रोहिंग्यायों की बायोमेट्रिक जानकारी केंद्र सरकार को दे – केंद्रीय गृहमंत्री की राज्यों को सूचना

नई दिल्ली – अवैध रूप से देश में घुसे हुए रोहिंग्या शरणार्थियों के बायोमैट्रिक डीटेल्स राज्यों द्वारा केंद्र सरकार को दे, ऐसी सूचना केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दी है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में संबोधित करते हुए गृहमंत्री ने यह सूचना करके केंद्र सरकार रोहिंग्याओं का प्रश्न अत्यंत गंभीरता से लेने के संदेश दे रहा है। पिछले कई हफ्तों से रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में आ रही खबरों के पृष्ठभूमि पर गृहमंत्रियों की यह सूचना ध्यान केंद्रित करने वाली ठहरी है।

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे हुए रोहिंग्या शरणार्थी बड़ी संख्या में केरल में दाखिल होने की चेतावनी दी थी। बाढ़ से सारी व्यवस्था तबाह होने से केरल जैसे राज्य में रोहिंग्या शरणार्थी बडी संख्या में दाखिल हुए हैं। यह सुरक्षा एवं जनसंख्या संतुलन के दृष्टिकोण से जोखिम की बात है। जिसकी वजह से केंद्र सरकार से घुसपैठ करनेवाले रोहिंग्याओं के केरल में प्रवेश के बारे में कड़ी भूमिका स्वीकार की जा रही है और इस बारे में अन्य राज्यों को भी सतर्कता की चेतावनी दी गयी है।

मुख्यमंत्रियों की बैठक में संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने यह मुद्दा उठाए धरा है और अवैधरूप से देश में घुसनेवाले रोहिंग्या शरणार्थियों के बायोमैट्रिक्स जानकारी जमा करने की सूचना राज्यों को दी गई है। यह सारी जानकारी रोहिंग्या शरणार्थियों का देश होने वाली म्यानमार तक पहुंचाई जाएगी एवं यह प्रश्न सुलझाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे, ऐसा राजनाथ सिंह उस समय कहा है।

इस दौरान कई राज्यों ने अधिक सुरक्षा दल के तैनाती की मांग केंद्र सरकार से की है। पर कई राज्यों में चुनाव होनेवाले हैं इसकी तरफ राजनाथ सिंह ने ध्यान केंद्रित किया है। इन राज्यों में बड़ी तादाद में सुरक्षा दल की तैनाती हो, यह राज्य सरकार ध्यान में रखें एवं केंद्र सरकार की मर्यादा जान ले, ऐसा आवाहन उस समय केंद्रीय गृह मंत्री ने किया है।

दौरान रोहिंग्या शरणार्थियों ने बड़ी तादाद में भारत में घुसपैठ की है और जम्मू कश्मीर से केरल तक राज्यों में यह शरणार्थी घुसपैठ कर रहे हैं। उनसे देश की सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा है, ऐसी केंद्र सरकार की भूमिका है। तथा इन शरणार्थियों को भारत में आश्रय देना संभव ना होने की केंद्र सरकार की भूमिका है। सर्वोच्च न्यायालय में उस बारे में मुकदमा शुरू है और इस संदर्भ में दाखिल किए गए प्रतिज्ञा पत्र में भी सरकार ने इस बारे में स्पष्ट भूमिका ली है।

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