पुलिस के हिंसक कार्रवाई की वजह से हॉगकॉंग में चीन विरोधी आंदोलन भड़का प्रदर्शन के पीछे पाश्चात्य शक्तियों का दांव होने का चीन का आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉगकॉंग – बुधवार को हॉगकॉंग में चीन विरोधी प्रदर्शन अधिक उग्र बना है और प्रदर्शकों को रोकने के लिए पुलिस ने आसुधूआ एवं रबर बुलेट का उपयोग किया है। फिर भी हजारों प्रदर्शको ने वापसी न करते हुए हॉगकॉंग के संसद की इमारत में घुसने का प्रयत्न किया। उस समय हुए हिंसाचार में पुलिस जिम्मेदार होने का आरोप प्रदर्शक कर रहे हैं। तथा पुलिस द्वारा प्रदर्शकों ने ही हिंसा शुरू करने का दावा किया है। अमरिका ने इन प्रदर्शनों में शुरू हिंसक कार्रवाई पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। तथा चीन के सरकारी माध्यमों ने इन प्रदर्शनों को पाश्चात्य शक्तियों से उत्तेजना मिलने का आरोप किया है।

हॉगकॉंग के अपराधियों को चीन को सौंपने का विधेयक स्थानीय प्रशासन ने प्रस्तुत किया था। इससे पहले ही चीन समर्थक होने का आरोप हो रहे इस प्रशासन के इस प्रस्ताव पर जनता ने तीव्र प्रतिक्रिया दी है। हॉगकॉंग यह चीन का भाग है, फिर भी वहां की प्रशासकीय व्यवस्था पूर्ण रूप से अलग है। चीन यह व्यवस्था नष्ट करके हॉगकॉंग को अपने कम्युनिस्ट प्रशासन के आधिपत्य में लाने का प्रयत्न कर रही है, ऐसा डर हॉगकॉंग की जनता व्यक्त कर रही है। इस संदर्भ में जनता का असंतोष तीव्र प्रदर्शन के रूप में प्रकट हुआ है। पुलिस ने प्रदर्शनों पर किए कार्रवाई की वजह से यह आंदोलन अधिक तीव्र बनता दिखाई दे रहा है। अब चीन के विरोध निर्णायक संघर्ष का समय आया है, ऐसा कहकर प्रदर्शक इसके लिए हम तैयार होने की आक्रामक घोषणा दे रहे हैं।

बुधवार के दोपहर प्रदर्शकों ने हॉगकॉंग के स्थानीय संसद में घुसने का प्रयत्न किया। उस समय पुलिस ने पेपर स्प्रे, रबर बुलेट्स का हमला करके प्रदर्शकों को रोकने का प्रयत्न किया। उसके बाद प्रदर्शक अधिक भड़के और खलबली फैली। प्रदर्शकों ने हम पर हमला शुरू करने के बाद उनपर कठोर कार्रवाई की गई, ऐसा दावा पुलिस अधिकारियों ने किया है। तथा पुलिस की कार्यवाही अत्यंत गैर जिम्मेदार होने का आरोप प्रदर्शक कर रहे हैं। तथा इस कार्रवाई की वजह से प्रदर्शन नहीं रुकेगा ऐसी चेतावनी प्रदर्शकों ने दी है। जिसकी वजह से आनेवाले समय में यह प्रदर्शन अधिक तीव्र बनेंगे और हॉगकॉंग की जनता का निश्चय चीन चिंता में बढ़ोतरी करता दिखाई दे रहा है।

चीन के सरकारी माध्यमों ने इन प्रदर्शनों के पीछे पाश्चात्य षड्यंत्र का आरोप किया है। हॉगकॉंग के कई विरोधी पक्ष नेताओं ने अमरिका के विदेशमंत्री माइक पॉम्पियो एवं अमरिका के संसद के सभापति नैंसी पेलोसी इन से भेंट की थी। उसके बाद हॉगकॉंग में प्रदर्शन शुरू हुए हैं यह संयोग नहीं है, ऐसा कहकर ग्लोबल टाइम्स इस चीन के दैनिक ने पाश्चात्य शक्तियों पर जोरदार आलोचना की है।

अमरिका ने हॉगकॉंग की परिस्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। हॉगकॉंग के प्रशासन द्वारा प्रस्तुत किए विधेयक मंजूर हुए, तो प्रशासन द्वारा अपराधी ठहराए हुए लोगों को चीन के हवाले किया जाएगा। वैसा करना मतलब अपनी स्वायत्तता का भंग है, ऐसी हॉगकॉंग के जनता की धारणा है। हॉगकॉंग के जनता को लग रही यह चिंता योग्य है ऐसा अमरिका ने कहा है, ऐसे शब्दों में अमरिका ने अपनी भूमिका प्रस्तुत की है।

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