ऑस्ट्रेलिया के युद्धाभ्यास पर नज़र रखने के लिए चीन ने रवाना किया ‘स्पाइ शिप’

कैनबेरा – ऑस्ट्रेलिया में शुक्रवार से अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स, जापान, इंडोनेशिया, कनाड़ा, दक्षिण कोरिया के साथ कुल १३ देशों की सेना के ‘तलिस्मान सैबर’ युद्धाभ्यास की शुरूआत हुई। इश युद्धाभ्यास में कुल ३० हजार सैनिक शामिल हो रहे हैं। अमरीका, यूरोपिय एवं इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों का समन्वय बढ़ाने के लिए यह युद्धाभ्यास अहम होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, इस युद्धाभ्यास का आयोजन हमारे विरोध में होने का आरोप लगाकर चीन ने इस युद्धाभ्यास पर नज़र रखने के लिए अपने ‘स्पाइ शिप’ यानी जासूसी करने के विशेष जहाज़ को रवाना किया है। 

‘स्पाइ शिप’अमरीका और ऑस्ट्रेलिया की सेना तक सीमित रहे इस युद्धाभ्यास में पिछले कुछ सालों में मित्र एवं सहयोगी देश शामिल हुए हैं। इस युद्धाभ्यास का आयोजन सिड़नी में होगा और यह लगभग दो हफ्तों तक शुरू रहेगा। १३ देशों की सेना के साथ ही भारत, फिलीपीन्स, सिंगापूर और थाइलैण्ड इस युद्धाभ्यास में बतौर निरिक्षक शामिल होंगे।

इस वजह से दूसरें विश्व युद्ध के बाद ‘लॉजिस्टिक’ के मोर्चे पर आयोजित हो रहा यह सबसे बड़ा युद्धाभ्यास समझा जा रहा है। इस युद्धाभ्यास की वजह से अमरीका और मित्रदेशों की सेना का समन्वय मज़बूत होगा, ऐसा ऑस्ट्रेलिया की सेना कहना है।

लेकिन, इस युद्धाभ्यास पर नज़र रखने के लिए चीन ने ऑस्ट्रेलिया के समुद्री क्षेत्र के करीब अपने स्पाइ जहाज को रवाना किया है। चीन ने इससे पहले भी ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी तट से पूर्वीय तट तक नज़र रखने के लिए विध्वंसक का इस्तेमाल किया था। इसपर ऑस्ट्रेलिया ने आपत्ति जताने के बाद चीन की विध्वंसक इस क्षेत्र से पीछे हटी थी। लेकिन, इससे वर्णित क्षेत्र में तनाव निर्माण हुआ था।

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