पाकिस्तान एवं चीन को इशारा देने वाले गगन शक्ति युद्धाभ्यास की समाप्ति

नई दिल्ली: पाकिस्तान और चीन के सीमा पर भारतीय वायुसेना के विमानों के लगभग ११००० उड़ान का समावेश होनेवाले ‘गगनशक्ति’ युद्धाभ्यास समाप्त हुआ है। इस युद्धाभ्यास का पहला स्तर पाकिस्तान के सीमा के समिप आयोजित किया गया, उसके बाद चीन से सटे सीमा क्षेत्र मे वायुसेना के इस युद्धाभ्यास का दूसरा स्तर शुरू हुआ था। इस अभ्यास में परमाणु युद्ध तथा जैविक युद्ध का सामना करने का अभ्यास भी किया गया। वायुसेना के इस युद्धाभ्यास की तरफ चीन की बारीकी से नजर लगी हुई थी, ऐसा दावा किया जा रहा है।गगनशक्ति, युद्धाभ्यास, परमाणु युद्ध, भारतीय वायुसेना, प्रदर्शन, नई दिल्ली, निर्मला सीतारामन

 

१४ दिन चले गगनशक्ति युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना ने अपने सामर्थ्य का जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान की सीमा पर वायु सेना ने अपनी क्षमता प्रदर्शित करने के बाद पूर्व की सीमा पर हुए अभ्यास की तरफ विश्लेषकों की नज़र टिकी हुई थी। पिछले कई महीनों से चीन ने भारत की सीमा में घुसपैठ करने की घटना उजागर हुई थी। चीन के हेलीकॉप्टर ने लगातार भारत के हवाई सीमा में घुसपैठ करने की घटना सामने आई थी और वायुसेना के लिए चीन को अपनी क्षमता का एहसास दिलाना आवश्यक हुआ था। इसीलिए पूर्व सीमा पर हुआ यह युद्धाभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्य तौर पर इसमें परमाणु युद्ध तथा जैविक युद्ध जैसी परिस्थिति में वायुसेना क्या कर सकती है, इसका एहसास दिलाया गया है।

पूर्व सीमा पर भारतीय वायुसेना की तैयारी चीन से अधिक होने का दावा वायुसेना प्रमुख ने कई हफ्तों पहले किया था। उनके इस विधान का प्रतिबिंब ही गगनशक्ति युद्धाभ्यास में दिखाई दिया है। चीन ने इस युद्धाभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया है और बारीकी से वायु सेना की क्षमता देखने के दावे प्रसिद्ध किए गए हैं। इससे पहले भारत ने चीन के सीमा से जुड़े क्षेत्र मे भव्य स्वरूप के युद्धाभ्यास का आयोजन नहीं किया था। इसका लाभ लेकर चीन ने अबतक भारत के हवाई सीमा में घुसपैठ की थी। पर आगे चलकर भारत ऐसे स्वरूप की कार्यवाहियां सहन नहीं करेगा। चीन को उत्तर देने के लिए आवश्यक होनेवाला सामर्थ्य भारत के पास है, ऐसा संदेश इस युद्धाभ्यास द्वारा चीन तक सहीरूप से पहुंचाया गया है।

पूर्व सीमा पर गगनशक्ति का आरंभ हुआ, उस समय रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन और वायुसेना प्रमुख बी.एस.धनोवा ने इस युद्धाभ्यास का ब्यौरा किया था। उस समय भारतीय वायुसेना एक ही समय पर चीन एवं पाकिस्तान ऐसे दोनों आघाडीयों पर युद्ध के लिए तैयार है, ऐसा रक्षामंत्री सीतारामन ने दुसरे शब्दों में कहा था। कई महीनों पहले भारतीय लष्कर प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने देश को यही गवाही देकर आश्वस्त किया था।

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