अमरीका-यूरोप की माँग घटने से चीन की अर्थव्यवस्था पर बढ़ा दबाव

बीजिंग – राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने अपनाई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का नुकसान उठा रही चीन की अर्थव्यवस्था के सामने अब नई चुनौती खड़ी हुई है। अमरीका और यूरोप जैसे प्रमुख बाज़ार से ग्राहकों के उपयोगी सामान की माँग घटने लगी है। इसका सीधा असर चीन के उत्पादन क्षेत्र की कंपनियों पर पड़ रहा है और चीनी कंपनियों के सामान की माँग लगभग ३० प्रतिशत कम होने की जानकारी दी गई है। महंगाई का विस्फोट और ‘कॉस्ट ऑफ लीविंग क्राइसिस’ की वजह से पश्चिमी जनता ने खरीद घटाने की वजह से यह स्थिति निर्माण होने का दावा विश्लेषक और विशेषज्ञों ने किया।

पिछले कुछ महीनों से चीन में लगातार कोरोना के नए विस्फोट होते देखे गए हैं। इनमें राजधानी बीजिंग एवं आर्थिक केंद्र शांघाई में हुआ विस्फोट ध्यान आकर्षित कर रहे थे। इन विस्फोटों पर काबू पाने के लिए चीन की हुकूमत ने ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ का बड़ी कठोरता से कार्यान्वयन किया था। इससे चीन के उत्पादन क्षेत्र एवं वैश्विक सप्लाई चेन को सीधा नुकसान पहुंचा था। चीन की इस नीति पर नाराज़ हुए कई विदेशी कंपनियों ने अपने ‘ऑर्डर्स’ में बदलाव करने के एवं स्थगित करने के निर्णय किए थे। इसका असर चीन के उत्पादन क्षेत्र पर पड़ा और इस दौरान इस क्षेत्र की लगभग तीन प्रतिशत गिरावट हुई थी।

‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करने के बाद उत्पादन और सप्लाई चेन सामान्य होगी, यह उम्मीद जतायी जा रही थी। लेकिन, पश्चिमी देशों में रशिया-यूक्रेन युद्ध के तीव्र परिणाम हुए हैं और महंगाई काफी बड़े उछाल पर है। इस उछलती महंगाई के कारण पश्चिमी नागरिकों की खरीदने की क्षमता कम हुई है। इस वजह से खरीद की मात्रा भी कम हुई है। कई कंपनियों के पास आयात उत्पादन बड़ी मात्रा में पड़ा है। इसका असर आयात पर हुआ हैं और बड़ी कंपनियों ने भी आयात कम कर दी है। आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषकों ने भी आयात कम होने के पीछे यही वजह होने की बात स्वीकार की है।

विदेशों में कम हुई माँग की वजह से चीनी कंपनियाँ उत्पादन घटाने के लिए मज़बूर हैं। कुछ चीनी कंपनियों ने उत्पादन की माँग ३० से ४० प्रतिशत कम होने की बात स्वीकारी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था को अगले एक से दो सालों में आर्थिक मंदी नुकसान पहुँचाएगी, ऐसे अनुमान प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने भी व्यक्त किए हैं। पश्चिमी देशों में माँग कम होने के पीछे संभावित मंदी का ड़र भी प्रमुख घटक होने की बात सामने आयी है।

चीन की अर्थव्यवस्था आज भी निर्यात पर आधारित है। अमरीका और यूरोपिय देशों के व्यापार से चीन ने अब तक भारी लाभ उठाया है और चीन के आर्थिक विकास का यह प्रमुख घटक बना है। लेकिन, अब विदेश से माँग कम होने से चीन के निर्यात पर आधारित अर्थव्यवस्था पर काफी ज्यादा भार निर्माण हुआ है। ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से चीनी अर्थव्यवस्था को पहले से काफी नुकसान पहुँचा है और अब यह नई चुनौती सामने आना चीनी अर्थव्यवस्था को निचले स्तर पर पहुँचाएगी, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

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