कोरोना की दूसरी लहर के डर से शेअर मार्केट और ईंधन के दामों में गिरावट

वॉशिंग्टन/बीजिंग – कोरोनावायरस की महामारी की दूसरी लहर धड़की है, ऐसी चेतावनी अमरीका के वैद्यक क्षेत्र के वरिष्ठ संशोधक विल्यम शाफनर ने दी। अमरीका और चीन इन अग्रसर देशों में कोरोनावायरस के मरीज़ों की संख्या फिर एक बार बढ़ रही होने के कारण शाफनर की चेतावनी ग़ौरतलब साबित होती है। कोरोना की दूसरी लहर का डर आंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को फिर से झटका देगा ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे होकर, शेअर मार्केट तथा ईंधन के दामों में बड़ी गिरावट शुरू हुई है।Dr William Schaffner

कोरोना महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने के लिए अमरीका में लागू किया गया लॉकडाउन हटाया गया है। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कारखाने, मॉल्स, शिक्षणसंस्थाएँ इनके साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों को भी धीरे धीरे अनुमति दी जा रही है। यह प्रक्रिया प्राथमिक चरण में होते हुए ही, फिर एक बार कोरोना के मरीज़ों की संख्या बड़े पैमाने पर बढ रही है, यह बात सामने आ रही है। इसपर ग़ौर फ़रमाते समय, अमरीका की ‘व्हॅण्डरबिल्ट युनिव्हर्सिटी’ के प्राध्यापक और देश के अग्रसर वैद्यक विशेषज्ञ विल्यम शाफनर ने, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बारे में चेतावनी दी।

‘महामारी की दूसरी लहर इससे पहले ही शुरू हुई है। हम देश का जनजीवन फिर से पहले जैसा करने के लिए कदम उठा रहे हैं। जनता द्वारा अभी भी सोशल डिस्टंसिंग और मास्क के संदर्भ में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। नागरिक एहतियात बरत नहीं रहे हैं। इससे कोरोनावायरस का फिर एक बार बड़े पैमाने पर फैलाव होने का ख़तरा है’, ऐसा शाफनर ने जताया। शॉपनर की चेतावनी की पुष्टि करनेवाले आँकड़ें अमरीका एवं चीन इन दोनों देशों से सामने आ रहे हैं।

पिछले तीन दिनों में, चीन की राजधानी बीजिंग में कोरोना के संक्रमण के ८० से भी अधिक मामलें सामने आये हैं। राजधानी बीजिंग का कुछ भाग लॉकडाउन किया गया होकर, लगभग ४० हज़ार से अधिक नागरिकों का परीक्षण शुरू किया होने की जानकारी स्थानिक स्वास्थ्य यंत्रणा ने दी। बीजिंग के अलावा, महामारी का उद्गमस्थान माने जानेवाले वुहान में तथा अन्य शहरों में भी कुछ मामलें सामने आने की शुरुआत हुई है। इससे, चीन में कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के संदर्भ में किये जानेवाले दावों की पुष्टि हो रही है।Corona effect stock market

अमरीका में भी गत तीन दिनों से लगातार कोरोना के मरीज़ों में बढ़ोतरी होती दिखायी दे रही है। १२, १३ और १४ जून ऐसे लगातार तीन दिन अमरीका में कोरोना के २० हज़ार से अधिक मरीज़ पाये गये हैं। टेक्‍सास, फ्लोरिडा, कॅलिफोर्निया इन प्रमुख राज्यों के साथ अमरीका के १० राज्यों में बड़ी मरीज़संख्या दर्ज़ की गयी है। रविवार को दी गयी जानकारी के अनुसार, अमरीका में कोरोना से संक्रमित हुए मरीज़ों की संख्या २१ लाख ५० हज़ार पर जा पहुँची है।

अमरीका तथा चीन में शुरू हुई कोरोना के इस दूसरी लहर की गूँजें आंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में भी सुनायीं देने लगीं हैं। सोमवार को अमरीका समेत युरोप तथा एशियाई देशों के शेअर मार्केट्स बुरी तरह लुढ़क  गये हैं। अमरीका का ‘डो जोन्स’ यह प्रमुख शेअर निर्देशांक पूरे ७०० अंकों से गिरा। युरोप के प्रमुख शेअर मार्केट्स एक से डेढ़ प्रतिशत से फिसले होकर, एशियाई देशों को भी बड़ा झटका लगा है। दक्षिण कोरिया का शेअरमार्केट लगभग पाच प्रतिशत से गिरा होकर, जापान के निर्देशांक में साढ़ेतीन प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ की गयी। चीन, हाँगकाँग और भारत के शेअर निर्देशांकों को भी ज़बरदस्त झटका सहना पड़ा।

शेअरमार्केट के पीछे पीछे ईंधन क्षेत्र में भी गिरावट की शुरुआत हुई है। अमरीका में क्रुड़ ऑईल की दरें चार प्रतिशत से अधिक गिरीं होकर प्रति बॅरल ३४.७५ डॉलर्स तक नीचे आये हैं। वहीं, आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ईंधन के दाम ढ़ाई प्रतिशत से लुढ़ककर प्रति बॅरल ३७.७५ डॉलर्स दर्ज़ किये गए। ईंधन की माँग में अभी भी कमी बरक़रार है; अत: आनेवाले समय में दरें अधिक फिसलने के संकेत विशेषज्ञों से दिये गए हैं।

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