दुनियाभर में मात्र चौबीस घंटों में कोरोना के एक लाख से भी अधिक मामलें

वॉशिंग्टन, (वृत्तसंस्था) – मात्र चौबीस घंटों में दुनियाभर में सात हज़ार से भी अधिक कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है और इस दौरान एक लाख से भी अधिक नए मामले सामने आए हैं। इनमें से दो-तिहाई मामलें अमरीका, रशिया, ब्राज़िल और भारत में होने की जानकारी जॉन हॉपकिन्स विश्‍वविद्यालय ने साझा की है।

जॉन हॉपकिन्स विश्‍वविद्यालय, वर्ल्डओमीटर, युरोपिय महासंघ और जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने प्रदान की हुई जानकारी के अनुसार, पिछले चौबीस घंटों में दुनियाभर में अबतक के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। इन चौबीस घंटों में दुनियाभर में ७,४०० से भी अधिक कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई हैं और १,०६,६६२ मामले सामने आए हैं। युरोप समेत कुछ देशों ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लॉकडाउन शिथिल किया है और इससे कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ी होने का दावा किया जा रहा है।

इस महामारी के कारण अमरीका में बुधवार के दिन १,५६१ मरीज़ों की मौत हुई और २४ हज़ार से भी अधिक नए कोरोना संक्रमित देखें गए हैं। तभी युरोप में इस दौरान १,७०० से अधिक कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ा है और १८ हज़ार से भी अधिक मरीज़ सामने आए हैं। इनमें से सबसे अधिक ५,६३० मरीज़ इटली में और २,६१५ मरीज़ ब्रिटन में देखें गए हैं। ब्राज़िल में कोरोना से मरनेवालों की संख्या ड़रावनी तरिके से बढ़ रही है। बुधवार के दिन ब्राज़िल में ९११ कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ा है और एक ही दिन में बीस हज़ार से भी अधिक मरीज़ देखें गए हैं। ऐसें में रशिया में कुल १२७ कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई हैं और ८,८४९ नए मामले सामने आए हैं।

इसी बीच, इस महामारी की जानकारी छिपानेवाले चीन से बड़ा हर्ज़ाना वसूल करने की तैयारी अमरीका ने की है। साथ ही अमरीका ने चीन को व्यापारी एवं लष्करी स्तर पर मुश्‍किलों में फँसाने की शुरूआत की है। चीन के साथ संबंध काफ़ी हद तक बिगड़ रहें हैं और तभी अमरीका ने रशिया के साथ विशेष सहयोग स्थापित करने की भी शुरूआत की हैं। इस सहयोग की पृष्ठभूमि पर अमरीका अब रशिया को दो सौ वेंटिलेटर्स प्रदान कर रही हैं और इनमें से पहले पचास वेंटिलेटर्स गुरुवार के दिन रशिया में उतारें गए। अमरीका ने की हुई इस वैद्यकीय सहायता का रशिया ने स्वागत किया। तभी इस संकट के दौर में अमरीका और रशिया ने जीवित नुकसान टालने के लिए एक होने की ज़रूरत हैं, ऐसी प्रतिक्रिया रशिया में स्थित अमरिकी दूतावास की प्रवक्ता रिबेका रॉस ने दर्ज़ की है।

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