प्रधानमंत्री थेरेसा मे के चीन दौरे में ब्रिटन और चीन के दौरान १३ अरब डॉलर्स के करार पर हस्ताक्षर – ब्रिटिश मीडिया की तरफ से चीन दौरे के बारे में नाराजगी

बीजिंग: ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के चीन दौरे पर ब्रिटिश मीडिया ने नाराजगी जताई है। प्रधानमंत्री मे के दौरे में ब्रिटन ने चीन के साथ १३ अरब डॉलर्स के व्यापारी करार पर हस्ताक्षर किए हैं, फिर भी उसमें नया कुछ हाथ नहीं लगा है, ऐसा दावा ब्रिटन की मीडिया कर रही है। उल्टा ब्रिटिश नेतृत्व ने चीन दौरे में अपनी कमजोरी का प्रदर्शन किया है, ऐसी टीका शुरू हुई है।

बुधवार को प्रधानमंत्री थेरेसा मे बड़े व्यापारी प्रतिनिधिमंडल के साथ चीन में दाखिल हुईं थी। ब्रिटन के अर्थक्षेत्र की कंपनियों ने किए दो अरब डॉलर्स के अनुबंधों के साथ विविध क्षेत्रों में लगभग १० अरब डॉलर्स से अधिक मूल्यों के अनुबंध किए गए हैं। चीन के साथ किए गए अनुबंधों से ब्रिटन में ढाई हजार से अधिक रोजगारों का निर्माण होगा, यह जानकारी ब्रिटन सरकार की तरफ से दी गई है। लेकिन अनुबंधों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।

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व्यापारी अनुबंधों के अलावा प्रधानमंत्री मे ने चीन में मानवाधिकार, हॉंगकॉंग, फौलाद निर्माण, ‘वन बेल्ट, वन रोड’, अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य जैसे मुद्दों पर आग्रही भूमिका लेने का दावा ब्रिटिश अधिकारियों ने किया है। लेकिन उसी समय ब्रिटन की प्रमुख वृत्तसंस्था ‘बीबीसी’ की तरफ से मे के दौरे का वार्ताकन शुरू था तब चीन की तरफ से अचानक ‘ब्लॅकआऊट’ किया गया। चीन की मीडिया ने ब्रिटन के प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए उन्होंने मानवाधिकार और अन्य मुद्दों पर बात न करने का साहस दिखाया, ऐसा दावा किया गया है। इन घटनाओं की वजह से ब्रिटिश अधिकारियों का दावा खोखला साबित हुआ है।

ब्रिटन की प्रधानमंत्री ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री जेम्स कॅमेरॉन ब्रिटन-चीन संबंधों के बारे में इस्तेमाल किए ‘सहकार्य का सुवर्णयुग’ इस नीति का पुनरुच्चार किया। लेकिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इस बारे में किया वक्तव्य ज्यादा आशादायी नहीं था, ऐसा दावा ब्रिटिश मीडिया की तरफ से किया जा रहा है। ‘ब्रेक्झिट’ की पृष्ठभूमि पर चीन ब्रिटन के लिए सबसे बड़ा आधार साबित होगा, ऐसा माना जाता था।

चीन ब्रिटन के साथ व्यापारी अनुबंध करने वाला पहला देश साबित होगा, ऐसा भी कहा जाता था। लेकिन ‘ब्रेक्झिट’ की प्रक्रिया के दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने किए दौरे से इस तरह के कोई भी संकेत नहीं मिले हैं।

ब्रिटन का प्रमुख दैनिक ‘द गार्डियन’ ने चीन दौरे में ब्रिटिश नेतृत्व की कमजोर प्रतिमा खड़ी होने की नाराजगी व्यक्त की है। प्रधानमंत्री मे का स्थान वर्तमान में अस्थिर है और चीन दौरे के मौके पर यह बात दुनिया के सामने आई है, यह टीका भी ‘गार्डियन’ के लेख में की गई है।

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