साइबर क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान की जारी हरकतों को प्रत्युत्तर देने के लिए होगा भारत सेना के ‘साइबर ऑपरेशन विंग’ का गठन – आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में हुआ निर्णय

नई दिल्ली – साइबर क्षेत्र में चीन और पाकस्तान की बढ़ रही हरकतों पर प्रत्युत्तर देने के लिए भारतीय सेना ने ‘साइबर ऑपरेशन विंग’ का गठन करने का निर्णय किया है। कुछ दिन पहले सेनाप्रमुख जनरल मनोज पांडे की अध्यक्षता में आयोजित ‘आर्मी कमांडर्स कान्फरन्स’ में इस योजना को मंजूरी प्राप्त होने की बात कही जा रही है। साइबर सुरक्षा क्षेत्र में भारत का पक्ष अधिक मज़बूत करना ही इस नई युनिटस्‌‍ के गठन का उद्देश्य है, ऐसा सुत्रों ने कहा। 

‘साइबर ऑपरेशन विंग’पिछले कुछ सालों से चीन और पाकिस्तान ने भारतीय साइबर क्षेत्र पर हो रहे हमलों की संख्या और दायरा बढ़ने की जानकारी सामने आ रही है। इन हमलों को भारतीय सेना के साथ अन्य सुरक्षा यंत्रणा उचित प्रत्युत्तर दे रही हैं। लेकिन, लगातार हो रहे हमले और भविष्य के खतरें एवं चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए स्वतंत्र यंत्रणा ज़रूरी है, यह विचार विभिन्न सैन्य अधिकारी एवं विशेषज्ञों ने व्यक्त की थी। इस पृष्ठभूमि पर पिछले हफ्ते आयोजित ‘आर्मी कमांडर्स कान्फरन्स’ में ‘कमांड साइबर ऑपरेशन्स ॲण्ड सपोर्ट विंग्ज्‌‍’ (सीसीओएसडब्ल्यू) स्थापित करने का निर्णय किया गया।

संपर्क यंत्रणा की सुरक्षितता और साइबर क्षेत्र में भारत की तैयारी बढ़ाने के लिए भारतीय सेना में नई युनिटस्‌‍ का निर्माण किया जा रहा है, ऐसी जानकारी सुत्रों ने साझा की। ‘परंपरागत युद्ध और ग्रे झोन वॉरफेअर, इन दोनों के मद्देनज़र भारतीय सेना के लिए साइबर क्षेत्र काफी अहम मुद्दा बनता है। भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों ने साइबर क्षेत्र में अपनी क्षमता पहले की तुलना में अधिक बढ़ाई है। इस वजह से विशेष कुशलता के दलों का निर्माण आवश्यक है’, इसपर भी सुत्रों ने ध्यान आकर्षित किया।

भारतीय सेना में साइबर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हाल ही के कुछ सालों में काफी बढ़ा हैं और इसमें उन्नत संपर्क यंत्रणाओं का भी समावेश होने का दावा भी इस दौरान किया गया। साइबर क्षेत्र की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए भारत ने पहले ही ‘डिफेन्स साइबर एजेन्सी’ स्थापित की है और इसपर तीनों रक्षाबलों के साइबर क्षेत्र से जुड़े मामलों को संभालने का ज़िम्मा है।

गलवान में भारत और चीन की सेना का संघर्ष होन के बाद चीन से भारत पर भारी मात्रा में साइबर हमले शुरू हुए थे। पाकिस्तान भी लगातार भारत के विरोध में साइबर हमले कर रहा हैं औड़ भारत मे अशांति और अराजकता फैलाने के लिए पाकिस्तान साइबर क्षेत्र का इस्तेमाल करता देखा जा रहा है। भारत के सैन्य नेतृत्व ने समय समय पर इसका संज्ञान लिया था। देश ऐसें अपरंपरागत युद्ध के लिए तैयार रहे, क्यों कि, ऐसी युद्ध नीति का परिणाम प्रत्यक्ष युद्ध जितना भी खतरनाक हो सकता हैं, ऐसा भारतीय सेनाप्रमुख, वायुसेनाप्रमुख और नौसेनाप्रमुख ने आगाह किया था। 

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