१९ देश ‘ब्रिक्स’ की सदस्यता के लिए उत्सुक – जून महीने में अहम निर्णय होने की उम्मीद

केप टाउन – पश्चिमी देशों के प्रभाव से बाहर होने वाली उभरते देशों की ‘ब्रिक्स’ संगठन की सदस्यता पाने के लिए कुल १९ देशों ने पूछताछ की है। जून महीने में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रही बैठक में इसपर निर्णय किया जाएगा, ऐसी जानकारी ब्रिक्स के राजदूत ने दी। साथ ही कारोबार में डॉलर को हटाकर अन्य मुद्रा का इस्तेमाल बढ़ाने के विषय पर भी इस बैठक में चर्चा होगी, यह दावा किया जा रहा है। 

‘ब्रिक्स’रशिया, भारत, चीन, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका आदि पांच देशों के गूट को ‘ब्रिक्स’ कहा जाता है। दो साल पहले तक इस गुट का विस्तार करने की कोई भी चर्चा नहीं हुई ती। लेकिन, पिछले साल से लैटिन अमरीका, अफ्रीका, खाड़ी और आग्नेय एशियाई देशों ने इस गुट का हिस्सा होने से संबंधित पुछताछ करना शुरू किया था। पिछले वर्ष आयोजित ब्रिक्स की बैठक में भी यह मुद्दा रखा गया था।

अब २-३ जून को दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन शहर में ब्रिक्स के विदेश मंत्री की विशेष बैठक का आयोजन हो रहा है। इसमें ब्रिक्स के विस्तार के मुद्दे पर अहम निर्णय किया जा सकता है, ऐसी जानकारी ब्रिक्स में नियुक्त दक्षिण अफ्रीका के राजदूत अनिल सुकलाल ने प्रदान की। अब तक सौदी अरब, ईरान, यूएई, अर्जेंटीना, अल्जेरिया, इजिप्ट, बहरीन और इंडोनेशिया समेत कुल १३ देशों ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए पूछताछ की है। इनके अलावा छह देशों ने अप्रत्यक्ष पद्धती से ब्रिक्स के सदस्यता की मांग की है। 

इसी बीच, ब्रिक्स का ऐसे विस्तार होना अमरीका और यूरोपिय देशों के लिए झटका साबित हो सकता है। ऐसे में यह दावे भी किए जा रहे हैं कि, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित बैठक में रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन उपस्थित रहे तो उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी अमरीका ने रखी हैं।

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