चीन के हस्तक्षेप के विरोध में हॉंगकॉंग की जनता ने किए तीव्र प्रदर्शन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉंगकॉंग – हॉंगकॉंग की जनता में चीन और चीन की हुकूमत के विरोध में बना असंतोष हर दिन अधिक से अधिक तीव्र हो रहा है| पिछले कुछ दिनों से चीन के दबाव में प्रत्यर्पण विधेयक को विरोध कर रहे हॉंगकॉंग के लोगों ने शनिवार के दिन चीन के व्यापारियों के विरोध में बनी नाराजगी उजागर तौर पर प्रदर्शित की| हॉंगकॉंग में ‘शेऊंग शुई’ हिस्से में चीन के व्यापारियों का वर्चस्व है और वह व्यापार बंद करें, यह मांग आक्रामकता के साथ प्रदर्शनों के दौरान रखी गई|

चीन समर्थक हॉंगकॉंग की प्रशासन ने पिछले महीने में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक पेश किया था| यह विधेयक यानी हॉंगकॉंग में चीन के विरोध में आवाज उठा रहे लोगों को चीन के हाथ में देने का दांव होने का आरोप हॉंगकॉंग की जनता ने किया था| लेकिन, चीन समर्थक प्रशासन ने शुरू में जनता का यह विरोध नजरअंदाज करके विधेयक का समर्थन किया था| यह समर्थन यानी चीन की हुकूमत का हस्तक्षेप ही है, यह आरोप करके इस विधेयक के विरोध में हॉंगकॉंग की जनता रास्ते पर उतरी थी|

इसके बाद लगातार तीन हफ्तें हॉंगकॉंग की जनता ने चीन समर्थक प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन किए है और इस दौरान प्रदर्शनकारी सीधे विधिमंडल तक जा टकराए| इसके बाद प्रशासन ने पीछे हटते हुए शब्दों का खेल करके प्रत्यर्पण विधेयक पीछे लिया है और वह विधेयक अभी ‘मृत’ होने का दावा किया| लेकिन, इस पर हॉंगकॉंग की जनता का समाधान नही हुआ है और उन्होंने प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय किया| केवल विधेयक ही नही, बल्कि चीन के हस्तक्षेप का प्रतिक समझी जा रही अलग अलग बातों के विरोध में प्रदर्शन करने की तैयारी हुई है और शनिवार के दिन हुए प्रदर्शन इसी तैयारी का हिस्सा समझा जा रहा है|

हॉंगकॉंग के ‘शेऊंग शुई’ हिस्से में चीन से पहुंच रहे व्यापारियों ने वर्चस्व बनाया है और इससे स्थानिय व्यापारी एवं अर्थव्यवस्था को झटका लग रहा है| लेकिन, चीन की हुकूमत के दबाव के कारण इनके विरोध में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही हो रही है| इस पर ध्यान देकर हजारों प्रदर्शनकारियों ने ‘शेऊंग शुई’ कब्जें में करें, यह नारा देते देते ‘शेऊंग शुई’ के हिस्से में जा पहुंचे| इनके आने से इस हिस्से के व्यापारी अपनी दुकान बंद रखने के लिए विवश हुए| इसके आगे भी इसी तरह प्रदर्शन जारी रहेंगे और हॉंगकॉंग में चीन समर्थक प्रशासन पर दबाव बरकरार रखा जाएगा, यह संकेत प्रदर्शनकारियों ने दिए है|

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