अमरिका के रक्षा विभाग की ओर से ‘स्वार्म ड्रोन्स रोबोट’ यंत्रणा के संकेत

वॉशिंगटन: अमरिका के रक्षा विभाग ने, लष्करी पथक को सभी प्रकार की सहायता की आपूर्ति करेगी, ऐसी ‘स्वार्म ड्रोन रोबोट’ यंत्रणा विकसित करने की कोशिश शुरू की है। रक्षा विभाग का संशोधन विभाग ‘दार्पा’ की तरफ से यह कार्यक्रम शुरू है, जिसके लिए ‘रेथोन’ और ‘नॉथरॉप ग्रुमन’ इन रक्षा कंपनियों को ठेका दिया गया है। सन २०१६ में अमरिका के रक्षा विभाग ने ‘स्वार्म ड्रोन तकनीक’ का सफल परिक्षण किया था। नई यंत्रणा इसी परिक्षण का अगला चरण माना जाता है।

‘स्वार्म ड्रोन्स रोबोट’‘ओफेंसिव स्वार्म-एनबेल्ड टैक्टिक्स’ (ऑफसेट) इस नाम से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके लिए रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को आभासी साथ ही भौतिक वातावरण में ‘स्वार्म ड्रोन रोबोट’ यंत्रणा का इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, इस बारे में तकनीक विकसित करने का ठेका भी दिया गया है। एक ही समय पर २५० ‘ड्रोन रोबोट’ का स्वार्म तैयार करने का उद्दिष्ट इसके लिए रखा गया है। इस यंत्रणा के लिए ‘गेम बेड्स आर्किटेक्चर’ का इस्तेमाल किया जाने वाला है।

इसके लिए विकसित किए जाने वाले रोबोट्स को ‘स्प्रिंटर्स’ नाम दिया गया है। सबके लिए प्रत्येकी छः महीनों के लिए अलग अलग चरण रखे गए हैं। इन चरणों को ‘स्वार्म टॅक्टिकस’, ‘स्वार्म ऑटोनॉमी’, ‘ह्यूमन-स्वार्म टीमिंग’, ‘वर्च्युअल एन्वायरमेंट’, ‘फिजिकल टेस्टबेड’ ऐसे नाम दिए गए हैं। ड्रोन्स की ‘स्वार्मिंग तकनीक’ के संबंधित क्षमता बढ़ाना, यस इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्दिष्ट है, ऐसा कहा जाता है।

‘स्वार्म ड्रोन्स रोबोट’इस कार्यक्रम से संबंधित पहले प्रयोग में ५० से अधिक ‘ड्रोन रोबोट्स’ का परिक्षण लिया जाने वाला है। यह ‘ड्रोन रोबोट्स’ आकाश में साथ ही जमीन पर भी कार्य करने वाले हैं, उन्हें विशिष्ट लक्ष्य निष्प्रभ करने की जिम्मेदारी दी जाने वाली है। यह मुहीम १५ से ३० मिनट की है और सीमित क्षेत्र में ली जाएगी, ऐसा दार्पा के अधिकारी ने कहा है।

अमरिका के रक्षा विभाग ने ‘स्वार्म ड्रोन तकनीक’ के सन्दर्भ में हाथों में लिया हुआ यह दूसरा महत्वाकांक्षी प्रयोग है। पिछले साल अक्टूबर महीने में ‘स्वार्म तकनीक’ पर आधारित १०३ ‘मायक्रो-ड्रोन’ का परीक्षन सफल होने की जानकारी रक्षा विभाग ने दी थी। चीटियों, मधुमक्खि साथ ही पंछियों की ‘सामूहिक बुद्धिमत्ता’ पर गहराई तक खोज करके, उसपर आधारित इस अत्याधुनिक तकनीक पर अमरिका का रक्षा विभाग पिछले कई सालों से काम कर रहा है।

सन २०१६ के अक्टूबर महीने में किए परिक्षण में, तीन ‘एफ/ए-१८ सुपर होर्नेट’ लड़ाकू विमानों से सिर्फ छः इंच लम्बे १०३ ‘परडिक्स मायक्रो ड्रोन’ आसमान में छोड़े गए थे। इस ‘परडिक्स मायक्रो ड्रोन’ में रेडियो ट्रांसमीटर्स, रिसिव्हर्स और कैमरे का समावेश था। इस १०३ ‘मायक्रो ड्रोन’ के परिक्षण से ‘स्वतंत्र निर्णयक्षमता’ के साथ ‘अडाप्टिव्ह फॉर्मेशन फ्लाईंग’ और ‘सेल्फ हिलिंग’ जैसे प्रगत सामूहिक स्वाभाव रचना के (एडवांस्ड स्वार्म बिहेव्हियर्स) प्रदर्शन सफल होने की जानकारी, रक्षा विभाग ने दी है।

यह परिक्षण ‘स्वयंचलित प्रगत शस्त्रास्त्र यंत्रणा’ और ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ इन दोनों क्षेत्र में बड़ी क्रांति लाएगा, ऐसा दावा अमरिकी रक्षा विभाग से किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.