान चीन ने हाल ही में किया था। इस पृष्ठभूमि पर चीनी कंपनी के मोबाईल ऐप्स में भारत के नक्शे से अरुणाचल प्रदेश गायब होना चीन के प्रचारतंत्र का हिस्सा साबित होता है। चीनी मोबाईल कंपनियां चीन की सरकार की नीति पर ही काम करती हैं, यह आलोचना भी हो रही है।

चीनी कंपनियां चीनी सेना के लिए काम करती हैं। इसी कारण वे सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित होती हैं, ऐसी आलोचना भी होती है। चीनी कंपनियां चीन के लिए जासूसी करती हैं, यह आरोप रखकर हुवेई कंपनी पर अमरीका के साथ कई देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही भारत ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर चीन के २१८ ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। इन कंपनियों के पास भारतीयों का डाटा सुरक्षित ना होने की बात सामने आयी थी। साथ ही अलिबाब जैसी चीन की बड़ी कंपनी पर अपने न्यूज ऐप्स के माध्यम से भारत के विरोध में फेक न्यूज प्रसारित करने के आरोप हुए थे। ऐसे में अब शिओमी कंपनी विवादों के घेरे में है।

अपने कम किमत के मोबाईल उतारकर चीनी कंपनियों ने बीते कुछ वर्षों में भारत के मोबाईल बाज़ार में कब्जा किया है। इन चीनी कंपनियों के मोबाईल की सुरक्षा को लेकर पहले भी सवाल किए जा रहे थे। लेकिन, यह कंपनियां किस तरह से चीन की नीति को आगे चला रही हैं, इसका नमुना शिओमी के मामले ने सामने लाया है। शिओमी ने अपने मोबाईल में दिए इन बिल्ट वेदर ऐप्स में अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया है। इससे शिओमी कंपनी पर बड़ी आलोचना होने लगी है। बीते कुछ वर्षों से भारत में सबसे अधिक कारोबार करनेवाली कंपनियों में शिओमी का भी नाम है। लेकिन, अब ‘बायकॉट शिओमी’ यानी शिओमी का बहिष्कार करने का आवाहन सोशल मीडिया में जोर पकड़ रहा है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में सरहदी क्षेत्र में ४४ पुलों का उद्घाटन किया था। इन पुलों का निर्माण जम्मू-कश्‍मीर, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड़ में हुआ है। इस पर प्रतिक्रिया दर्ज़ करते समय चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश भारत का प्रदेश होने को मंजूर ना होने का बयान किया था। इस क्षेत्र में भारत कर रहे बुनियादी सुविधाओं का निर्माण कार्य ही दोनों देशों के तनाव की जड़ है, यह बयान चीन ने किया था। इसके कुछ ही दिनों में शिओमी के वेदर ऐप में अरुणाचल प्रदेश भारत के नक्शे में दिखाई ना देना, यह संजोग ना होने की बात विश्‍लेषक कह रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.