रशिया-यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर नाटो और जॉर्जिया के संयुक्त युद्धाभ्यास का ऐलान

nato-georgia-2तबिलिसी/मास्को – रशिया-यूक्रैन युद्ध की तीव्रता दो हफ्ते होने के बाद भी प्रतिदिन अधिकाधिक बढ़ रही है। इस पृष्ठभूमि पर नाटो ने रशिया के पड़ोसी देश जॉर्जिया के साथ युद्धाभ्यास का ऐलान किया है। यह युद्धाभ्यास अगले हफ्ते होगा। यूक्रैन के साथ ही जॉर्जिया ने भी नाटो की सदस्यता की माँग की थी। लेकिन, पिछले कुछ सालों में इसकी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है और नाटों ने सिर्फ जुबानी वादे करके जॉर्जिया को बीच में लटकाने की बात कही जा रही है।

nato-georgia-1जॉर्जिया के ‘जॉईंट ट्रेनिंग ऐण्ड इवैल्युएशन सेंटर’ (जीटीईसी) में २० से २५ मार्च के दौरान संयुक्त युद्धाभ्यास का आयोजन होगा। इस युद्धाभ्यास में नाटो के २३ सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। युद्धाभ्यास में सायबर क्षेत्र की चुनौतियाँ एवं ‘कम्प्युटर सिम्युलेशन’ की सहायता से युद्ध के नियोजन पर जोर दिया जाएगा। साल २०१६ के बाद आयोजित हो रहा यह तीसरा संयुक्त युद्धाभ्यास है। साल २०२० से इसका नियोजन जारी था, यह जानकारी जॉर्जिया के रक्षा विभाग ने प्रदान की।

जॉर्जिया पिछले दो दशकों से नाटो का सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है। रशिया ने इस पर गुस्सा होकर साल २००८ में जॉर्जिया पर हमला किया था। पांच दिन चले इस युद्ध के बाद रशिया ने ‘साऊथ ऑसेटिया’ और ‘अब्खाझिया’ प्रांतों को स्वतंत्र देश के तौर पर स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद भी जॉर्जिया ने नाटो की सदस्यता पाने की कोशिश जारी रखी है। साल २०१४ में वेल्स समिट में नाटो ने जॉर्जिया को सदस्य के तौर पर स्वीकारने की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया था। लेकिन, इसके बाद किसी भी तरह के कदम नहीं उठाए गए और सिर्फ जुबानी वादे किए जा रहे हैं।

रशिया-यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद जॉर्जिया से सावधान प्रतिक्रिया आई थी। नाटो और पश्‍चिमी देशों ने साल २००८ के युद्ध से सीख ली होती तो आज यूक्रैन में युद्ध नहीं छिड़ता, यह दावा जॉर्जिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मिखाईल साखश्‍विली ने किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.