मालदीव के करीबी समुद्री क्षेत्र में गिरे चीनी रॉकेट के अवशेष

वॉशिंग्टन – चीन ने प्रक्षेपित किए रॉकेट के हिस्से आखिर में मालदीव के करीबी समुद्री क्षेत्र में गिरे। २९ अप्रैल के दिन चीन ने यह रॉकेट प्रक्षेपित किया था। लेकिन, नियंत्रण टूटने से इसके हिस्से धरती पर गिरने का खतरा निर्माण हुआ था। अमरीका और यूरोपिय देशों की यंत्रणा इस रॉकेट पर नज़र रखे हुए थे। लेकिन, इस रॉकेट के हिस्से समुद्री क्षेत्र में गिरने से बड़ा नुकसान टल गया। इसके बाद अमरीका के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ‘नासा’ ने चीन की इस नाकामयाबी की कड़ी आलोचना की है।

समुद्री क्षेत्र

चीन के समय के अनुसार सुबह के १०.२४ बजे यह रॉकेट मालदीव के करीबी समुद्री क्षेत्र में गिरा। इससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है, ऐसा बयान करके चीन अपना बचाव कर रहा है। लेकिन, चीनी रॉकेट के इस असफल प्रक्षेपण पर अमरीका की ‘नासा’ संगठन के अफसर बिल नेल्सन ने कड़ी आलोचना की है। अंतरिक्ष मुहिम चला रहे देश अपना प्रक्षेपित किया हुआ रॉकेट दोबारा पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करके धरती से नहीं टकराएगा, इस बात का ध्यान रखने की उम्मीद होती है। लेकिन, इससे संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा और मानक का पालन करने में चीन असफल रहा, ऐसा बयान बिल नेल्सन ने किया।

अंतरिक्ष मुहिम चलानेवाले देशों ने जनता की जान के लिए खतरा निर्माण नहीं होगा, इस बात का ध्यान ना रखना बड़ा गैरज़िम्मेदाराना रवैया साबित होता है, ऐसा कहकर नेल्सन ने चीन की इस नाकामी पर ध्यान आकर्षित किया। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाईम्स ने इस मामले में चीन पर बेवजह आलोचना हो रही है, ऐसी झल्लाहट की है। धरती से छोड़ा जानेवाला हर रॉकेट गिरने का खतरा होता ही है। पृथ्वी का ७० प्रतिशत हिस्सा समुद्र है, इस वजह से अब तक रॉकेट गिरने से नुकसान होने के मामले नहीं हुए हैं, यह दावा ग्लोबल टाईम्स ने किया।

इसके बावजूद अमरिकी माध्यम इस मामले में चीन की आलोचना कर रहे हैं। कम समय में चीन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में की हुई प्रगति पश्‍चिमी देशों को बर्दाश्‍त नहीं होती। इसी वजह से वे ईर्ष्या की भावना से यह आलोचना कर रहे हैं, इसके पीछे चीन विरोधी राजनीति होने का आरोप ग्लोबल टाईम्स ने लगाया है। चीन की इस असफलता का मुद्दा अमरीका विश्‍वभर में उठाकर इस ओर ध्यान आकर्षित कर रही है। अंतरराष्ट्रीय जनमत को चीन के खिलाफ करने के कोशिश की जा रही है। लेकिन, अमरीका के इस प्रचार को चीन ने जवाब देने की आवश्‍यकता है। इसी वजह से चीन इस मुहिम की सभी जानकारी और ब्यौरा सार्वजनिक करे, ऐसी सलाह भी ग्लोबल टाईम्स ने चीन की सरकार को प्रदान की है।

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