इस्राइल की रक्षा के लिये खाडी क्षेत्र में अमरिकी सेना तैनात रहेगी ही – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प

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वॉशिंगटन – खाडी क्षेत्र में अमरिका की सेना की तैनाती मित्र देश इस्राइल की सुरक्षा के लिये रहेगी| इस्राइल की सुरक्षा य अमरिका की तैनाती का कारण रहेगा, यह ऐलान करके राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने खाडी क्षेत्र में तैनात सेना की वापसी करने की आशंका से इन्कार किया| साथ ही इस्राइल की सुरक्षा के विषय में अमरिका किसी भी स्वरूप का समझौता नही करेगा, यह संकेत भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने दिए है| वही, रशिया ने गाझापट्टी में हमास का नेता ‘इस्माईल हनिया’ को रशिया की यात्रा करने के लिये आमंत्रित किया है|

अमरिका ने खाडी क्षेत्र में की सेना की तैनाती पर ट्रम्प इनके विरोधी आलोचना कर रहे है| इंधन प्रदायक खाडी के देशों को अमरिकी सुरक्षा की जरूरत नही रही, ऐसी आलोचना अमरिकी सिनेट के कुछ डेमोक्रेट नेताओं ने की थी| साथ ही पत्रकार जमाल खशोगी हत्या मामले को लेकर अमरिका सऊदी अरेबिया के साथ बने लष्करी सहयोग से वापसी करे यह मांग भी अमरिकी सिनेट और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों ने की थी|

अमरिका के नामांकित समाचार पत्र से सेना की तैनाती को लेकर सवाल करनेवालों को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने प्रत्युत्तर दिया है| अमरिकी सेना की तैनाती इसके बाद भी कायम रहेगी, यह ट्रम्प इन्होंने इस मुलाकात में कहा है| ‘खाडी से हो रही इंधन की आयात सेना तैनाती का कारण नही हो सकती| क्यों की, अमरिका खुद इंधन का निर्माण कर रही है, इस वजह से इंधन का मुद्दा उतना अहम नही है| इस वजह से साफ है की, खाडी क्षेत्र में अमरिका ने की सेना की तैनाती की वापसी करने की मांग हो सकती है| लेकिन इस्राइल की सुरक्षा यह अमरिका ने खाडी क्षेत्र में की सेना की तैनाती का प्रमुख कारण है, यह राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा है|

कुछ दिन पहले ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने इस्राइल की सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित किया था| पत्रकार खशोकी की हत्या के बाद भी अमरिका की सऊदी के शुरू मित्रता में कमी नही होगी, यह भी ट्रम्प ने स्पष्ट किया था| साथ ही सऊदी के साथ मित्रता नही की तो, इस्राइल के सामने बडा संकट खडा होगा, यह कहकर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस्राइल और सऊदी की मित्रता काफी अहम है, यह स्पष्ट किया था| इस्राइल ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्षों के इस भूमिका का स्वागत किया था|

इस दौरान, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस्राइल की सुरक्षा के लिये अमरिकी सेना खाडी क्षेत्र में तैनात रहेगी, यह ऐलान करने के बाद कुछ ही घंटों में रशिया ने हमास को बातचीत के लिये बुलाया| हमास नेता हनिया ने गाझा में पत्रकारों को दी जानकारी में रशियन नेतृत्त्व ने बातचीत के लिये आमंत्रित किया है, यह कहा| रशिया के विदेश मंत्रालय ने भी हमास को आमंत्रित करने का ऐलान किया| पैलेस्टाइन के दो राजनीतिक गुट हमास और वेस्ट बैंक के फताह के बीच बातचीत कराने के लिये रशिया ने यह निमंत्रण भेजा है| उसके बाद इस्राइल और पैलेस्टाइन के बीच मध्यस्थता करने के लिये भी रशिया पहल करेगी, यह जानकारी रशिया के विदेश मंत्रालय ने दी है| पैलेस्टाइन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास इन्होंने अमरिका की मध्यस्थता ठुकराकर रशिया को मध्यस्थता करने के लिये दर्ख्वास्त की थी| उसके बाद रशिया ने यह भूमिका अपनाई है|

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