भारत के लष्कर प्रमुख रशिया के दौरे पर

नई दिल्ली – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादीमीर पुतिन जल्द ही भारत के दौरे पर आने वाले हैं। उनके इस दौरे से पहले भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने रशिया को भेंट दी थी। मंगलवार को लष्कर प्रमुख जनरल बिपिन रावत रशिया के दौरे पर दाखिल हुए हैं। अमरिका ने आक्षेप जताने पर भी भारत रशिया से अति प्रगत हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीदारी करने के निर्णय पर कायम है। तथा रशिया से अन्य रक्षा विषयक साहित्य की खरीदारी नहीं रुकेगी, ऐसा भी भारत ने स्पष्ट किया है। जनरल रावत इनके इस रशिया दौरे में रक्षा साहित्य की खरीदारी से जुडे करार संपन्न होंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है।

कुछ हफ्तों पहले भारत और अमरिका में टू प्लस टू चर्चा संपन्न हुई है। दोनों देशों के विदेश मंत्री एवं रक्षा मंत्रियों की इस चर्चा में रक्षा विषयक सहयोग नई ऊंचाई पर ले जाने का निर्णय लिया गया है। पर अमरिका के साथ भारत के यह सहयोग रशिया के साथ संबंध को ठुकराकर विकसित नहीं किए जा सकते, ऐसी गवाही भारत ने दी है। तथा भारत एवं रशिया में एस-४०० इस हवाई सुरक्षा यंत्रणा की खरीदारी का व्यवहार पर अमरिका ने लिए आक्षेप भारत ने ठुकराया था। इस यंत्रणा की रशिया से खरीदारी करने पर भारत कायम है, ऐसा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने घोषित किया था। तथा आने वाले समय में भी भारत रशिया से रक्षा साहित्य खरीदारी का निर्णय लेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत भारत ने दिए हैं।

अमरिका और रशिया में तनाव निर्माण होते समय भारत इस विवाद में किसी एक देश के पक्ष में खड़े रहकर दूसरे देश को धोखा नहीं दे सकता ऐसा भारत से स्पष्ट किया जा रहा है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के साथ भारत की उच्चस्तरीय चर्चा होते समय भारत के रक्षा मंत्री ने, सुरक्षा सलाहकार डोवल और अब रक्षा प्रमुखने रशिया को भेंट दि है।

इस दौरान रशिया से १७७० टी १४ अर्माटा सुरक्षा वाहनों की खरीदारी का समझौता करने के लिये आवश्यक गतिविधीयां आगे बढेगी, ऐसा दावा हो रहा है। भारतीय सेना अधिकारियों ने २०१५ में इन वाहनों का परिक्षण किया था। गत साल नोव्हंबर में इन वाहनों की खरिदारी करने की चर्चा शुरु हुई थी।

इस वाहन खरेदी के साथ ही भारत अमेरिका कि नाराजगी नजरअंदाज करके रशिया से एस४०० खरिदी के लिये उत्सुकता दिखा रहा है। इस के साथ ही अमेरिका के साथ संबंध बढाते समय अपनी धारणा का संतुलन कायम रहेगा, यह भारत से दर्शाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में भारत-अमेरिका संबंधों में बढ रही नजदिकियां रशिया के लिये चिंता का कारण बनी थी।

पर, भारत लगातार रशिया को आश्वस्त करता रहा है। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष जल्द ही भारत यात्रा करने वाले है। इस पार्श्वभुमि पर भारत और रशिया के बिच समझौते करने के लिये जरुरी गतिविधियां जोर पकड रही है।

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