प्रोटेक्ट हॉंगकॉंग की घोषणा के साथ हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकर्ताओ का चीन विरोधी सूर तीव्र

हॉंगकॉंग: पिछले वर्ष से विभिन्न मुद्दों पर हॉंगकॉंग एवं चीन में तनाव बढ़ रहा है और नए वर्ष में यह तनाव अधिक तीव्र होने के संकेत मिल रहे हैं। नए वर्ष की शुरुआत में हॉंगकॉंग की जनता द्वारा हुए मोर्चे में, चीन विरोधी सुर अधिक तीव्र होने के चित्र दिखाई देने लगा हैं। हॉंगकॉंग में हजारों नागरिकों ने प्रोटेक्ट हॉंगकॉंग की घोषणा देते हुए चीन के सत्ताधारी शासन का हस्तक्षेप रोके ऐसा इशारा दिया है।

हॉंगकॉंग में सन २०१४ में हुए ‘ऑक्यूपाय प्रोटेस्ट’ एवं उसके बाद निर्माण हुई ‘अंब्रेला मूवमेंट’ इस के बाद हॉंगकॉंग में परिस्थिति अधिक गतिमान रूप से बदल रही है। चीन के सत्ताधारी कम्युनिस्ट शासन ने हॉंगकॉंग की घटना में बदलाव शुरू किए हैं और एक देश दो व्यवस्था इस तत्व को तोड़ना शुरू किया है। सन २०१७ में हॉंगकॉंग में हुए चुनाव में चीन के हस्तक्षेप को विरोध करनेवाले जनतंत्र वादी गटो को अच्छी सफलता मिली है।

पर चीन के सत्ताधारी गट के समर्थक होनेवाले हॉंगकॉंग सरकार ने जनतंत्र वादी गट के छह सदस्यों को ‘गलत शपथ’ लेने के मुद्दे पर निलंबित किया था। उस समय जनतंत्र वादी गटो के विरोध में आक्रमक कार्यवाही शुरु की है। पर चीन के सत्ताधारी शासन के इशारे पर शुरू होनेवाले इस कारवाई के विरोध में हॉंगकॉंग से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है। प्रशासन एवं कम्युनिस्ट शासन के विरोध में असंतोष की भावना अधिक प्रखर होती दिखाई दे रही है।

चीन की सत्ताधारी शासन ने हालही में लिए एक निर्णय से अधिक असंतोष मे बढ़त हो रही है। चीन में निर्माण होनेवाले हाई स्पीड रेलवे का एक स्टेशन हॉंगकॉंग में बननेवाला है। जिस पर चीन का हक होगा ऐसा प्रस्ताव सत्ताधारी कम्युनिस्ट पक्ष ने हालही में संसद में मंजूर किया है। हॉंगकॉंग में सत्ताधारी प्रशासन ने इस पर सकारात्मक भूमिका ली है। फिर भी स्थानीय लोगों की नाराजगी दिखाई दे रही है। चीन के संसद में प्रस्ताव प्रस्तुत करके हॉंगकॉंग के अधिकारों पर आक्रामक दावा करने का आरोप स्थानीय नागरिक, जनतंत्रवादी, लोक प्रतिनिधि एवं कानून तज्ञ कर रहे है।

इस पर प्रतिक्रिया सोमवार को निकाले गए मोर्चे में दिखाई दी है। मोर्चे में शामिल हुए प्रदर्शनकर्ताओ ने प्रोटेक्ट हॉंगकॉंग की घोषणा देकर चीन के शासन से तथा हॉंगकॉंग प्रशासन से किए जाने वाले निर्णयों का तीव्र विरोध किया है। सोमवार को निकाले गए इस मोर्चे में लगभग १० हजार से अधिक नागरिक शामिल हुए थे। उसमें जनतंत्रवादी गट का युवा नेता एवं निलंबित लोकप्रतिनिधी जोशुआ वैंग भी शामिल था। सोमवार का मोर्चा यह हॉंगकॉंग के प्रशासन को इशारा देने वाला होने की बात वैंग ने कही

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