सन २०२१ में भारत की विकासदर ११.५ पर जायेगी – आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश का निष्कर्ष

नई दिल्ली – सन २०२१ में भारतीय अर्थव्यवस्था लगभग ११.५ प्रतिशत इतनी विकासदर से प्रगति करेगी, ऐसा निष्कर्ष आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश ने दर्ज़ किया है। इस कारण भारतीय अर्थव्यवस्था पाच ट्रिलियन डॉलर्स का लक्ष्य हासिल करने के लिए तेज़ी से मार्गक्रमणा करेगा, ऐसा विश्‍वास अर्थविशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं। वहीं, केंद्रीय व्यापार और उद्योगमंत्री पियूष गोयल ने इसपर समाधान ज़ाहिर किया होकर, जागतिक अर्थव्यवस्था में भारत ‘चमकता तारा’ बना है, ऐसा भी कहा है।

आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश

कोरोना के संकट में दुनियाभर के अन्य देशों समेत भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने भी गंभीर संकट खड़ा हुआ था। इस दौर में अर्थव्यवहार ठप होने के कारण बहुत बड़ी समस्या निर्माण हुई थी। लेकिन इस दौर में भारत ने लॉकडाऊन कायम रखकर, इस महामारी पर रोक लगाने के लिए जानतोड़ प्रयास किये। उसके बाद भारत ने धीरे धीरे अर्थकारण को गति देने का फ़ैसला किया। इसके परिणाम अब दिखायी देने लगे हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ने लगी है। जीएसटी में दर्ज़ हुई रिकार्ड़ वृद्धि इसी का प्रमाण है, ऐसा अर्थविशेषज्ज्ञ और उद्योगक्षेत्र के मान्यवरों का कहना है।

दिसम्बर महीने में देश में जीएसटी राजस्व १.१५ लाख करोड़ रुपये के भी पार हुआ था। जीएसटी लागू होने के बाद के समय का यह आज तक का रिकार्ड़ माना जाता है। इससे यही स्पष्ट हुआ था कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी का दौर पीछे छोड़कर आगे निकल रही है। इसके बाद के दौर में देशभर में माँग बढ़ी और उत्पादन में भी वृद्धि होने की बात स्पष्ट हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर, आन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोश ने अपनी रिपोर्ट में परिवर्तन करके, भारतीय अर्थव्यवस्था सन २०२१ में ११.५ प्रतिशत इतनी गति से प्रगति करेगी, ऐसा निष्कर्ष दर्ज़ किया है।

सन २०२२ में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकासदर ६.८ प्रतिशत होगा, ऐसा मुद्राकोश ने कहा है। इसका बहुत बड़ा लाभ भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा। भारतीय अर्थव्यस्था पाँच ट्रिलियन डॉलर्स का लक्ष्य इससे आसानी से हासिल कर सकती है, ऐसा विश्‍वास उद्योगक्षेत्र द्वारा व्यक्त किया जा रहा है। कोरोना के संकट के कारण अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को झटके लगे हैं, ऐसे में इससे बाहर निकलकर भारतीय अर्थव्यवस्था दिखा रही यह बहुत ही सकारात्मक रुझान, यह बहुत बड़े सन्तोष की बात साबित होती है, ऐसा उद्योगक्षेत्र के मान्यवरों का कहना है।

भारत में विकसित हुए कोरोना प्रतिबंधक टीकों का देश के मार्केट पर बहुत बड़ा सकारात्मक परिणाम हुआ, इसपर भी अर्थविश्‍लेषक ग़ौर फ़रमा रहे हैं। इसी बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव बहुत मज़बूत होकर उसका आर्थिक प्रदर्शन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ रहा है, ऐसा भी विशेषज्ञ बता रहे हैं। इसी कारणवश भारत में आनेवाला ठेंठ विदेशी निवेश बढ़ रहा है, ऐसा कहा जा रहा है। कोरोना का संकटहोने के बावजूद भी भारत में होनेवाले ठेंठ विदेशी निवेश में बहुत बड़ी वृद्धि हुई थी। उसी समय, अपनी आयात कम करने के लिए हाथ में लिये गये ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का भी बड़ा प्रभाव आनेवाले समय में देखने को मिलेगा, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

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