चीन का बैंकिंग क्षेत्र बड़े संकट की दहलीज पर – ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंटस्’ का इशारा

बॅसेल: चीन का बैंकिंग क्षेत्र बड़े संकट की दहलीज पर होने का इशारा ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंटस्’ ने दिया है| चीन की बैंकों की ओर से दिया जाने वाला कर्जा और जीडीपी का प्रमाण और चीन की अर्थव्यवस्था पर कर्ज यह दो घटक इसके लिए जिम्मेदार साबित होंगे, ऐसा भी इस इशारे में कहा गया है| ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंटस्’ ने चीन के बैंकिंग क्षेत्र को दिया हुआ यह तीसरा सबसे बड़ा इशारा है और इसके पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा निधि और विश्व बैंक ने भी चीन की अर्थव्यवस्था बैंकिंग क्षेत्र के कारोबार की वजह से खतरे में आ सकती है, ऐसा इशारा दिया था|

विश्वभर के मध्यवर्ती बैंकों का प्रमुख संगठन के तौर पर पहचाने जाने वाला ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंटस्’ ने रविवार को बैंकिंग क्षेत्र के संभाव्य खतरे के बारे में रिपोर्ट प्रसिद्ध की| ‘अर्ली वार्निंग इंडीकेटर्स ऑफ़ बैंकिंग क्रायसिस: एक्स्पान्डिंग द फॅमिली’ नाम की इस रिपोर्ट में बैंकिंग क्षेत्र में अनियंत्रण और नजरअंदाजी आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार साबित हो सकती है, ऐसा इशारा दिया गया है| अंतर्गत क्षेत्र में दिया हुआ कर्जा साथ ही देश के बाहर से लिया हुआ कर्जा यह दोनों घटक इसके लिए महत्वपूर्ण है, ऐसा इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है|

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कर्जों के दोनों प्रकारों को ध्यान में रखकर अनुपात निकाला गया है और उसके आधार पर बैंकिंग क्षेत्र के संभाव्य खतरे के बारे में भविष्यवाणी की गई है| इन दोनों आधारों पर चीन और हॉंगकॉंग से संबंधित आंकड़े बैंकिंग क्षेत्र के खतरे के संकेत देने वाले हैं, ऐसा ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंटस्’ ने इशारा दिया है| चीन ने अंतर्गत स्तरपर दिया हुआ कर्जा और जीडीपी (सर्वसाधारण राष्ट्रीय उत्पाद) के अनुसार १६.७ इतना है| चीन के ऊपर कर्जे का प्रमाण उत्पाद की तुलना में पॉंच प्रतिशत से ज्यादा है|

हॉंगकॉंग का विचार करे तो अंतर्गत स्तरपर दिया हुआ कर्जा और जीडीपी (सर्वसाधारण राष्ट्रीय उत्पाद) के अनुसार ३०.७ इतना है| उत्पाद की तुलना में कर्जे का प्रमाण लगभग सात प्रतिशत से अधिक है| हॉंगकॉंग की अर्थव्यवस्था चीन के साथ बड़े पैमाने पर जुडी होने की वजह से दोनों के बारे में एक साथ सोचा जाए तो चीन की अर्थव्यवस्था को संकट का बड़ा नुकसान होने के संकेत मिल रहे हैं|

पिछले दो सालों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विविध यंत्रणाओं की तरफ से चीन की बैंकिंग व्यवस्था, उसका आकार, बैंकों के माध्यम से दिया गया कर्जा और उस वजह से अर्थव्यवस्था को लगने वाले झटके के बारे में लगातार इशारे दिए जा रहे हैं| सन २०१६ में ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंटस्’ की तरफ से ही चीन को दिए गए इशारे में चीन के ऊपर बना कर्जे का पहाड़ अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी झटका दे सकता है, ऐसा इशारा दिया गया था|

उसके बाद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा निधि ने भी चीन की बैंकिंग व्यवस्था का आकार विकसित अर्थव्यवस्था की मर्यादा के आगे जाने की चिंता व्यक्त की थी| मुद्रा निधि ने दी हुई जानकारी के अनुसार चीन की बैंकिंग व्यवस्था का आकार देश के जीडीपी के लगभग ३१० प्रतिशत है, ऐसा कहा गया था| चीन के ऊपर कर्जे का कुल प्रमाण लगभग ३१७ प्रतिशत होने का दावा पिछले महीने में एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था ने किया था|

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