११ लाख अफ़गान बच्चों को तीव्र कुपोषण का सामना करना पड़ेगा – संयुक्त राष्ट्रसंघ की चेतावनी

इस्लामाबाद – रशिया-यूक्रेन युद्ध की वजह से पूरे विश्‍व में अनाज़ की कीमतें उछाल पर हैं। विकसनशील देशों की तरह पश्‍चिमी देशों के सामने भी अनाज़ का संकट खड़ा हुआ है। लेकिन, इसका सबसे बड़ा असर अफ़गानिस्तान पर हो रहा है और वहां की अनाज़ की किल्लत भीषण हुई है, यह इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दिया। इस साल अफ़गानिस्तान के पांच वर्ष से कम उम्र के ११ लाख बच्चों को तीव्र कुपोषण का सामना करना पडेगा, ऐसी चेतावनी राष्ट्रसंघ ने दी है।

कुपोषण का सामनातालिबान ने पिछले साल अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद संयुक्त राष्ट्रसंघ और पश्‍चिमी देशों ने इशारा दिया था कि, अफ़गान जनता को भीषण भुखमरी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही अमरीका, यूरोपिय देश और संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अफ़गान जनता के लिए शीघ्र आर्थिक और राहत सहायता देने का ऐलान किया था। इसके बावजूद अफ़गान जनता की भुखमरी की समस्या का हल नहीं निकला है, यह बात संयुक्त राष्ट्रसंघ की नई रपट से सामने आयी है।

अफ़गानिस्तान में गरीबी और बेरोज़गारी बढ़ रही है। इसी दौरान यूक्रेन युद्ध की वजह से अफ़गानिस्तान को प्राप्त हो रही राहत सहायता भी कम हुई है, इस पर राष्ट्रसंघ की रपट ने ध्यान आकर्षित किया है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर अफ़गान परिवारों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हुआ है। संयुक्त राष्ट्रसंघ के ‘युनिसेफ’ ने बनायी रपट के अनुसार इस साल पांच साल से कम उम्र के ११ लाख अफ़गान बच्चों को तीव्र कुपोषण का सामना करना पड़ सकता है।

साल २०१८ की तुलना में अफ़गानिस्तान में कुपोषित बच्चों की संख्या दोगुनी बढ़ने का बयान इस रपट में किया गया है। इसके लिए युनिसेफ ने मार्च में अस्पताल में दाखिल हुए कुपोषित बच्चों के मामले दर्ज़ किए हैं। साल २०२० के मार्च में पांच साल से कम आयु के १६ हज़ार कुपोषित बच्चों को अफ़गान अस्पातालों में दाखिल करना पड़ा था। पिछले साल इनकी संख्या १८ हज़ार थी। इस साल ऐसे कुपोषित बच्चों की संख्या २८ हज़ार से अधिक होने की गंभीर चिंता युनिसेफ ने जतायी।

इसी बीच, अफ़गानिस्तान में बढ़ रही कुपोषण की समस्या दूर करने के लिए अफ़गानिस्तान में बड़े राजनीतिक बदलाव की आवश्‍यकता है। वरना इस देश का कुपोषण और अनाज़ की किल्लत की समस्या आनेवाले दिनों में अधिकाधिक भयंकर होगी, यह चेतावनी राष्ट्रसंघ दे रहा है।

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