पाकिस्तान के खिलाफ कठोर भूमिका लेने वाले, ट्रम्प का अफगानी जनता की तरफ से सम्मान

कबूल: ‘पिछले १६ सालों में पहली बार अमरिकी नेतृत्व ने पाकिस्तान के खिलाफ इतनी कठोर भूमिका ली है, ऐसा कहकर अफगानी जनता ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प को शौर्य पदक से सम्मानित करने का फैसला किया है’, ऐसी घोषणा अफगानिस्तान के लोगार प्रान्त के एक अधिकारी ने की है। इस के पहले अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने भी ट्रम्प की पाकिस्तान विषयक नीति की प्रशंसा की थी।

अफगानिस्तान के पूर्व में स्थित लोगार प्रान्त के ‘सादत’ इस टोली के प्रमुख ‘सईद फरहाद अकबरी’ ने एक रेडियो चैनल के साथ बोलते समय इस विषय में जानकारी दी है। कुछ दिनों पहले लोगार प्रान्त के लगभग ३०० लोगों के ‘जिरगा’ के सामने स्थानियों ने डोनाल्ड ट्रम्प के सम्मान का प्रस्ताव रखा था। ‘जिरगा’ ने मंजूरी देने के बाद नागरिकों ने ट्रम्प को सोने का पदक देकर सम्मानित किया है। लोगार की जनता ने सुवर्ण पदक तैयार करने की जानकारी अकबरी ने दी है।

इस पदक पर ‘अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प को अफगानी जनता की तरफ से यह शौर्य पदक दिया जा रहा है’, यह सन्देश लिखा है ऐसा अकबरी ने कहा है। इस पदक को तैयार करने के लिए नागरिकों ने खुद पैसा जमा करके सोना ख़रीदा है। इस पदक के निर्माण के लिए लगभग ६४५ डॉलर्स का सोना खरीदना पड़ा है, ऐसा दावा अकबरी ने किया है। चार दिनों पहले राजधानी कबूल में स्थित अमरिका के राजदूत ‘जॉन आर. बॉस’ को यह पदक सौंपा गया है। यह पदक जल्द ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को सौंपा जाएगा, ऐसा आश्वासन बास ने दिया है, ऐसा अकबरी ने कहा है।

अफगानिस्तान की जनता ने पहली बार अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का इस तरह से सम्मान किया है। इस के लिए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की पाकिस्तान और आतंकवाद विरोधी भूमिका जिम्मेदार होने की जानकारी अकबरी ने दी है। ‘अफगानिस्तान में चल रहा आतंकवाद और अस्थिरता के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान के खिलाफ अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष कठोर भूमिका लेंगे, पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएँगे, इस बात का अफगानी जनता पिछले १६ सालों से इंतजार कर रही है। लेकिन ऐसा कभी हुआ ही नहीं’, ऐसी टीका अकबरी ने की है। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पिछले कुछ हफ़्तों में पाकिस्तान के खिलाफ अपनाई भूमिका और पाकिस्तान को दिया हुआ इशारा इस वजह से अफगानी जनता का पिछले कई सालों का इंतजार खत्म हुआ है, ऐसा भी अकबरी ने कहा है।

दो हफ़्तों पहले नए साल की पृष्ठभूमि पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने, पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की नहीं है, ऐसा आरोप लगाकर पाकिस्तान को दी जाने वाली लष्करी मदद रोकी थी। साथ ही पाकिस्तान ने पडौसी देशों में अस्थिरता निर्माण करने वाले आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई नहीं की तो अधिक आक्रामक भूमिका अपनाने का इशारा ट्रम्प ने दिया था।

पिछले वर्ष अगस्त महीने में पाकिस्तान में आतंकवादियों का सुरक्षित स्वर्ग होने का आरोप राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने लगाया था। ट्रम्प की इस टीका का बहुत बड़ा दबाव पाकिस्तान पर आया है। जल्द ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प पाकिस्तान को सबक सिखाने वाले भुत कठोर निर्णय लेंगे, ऐसी चिंता पाकिस्तान के विश्लेषक कर रहे हैं। चीन, रशिया और ईरान इन देशों से सहायता लेकर पाकिस्तान अमरिका के दबाव का सामना करे,ऐसी सलाह पाकिस्तान के कट्टरपंथी दे रहे हैं।

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