विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंगोलिया के दौरे पर

उलानबातर (मंगोलिया): चीन का दौरा खत्म करके विदेशमंत्री सुषमा स्वराज मंगोलिया के दौरे पर पहुंची हैं। उन्होंने मंगोलिया के विदेश मंत्री डी तसोग्तबातर से मुलाकात की है। उस समय हुई चर्चा में मूलभूत सुविधा, ऊर्जा, सुचना एवं तंत्रज्ञान क्षेत्र में दोनों देशों के सहयोग अधिक मजबूत करने पर निर्णय हुआ है। मंगोलिया यह केवल भारत का भावनात्मक सहयोगी देश नहीं बल्कि दोनों देशों में आध्यात्मिक नाता भी है, ऐसे शब्दों में विदेश मंत्री स्वराज ने भारत की दृष्टि से मंगोलिया का महत्व रेखांकित किया है।

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पिछले ४२ वर्षों में मंगोलिया के दौरे पर जानेवाले विदेश मंत्री स्वराज यह पहली भारतीय विदेशमंत्री है। मंगोलिया के विदेश मंत्री बी तसोग्तबातर इनसे द्विपक्षीय चर्चा के बाद विदेश मंत्री स्वराज ने मंगोलिया के प्रधानमंत्री यू खुरेलशुख से भेंट की है। भारत और मंगोलिया में सहयोग छह दशक से अधिक पुराने हैं। यह सहयोग समय के अनुसार मजबूत हुए हैं, ऐसा विदेश मंत्री स्वराज ने उस समय कहा है।

आतंकवाद विरोध में सहयोग के साथ मूलभूत सुविधा, ऊर्जा, सुचना एवं तंत्रज्ञान क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय उस समय लिया गया है। तथा नई दिल्ली से मंगोलिया दरमियान सीधी विमानसेवा भी जल्द ही शुरू करने का निर्णय लिया है। मंगोलिया के साथ यह सहयोग अधिक सक्षम करने के लिए दोनों देशों ने विदेश मंत्रियों के स्तर पर नियमित चर्चा शुरू करने की बात मानी है, ऐसी जानकारी विदेश मंत्री स्वराज ने दी है।

सन २०१५ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगोलिया को भेंट दी थी। भारतीय प्रधानमंत्री ने भेंट देने का यह पहला समय था। इस भेंट में प्रधानमंत्री मोदी ने १०० करोड़ डॉलर्स की कर्ज सहायता की घोषणा की थी। भारतीय प्रधानमंत्री की इस बैठक के बाद मंगोलिया के साथ बढ़ने वाले सहयोग अधिक सक्षम करने के लिए विदेश मंत्री स्वराज इनका यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

चीन के उत्तर की तरफ बसे हुए इस देश को चीन ने अनेक बार गतिरोध किया था। २ वर्षों पहले तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने मंगोलिया को भेंट देने के बाद क्रोधित हुए चीन ने मंगोलिया को जाने वाले ट्रक रोके थे और इस देश को आर्थिक रुप से गतिरोध किया था। उस समय भारत मंगोलिया की मदद के लिए आगे आया था एवं मंगोलिया को तत्काल सहायता प्रदान की थी। तथा पिछले वर्ष चीन के धारणाओं को विरोध करनेवाले राष्ट्राध्यक्ष खालतामागिन बात्तुलगा इनकी सरकार मंगोलिया के सत्ता पर आई। इस पृष्ठभूमि पर विदेश मंत्री स्वराज की यह मंगोलिया भेंट विशेष महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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