अमरिका से चीन जा रहा ईंधन भारत ने खरीदा – अमरिका-चीन व्यापार युद्ध के प्रभाव का नतीजा

नई दिल्ली – अमरिका से आयात होनेवाले ईंधन पर चीन ने ५ प्रतिशत कर लगाया है| चीन के इस निर्णय का लाभ उठाने का अवसर भारत को प्राप्त होता दिखाई दे रहा है| चीन में लगनेवाले ५ प्रतिशत कर से बचने के लिए अमरिका से खरिदा ईंधन का भंडार चीन के व्यापारी ने चीन पहुंचने से पहले भारत को बेच दिया है| भारत के ‘बीपीसीएल’ कंपनी ने इस चिनी व्यापारी से यह ईंधन खरीदा है|

भारत को ईंधन के लिए बडी मात्रा में ईंधन से भरें खाडी देशों से हो रही आयात पर निर्भर रहना पडता है| ईरान और वेनेजुएला जैसे प्रमुख ईंधन निर्यातदार देशों से हो रही ईंधन की आपुर्ति फिलहाल अमरिका ने लगाए प्रतिबंधों के कारण बंद पडी है| इससे भारत को ईंधन की आयात करने के लिए अन्य विकल्पों की तलाश है| इसी बीच अमरिका-चीन व्यापारयुद्ध के कारण चीन के व्यापारी ने अमरिका से खरीदा ईंधन अपने देश में सप्लाई करने के बजाए भारत को दिया है|

छह दिन पहले ही अमरिका और चीन ने एक दुसरे के करीबन २०० अरब डॉलर्स के सामान पर अतिरिक्त कर लगाया था| चीन ने अमरिका से आयात होनेवाले ईंधन पर ५ प्रतिशत कर वसुलने का निर्णय किया है| इन करों की वसुली १ सितंबर से शुरू हुई है| ऐसे में १ सितंबर के बाद अमरिका से चीन पहुंच रहे ईंधन पर कर लगाने की संभावना थी| ऐसे में १ सितंबर के बाद चीन पहुंच रहे ईंधन के टैंकर करों से बचने के लिए बीच रास्ते में ही वापीस मोडे गए थे|

चीन की सरकारी ईंधन कंपनी ‘सिनोपिक’ का व्यापारी अंग होेनेवाले युनिपिक ने ईंधन के छह टैंकर्स अमरिका से खरीदे थे| इन टैंकर्स से १२ दशलक्ष बैरल ईंधन चीन पहुंचाया जा रहा था| लेकिन, इन में से एक टैंकर ही १ सितंबर से पहले चीन पहुंच सका था| ऐसे में अन्य टैंकर्स में भरें ईंधन पर चीन में कर वसुला जाने की संभावना थी| इस कर से बचने के लिए चीन पहुंच रहे टैंकर्स में जमा ईंधन की रास्ते में ही बिक्री की गई|

इसके लिए एशिया की ईंधन कंपनियों को प्रस्ताव दिया गया था| इस अवसर का लाभ उठाकर भारत की ‘बीपीसीएल’ कंपनीने इनमें से एक टैंकर ईंधन की खरीद करने का समाचार है| इसके अलावा दक्षिण कोरिया ने भी चीन जानेवाले इस ईंधन की खरीद की है| ऐसे में अब बीपीसीएल द्वारा अमरिका से चीन जा रहे ईंधन की और भी खरीद होने की संभावना व्यक्त हो रही है|

अमरिका से ईंधन खरीद करनेवाला चीन सबसे बडा देश था| लेकिन, पिछले वर्ष से शुरू हुए व्यापारयुद्ध के दौरान ईंधन की आयात में गिरावट हुई है| लेकिन, इस वर्ष फिर से चीन ने अमरिकी ईंधन खरीद ने की तादाद बढाई थी| जुलाई महीने में चीन ने कुल १५ लाख टन ईंधन की खरीद की थी| लेकिन, चीन ने अमरिका के ‘क्रूडऑइल’ पर लगाए ५ प्रतिशत कर की वजह से अब अमरिका के हाथ भी चिनी कंपनियों के लिए महंगा साबित होने के आसार है| इस स्थिति का लाभ भारत जैसे देश को प्राप्त हो सकता है|

अमरिका ने अपनी ईंधन निती में बदलाव करने के बाद पिछले दो वर्षों से भारत अमरिका से भी ईंधन की खरीद कर रहा है| अमरिका से हो रही यह ईंधन की आयात बढ रही है और अमरिका के टेक्सास के प्रकल्प के साथ बीपीसीएल ने ईंधन प्रक्रिया एवं आयात संबंधी समझौता किया है| नवंबर २०१८ से मई २०१९ के दौरान भारत ने अमरिका से प्रतिदिन कुल १.८४ लाख बैरल ईंधन की खरीद की है| इससे पहले यह मात्रा सीर्फ ४० हजार बैरल्स प्रतिदिन थी| अब चीन ने अमरिका से हो रही ईंधन की आयात कम होने पर भारत के साथ ही अन्य एशियाई देशों को अमरिका के ईंधन की खरीद बढाने का अवसर प्राप्त हो रहा है|

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