अमरिका के ‘जेरुसलेम’ विषयक निर्णय को विरोध करने वाले देशों की अर्थसहायता रोकेंगे – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का कठोर इशारा

वॉशिंग्टन: संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरिका ने जेरुसलेम के बारे में लिए निर्णय के खिलाफ मतदान करने वाले देशों को अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कठोर इशारा दिया है। ‘इस निर्णय के खिलाफ मतदान करने वाले देशों को अमरिका की ओर से मिलने वाली अर्थसहायता को रोका जाएगा और इस वजह से अमरिका बहुत बड़ी बचत होगी’, ऐसा ट्रम्प ने कहा है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्रसंघ की अमरिकी राजदूत निक्की हॅले ने भी अमरिका के खिलाफ मतदान करने वाले देशों को डांटा था।

‘आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इस्लामिक कौंसिल’ (ओआईसी) और अरब देशों ने किए आवाहन के बाद आने वाले कुछ घंटों में संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा का आयोजन किया जाने वाला है। इस आमसभा के माध्यम से अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ‘जेरुसलेम’ के बारे में लिए निर्णय का विरोध करने की तैयारी ‘ओआईसी’, पॅलेस्टाईन समर्थक साथ ही ट्रम्प विरोधकों ने किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ की परिषद के अनुसार अमरिका इस आमसभा के निर्णय के खिलाफ नकाराधिकार इस्तेमाल नहीं कर सकता। इस पृष्ठभूमि पर, अमरिका ने राष्ट्रसंघ और सभी सदस्य देशों को इशारा दिया है।

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संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा में होने वाले मतदान की तरफ अमरिका की बारीक़ नजर है, ऐसा ट्रम्प ने व्हाईट हाउस के पत्रकारों की बैठक में कहा है। ‘अमरिका की ओरसे सालों से अरबों डॉलर्स की सहायता लेने वाले देशों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरिका के खिलाफ मतदान किया था। लेकिन इसके आगे ऐसा होने वाला नहीं है। अमरिकी जनता का पैसा इस तरह से बेकार नहीं जाने देंगे। अमरिका की अर्थसहायता का फायदा उठाने नहीं देंगे। अमरिकी जनता को भी ऐसे देशों से परेशान हुई है। अमरिका के खिलाफ भूमिका स्वीकारने वाले देशों की अर्थसहायता रोकी जाएगी। यह निर्णय लेते समय अमरिका को किसी की भी परवाह नहीं होगी। इस वजह से अमरिका की बड़ी बचत होगी’, ऐसा इशारा ट्रम्प ने दिया है।

उसीके साथ ही अमरिकी राजदूत निक्की हॅले ने कुछ घंटों पहले राष्ट्रसंघ के सदस्यों को दिए हुए इशारे की भी ट्रम्प ने स्वागत किया है। हॅले ने अमरिका के विरोधकों को उचित सन्देश दिया है, ऐसा ट्रम्प ने कहा है। जेरुसलेम के निर्णय को विरोध करने वाले देशों का पर्दाफाश करने का इशारा हॅले ने कुछ घंटो पहले दिया था। इजराइल में स्थित अमरिकी दूतावास स्थानांतरित करने का निर्णय सर्वस्वी अमरिका का है और अमरिका की इस अर्थसहायता पर जीने वाले देशों ने विरोध किया तो संबंधित देशों पर कार्रवाई करने के संकेत भी हॅले ने दिए थे।

दौरान, ट्रम्प ने दिए इशारे के बाद हॅले ने राष्ट्रसंघ के सदस्य देशों को संबोधित करते हुए एक खत भेजा है। इस खत में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के निर्णय के खिलाफ मतदान न करें, ऐसा स्पष्टरूपसे सूचित किया गया है, ऐसा हॅले ने कहा है।

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