भारत के रक्षा दल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढाने का निर्णय – रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी की जानकारी

नई दिल्ली – भविष्य की चुनौतियों का विचार करके भारत के तीनों रक्षा दलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इस पर काम शुरू है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित मानवरहित तोंफ, विमान, जहाज और रोबोटिक शस्त्रास्त्र ने रक्षा दल को सज्ज किया जाने वाला है, ऐसी जानकारी रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उजागर की है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

दुनियाभर के अग्रणी के देशों ने रक्षादलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ाया है। चीन ने भी अपने लष्कर के बेड़े में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शस्त्रास्त्र एवं यंत्रणा दाखिल की है। २ महीनों पहले चीन ने मानवरहित टैंक्स के परीक्षण किए थे। इस पृष्ठभूमि पर भारतीय रक्षादल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बढ़ाने का निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

भारतीय लष्कर, वायुसेना और नौदल के बेड़े की रक्षा यंत्रणा का बहुत बड़ा हिस्सा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शस्त्रास्त्र से सज्ज किया जाने वाला है। भविष्य में युद्ध के चुनौतियों को देखते हुए तीनों रक्षादल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शस्त्रास्त्र शामिल करने का निर्णय लिया गया है। सरकार ने इसपर काम शुरू करने की बात डिफेंस प्रोडक्शन विभाग के सचिव अजय कुमार ने घोषित की है।

रक्षा दल को भविष्य में युद्ध के लिए सज्ज करना है। इसके पीछे सरकार का हेतु होकर इस पर काम करने के लिए कृति समिति स्थापित की गई है। उच्च अधिकारियों का समावेश होने वाले इस कृति समिति के अध्यक्ष पदपर टाटा सन्स के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन इनके पास है। यह समिति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शास्त्रों के निर्माण योजना की रचना पर काम कर रही है। यह योजना सरकारी और निजी कंपनियों के साझेदारी से आकार लेगी, ऐसी जानकारी कुमार ने दी है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

जून महीने में कृति समिति अपनी सिफारिश सरकार के पास प्रस्तुत करने वाली है। उसके बाद इस योजना का काम आगे जाएगा, ऐसा कुमार ने कहा है। पर उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी उजागर नहीं की है। भारत की आयटी की नींव मजबूत है। इसकी वजह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित तंत्रज्ञान विकसित करने के लिए भारत के पास बड़ी क्षमता है, यह कुमार ने स्पष्ट किया है।

दुनिया के अग्रणी के देशों ने अपने रक्षा दलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शस्त्र दाखिल किए हैं और उसका उपयोग भी बढ़ाया है। इसकी वजह से भारतीय रक्षा दलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शस्त्र दाखिल करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। सरकार की योजना के अनुसार बड़ी तादाद में मानवरहित विमान, मानवरहित टैंक, जहाज और रोबोटिक शस्त्र रक्षा दल में दाखिल किए जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग चीन और पाकिस्तान की सीमा पर किया जाएगा, इसके वजह से सीमा पर गतिविधियों पर ध्यान रखना आसान होने वाला है, ऐसा कुमार ने कहा है। दुनिया के प्रमुख देश के रक्षा दल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शस्त्र का उपयोग बढ़ाते समय भारत को पीछे रहना संभव नहीं होगा, ऐसा कुमार ने स्पष्ट किया है।

दौरान अमेरिका, इस्राइल, ब्रिटेन, रशिया, फ्रान्स और अन्य यूरोपियन राष्ट्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में बडे निवेश किये है। चीन के स्टेट काउंसिल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की बात कही महीनों पहले घोषित की थी। २ महीने पहले चीन ने इस तंत्रज्ञान पर आधारित मानवरहित टैंक के परीक्षण किए थे। ऐसी परिस्थिति में भारतीय रक्षा दलों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शस्त्रों से सज्ज करने का सरकार का निर्णय महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.