हॉंगकॉंग में चीन विरोधी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई – उद्यमी एवं नेताओं की गिरफ्तारी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉंगकॉंग: चीन समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय ‘कोरोना व्हायरस’ की महामारी के विरोध में उपाय करने में व्यस्त है और तभी हॉंगकॉंग की चीन समर्थक प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करना शुरू किया है| शुक्रवार के दिन हॉंगकॉंगक के प्रदर्शनों में शामिल हुए एवं समर्थक उद्यमी एवं विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार किया गया| अगस्त महीने में चीन के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए और बिना अनुमति निकाले गए मोर्चे में शामिल होने का आरोप इन लोगों पर रखा गया है|

हॉंगकॉंग में जनतांत्रिक प्रदर्शन को आर्थिक सहायता करनेवाले उद्यमी जिम्मी लाय और ली चेउक यान एवं येउंग सुम को शुक्रवार के दिन हॉंगकॉंग पुलिस ने हिरासत में लिया| जिम्मी लाय यह हॉंगकॉंग के माध्यम क्षेत्र की शीर्ष नेक्स्ट डिजिटल कंपनी के प्रमुख है| यह कंपनी एपल डेली नाम का समाचार पत्र प्रसिद्ध करती है|

यह समाचार पत्र जनतांत्रिक प्रदर्शनों का समर्थन करनेवाला प्रमुख व्यासपीठ के तौर पर जाना जाता है| हॉंगकॉंग में पीछले वर्ष हुए चीन विरोधी प्रदर्शनों को जिम्मी लाय ने बडी मात्रा में आर्थिक सहायता प्रदान की थी, यह कहा जा रहा है| लाय को इससे पहले वर्ष २०१४ में जनतांत्रिक प्रदर्शनों में शामिल होने के कारण गिरफ्तार किया गया था| उस समय भी उनके घर पर छापा किया गया था|

ली चेउक यान’ यह हॉंगकॉंग की लेबर पार्टी के नेता है| येउंग सुम विधिमंडल के भूतपूर्व सदस्य एवं डेमोक्रैटिक पार्टी के प्रमुख रह चुके है| लाय समेत यान और सुम यह दोनों नेता अगस्त २०१९ में हॉंगकॉंग में हुए प्रदर्शनों में शामिल हुए थे| चीन सरकार ने हॉंगकॉंग में जनतांत्रिक पद्धती से चुनाव करने से इन्कार किया था| इसी मुद्दे पर इस मोर्चे का आयोजन किया गया था|

गिरफ्तार किए गए तीनों में से कोई भी इस मोर्चे का आयोजक नही था, फिर भी बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई है, यह आरोप स्थानिय नेता?एवं विश्‍लेषक कर रहे है| चीन समेत हॉंगकॉंग में भी ‘कोरोना व्हायरस’ की महामारी के चलते डर का माहौल बना है और प्रदर्शन एवं मोर्चे पर पाबंदी लगी है| ऐसी पृष्ठभूमि पर यकायक पीछले वर्ष के प्रदर्शनों का मुद्दा सामने लाकर हॉंगकॉंग प्रशासन ने यह कार्रवाई करना ध्यान?आकर्षित करनेवाल साबित हुआ है|

हॉंगकॉंग की जनता ने पिछले वर्ष चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत ने थोंपें कानुन के विरोध में बडा प्रदर्शन खडा किया था| हॉंगकॉंग की चीन समर्थक सरकार ने कानून पीछे लेने का निर्णय करने के बाद भी अन्य मांगों के लिए जनता ने प्रदर्शन शुरू रखा था| यह प्रदर्शन यानी चीन की हुकूमत को मिली सबसे बडी चुनौती होे की बात समझी जा रही है| यह चुनौती खतम करने के लिए चीन ने लष्करी कार्रवाई करने की धमकी भी दी थी|

पर, इस धमकी की परवाह किए बिना प्रदर्शन जारी रहने से चीन को लष्करी कार्रवाई की धमकी देने से पीछे हटना पडा था| पर, साथ ही हॉंगकॉंग की चीन समर्थक सरकार ने करीबन सात हजार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करके अपनी कार्रवाई जारी रखने के संकेत दिए| इस कार्रवाई के दौरान कई प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी और सैकडों लोग घायल भी हुए थे| इस पर आलोचना होने के बाद हॉंगकॉंग के चीन समर्थक प्रशासन ने अपनी नीति में बदलाव नही किया है, यह बात शुक्रवार के दिन की गई इस नई कार्रवाई से दिख रहा है|

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