गलत आर्थिक नीति के कारण चीन में जिनपिंग की हुकूमत धराशायी होगी – अमेरिका के वरिष्ठ विश्लेषक का दावा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘चीन की समस्या राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग दूर नहीं कर सकते। उल्टा उन्होंने अपनाई गलत नीति के कारण यह समस्या अधिक गंभीर हुई हैं। इसी वजह से जिनपिंग के कारण चीन में कम्युनिस्ट हुकूमत जल्द ही धराशायी होगी’, ऐसा अनुमान अमेरिका के वरिष्ठ विश्लेषक गॉर्डन चैंग ने दर्ज़ किया है। अपनी हुकूमत पर मंड़रा रहा संकट दूर करने के लिए जिनपिंग सैन्य आक्रामकता का विकल्प अपनाएंगे। लेकिन, इस वजह से चीन का आर्थिक संकट दूर नहीं होगा। बल्कि चीन के आर्थिक संकट का लाभ अन्य देश उठाएंगे, ऐसा दावा चैंग ने किया है। गॉर्डन चैंग एवं अन्य विश्लेषक राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग एवं कम्युनिस्ट हुकूमत धराशायी होगी, ऐसे दावे कर रहे हैं और इसी दौरान चीन में करीबन ५० से ६० जगहों पर जनता प्रदर्शन करती दिख रही है।

गलत आर्थिक नीति के कारण चीन में जिनपिंग की हुकूमत धराशायी होगी - अमेरिका के वरिष्ठ विश्लेषक का दावाअमेरिका के नामांकित अभ्यासगुट ‘गेट्स्टोन इन्स्टाट्यूट’ के वरिष्ठ विश्लेषक गॉर्डन चैंग ने चीन में बड़ी उथल-पुथल शुरू होने की बात कही है। चीन में माध्यमों पर पकड़ रखने वाली कम्युनिस्ट हुकूमत की वजह से यहां के संकट की खबरें विश्व के सामने नहीं आती। लेकिन, जिनपिंग की गलत नीति के कारण चीन का आर्थिक संकट अधिक से अधिक तीव्र हो रहा है, ऐसा चैंग ने कहा। चीनी कंपनियों के डुबे कर्ज, पुंजी निवेश का गबन, ढ़ह रही मुद्रा, संपत्ति के मुल्य की हो रही गिरावट और ठप हुई अर्थव्यवस्था और अन्न की कमी एवं जनसंख्या में युवकों की कम हो रही संख्या ऐसे विभिन्न कारणों से चीन की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ रहा हैं, ऐसा चैंग ने कहा।

गलत आर्थिक नीति के कारण चीन में जिनपिंग की हुकूमत धराशायी होगी - अमेरिका के वरिष्ठ विश्लेषक का दावावर्ष २००८ के आर्थिक संकट से चीन बच निकला हैं, फिर भी अब चीन की अर्थव्यवस्था में वर्ष २००८ जैसी आर्थिक गिरावट शुरू हुई है, ऐसी चेतावनी चैंग ने दी है। इस संकट से बाहर निकलने के लिए चीन के सामने युद्ध शुरू करने के अलावा अन्य कोई भी विकल्प नहीं बचा है, ऐसा दावा चैंग ने किया। चीन के इस आर्थिक संकट की विश्व को पर्याप्त जानकारी नहीं है। इस वजह से चीन के इस आर्थिक संकट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार चौक जाएगा। चीन के साथ आर्थिक और व्यापारी क्षेत्र में जुड़े हर एक देश पर इसका असर होगा। लेकिन, चीन पर टूटने वाले इस संकट से अन्य देशों को लाभ प्राप्त होगा, ऐसा दावा चैंग ने किया।

कोरोना की महामारी संबंधित जानकारी छुपाने की हरकत करने के कारण चीन ने विश्व का विश्वास खो दिया है। इसी बीच जिनपिंग ने सख्ती से लगाए लॉकडाउन के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने चीन से बाहर निकलना शुरू किया। इसका असर सीधे चीन की हुकूमत से जुड़ी कंपनियां और उद्योग क्षेत्रों पर हुआ है। चीन के पूर्व प्रधानमंत्री ली केक्वियांग ने आर्थिक सुधार करने की कोशिस की थी। लेकिन, केक्वियांग की बढ़ती लोकप्रियता के कारण बेचैन हुए जिनपिंग ने केक्वियांग का प्रस्ताव ठुकराया और उन्हें पद से भी हटाया था। साथ ही चीन के संप्रभु शासक बनने के लिए जिनपिंग ने शुरू की हुई कोशिशें भी कम्युनिस्ट हुकूमत से विवाद होने की वजह होने का दावा किया जा रहा है।

गलत आर्थिक नीति के कारण चीन में जिनपिंग की हुकूमत धराशायी होगी - अमेरिका के वरिष्ठ विश्लेषक का दावाइसी बीच जिनपिंग की आर्थिक नीति चीन में बेरोजगारी बढ़ा रही हैं और हज़ारों परिवार बेघर हुए हैं। इसके साथ ही जिनपिंग की नीति के कारण ही चीन में निर्माण क्षेत्र ठप हुआ हैं और एव्हरग्रैंड ग्रुप और गार्डन होल्डिंग्ज यह दो बड़ी कंपनियां दिवालियां हुई हैं। इस वजह से चीन की जनता में राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग एवं कम्युनिस्ट हुकूमत के प्रति गुस्सा बढ़ा है।

पिछले डेढ़ सालों में चीन की हुकूमत के विरोध में १,७७७ प्रदर्शन हुए हैं और यह जानकारी भी सामने आ रही है कि, हर महीने चीन में १०० ठिकानों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। राजधानी बीजिंग में भी प्रदर्शन होने की खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन, इन प्रदर्शनों की खबरें अंतरराष्ट्रीय माध्यमों की नज़रों से छुपाने में चीन कामयाब होता दिख रहा हैं। गौरतलब है कि, जिनपिंग विरोधी इन प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहा चेहरा अभी सामने नहीं आया है। इस वजह से इन प्रदर्शनों को उम्मीद के अनुसार कामयाबी नहीं मिल रही हैं, ऐसे दावे कुछ वृत्तसंस्थाओं ने किए हैं।

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