कट्टरपंथियों ने पूरे विश्‍व के खिलाफ जंग छेडी है – इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू

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जेरूसलम – इस्लाम धर्म के लाखों कट्टरपंथियों ने विश्‍व भर की स्वतंत्रता प्रेमी जनता के विरोध में जंग छेडी है| आज गाझा में जो भी कुछ शुरू है, वह इसी जंग का हिस्सा है| इस वजह से यह केवल इस्राइल की समस्या नही, बल्कि यह पूरे विश्‍व के सामने खडा हुआ प्रश्‍न है| लेकिन कुछ देशों को इस सत्य का स्वीकार करना नही है, यह इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू इन्होंने डटकर कहा है| गाझा में हमास और इस्राइल के बीच शुरू जंग यानी विश्‍वभर में शुरू युद्ध की छोटी झलक है, यह दावा इस्राइली प्रधानमंत्री ने किया है|

दो दिन पहले एक बैठक के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते वक्त इस्राइल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इन्होंने गाझापट्टी पर इस्राइली सेना ने की कार्रवाई का समर्थन किया| युरोपीय मित्र देशों ने इस्राइल ने गाझा पर की कार्रवाई की आलोचना की थी, फिर भी गाझा में हमास के खिलाफ शुरू जंग से इस्राइल वापसी नही करेगा, यह नेत्यान्याहू ने स्पष्ट किया| साथ ही गाझापट्टी में हमास के साथ शुरू संघर्ष की तरफ देखने का दृष्टिकोण बदले, ऐसी दर्ख्वास्त भी नेत्यान्याहू इन्होंने की|

लेबनान में हिजबुल्लाह और ईरान, अल कायदा, ‘आईएस’ या अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ विश्‍व भर में शुरू संघर्ष और इस्राइल का हमास के खिलाफ शुरू संघर्ष एक समान ही है, यह नेत्यान्याहू ने कहा है| ‘सभी नही, लेकिन इस्लाम धर्म के लाखों कट्टरपंथियों ने सभी लोगों के खिलाफ धर्मयुद्ध पुकारा है| उनका यह युद्ध विश्‍वभर की स्वतंत्रता प्रेमी जनता के खिलाफ है| उनकी यह संख्या पूरे विश्‍व में युद्ध भडकाने के लिये काफी बडी है| इस वजह से आज गाझा में जो कुछ शुरू है, वह विश्‍वभर में शुरू युद्ध की काफी छोटी झलक है, यह नेत्यान्याहू ने कहा|

‘जागतिक सुरक्षा के सामने यह बडी चुनौती है| लेकिन कुछ पश्‍चिमी देश इस सच्चाई का स्वीकार करने के लिये तैयार नही है| फिल हाल विश्‍वभर में धर्मयुद्ध भडक सकता है, यह उनके समझ से भी परे है| इसी लिये पश्मिची देश इस युद्ध में उतरने को तैयार नही| और इस कारण कट्टरपंथियों को इस युद्ध में जीत हासिल हो रही है, ऐसी कडी निंदा इस्राइल के प्रधानमंत्री ने की|

अल कायदा, ‘आईएस’ इन आतंकी संगठनों के विरोध में छोटी जीत प्राप्त करने से कुछ बिगडेगा नही| क्यों की, इन आतंकी संगठनों की पराभव से उनकी विचारधारा खत्म नही हो रही है, यह चिंता प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इन्होंने जताई| इस्लामधर्मियों के सुधारक गुटों को प्रबल करके उनके द्वारा कट्टरपंथियों को शह देना संभव हो सकता है| लेकिन यह युद्ध जितना है तो यह युद्ध शुरू है, यह स्वीकार करना होगा, यह भी नेत्यान्याहू इन्होंने डटकर कहा है|

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