सूड़ान की अधिकृत सरकार रशियन वैग्नर का सहयोग प्राप्त करने का अधिकार रखती है – रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह

संयुक्त राष्ट्र/वॉशिंग्टन/खार्तूम – सूड़ान के गृहयुद्ध में फंसे दोनों गुट साथ मिलकर यह संघर्ष रोकने के लिए हल निकाले। तीसरे देश को सूड़ान के अंदरुनि कारोबार में दखलअंदाज़ी करने की अनुमति ना दे। क्यों कि, तीसरें देश का हस्तक्षेप सूड़ान के हित में नहीं होगा। कुछ वर्ष पहले अमरीका ने हस्तक्षेप करके ही सूड़ान के दो टुकड़े किए थे, ऐसा बयान रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने किया है। साथ ही सूड़ान के संघर्ष से अमरीका दूर रहे, ऐसी चेतावनी भी रशियन विदेश मंत्री ने दी है। साथ ही रशिया के वैग्नर ग्रूप का सहयोग सूड़ान की अधिकृत सरकार प्राप्त करना चाहती हैं तो इसका निर्णय करने की आज़ादी इस सरकार को यकिनन हैं, ऐसा सूचक बयान रशिया के विदेश मंत्री ने किया है।

सूड़ान में पिछले 13 दिनों से शुरू गृहयुद्ध के लिए रशिया ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाना पश्चिमी देशों ने शुरू किया है। रशिया की निजी ‘वैग्नर ग्रुप’ कंपनी सूड़ान संघर्ष में एक गुट की सहायता कर रही हैं, ऐसा आरोप पश्चिमी देशों ने लगाया है। रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के व्यासपीठ का इस्तेमाल करके अपने देश पर लगाए यह आरोप ठुकराए हैं। रशिया पर आरोप लगा रही अमरीका ने ही सूड़ान पर अन्याय किया है, इसकी याद विदेश मंत्री लैव्हरोव्ह ने ताज़ा की।

‘अमरीका ने ही अखंड़ सूड़ान के टूकड़े करके उत्तर और दक्षिण सूड़ान बनाए थे। इसके बाद अमरीका ने दोनों देशों को साथ रखने के लिए, अर्थव्यवस्था खड़ी करने के लिए और सूड़ानी जनता को सहायता प्रदान करने की उम्मीद थी। लेकिन, अमरीका ने इन देशों के नेताओं पर ही प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की’, ऐसा उल्टा हमला रशिया के विदेश मंत्री ने लगाया। साथ ही सूड़ान के नेता अमरीका के ऐसे हस्तक्षेप से सावध रहे और देश में जारी संघर्ष रोकने के लिए अमरीका या अन्य किसी भी देश से सहायता प्राप्त ना करें, ऐसा लैव्हरोव्ह ने सूचित किया है।

इसी बीच वैग्नर ग्रुप के मुद्दे पर लगाए जा रहे आरोप भी रशियन विदेश मंत्री ने ठुकराए। सूड़ान की अधिकृत सरकार रशिया के वैग्नर ग्रुप की सहायता चाहती हैं तो वैसी मांग करने का अधिकार सूड़ान यकिनन रखता हैं, यह ऐलान लैव्हरोव्ह ने किया। सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, माली और अफ्रीका के अन्य देशों ने इस तरह से वैग्नर से सहायता प्राप्त की है, इसपर भी रशियन विदेश मंत्री ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, सूड़ान में वैग्नर की तैनाती इस देश में संघर्ष अधिक भड़काने की वजह बन सकती है, यह दावा सैन्य विश्लेषक कर रहे हैं।

सूड़ान के तानाशाह ओमर बशिर ने वैग्नर ग्रुप की सहायता प्राप्त की थी। सूड़ान की सेना ने बशिर का तख्ता पलट करने के बाद सेनाप्रमुख जनरल बुरहान ने भी वैग्नर ग्रुप से संपर्क जारी रखा था। ऐसे में पिछले कुछ सालों से सूड़ान के अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल दागालो भी वैग्नर गुट के संपर्क में थे। अर्धसैनिक बल के सहयोग से वैग्ननर ने सूड़ान में सोने की खदानों से लूट की, ऐसा आरोप अमरीका, यूरोपिय विश्लेषक और माध्यम लगा रहे हैं।

वर्ष 2021 में 1.9 अरब डॉलर्स मूल्य के कुल 32.7 टन सोने को रशिया ने सूड़ान से बाहर निकाला था, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं। वैग्नर एवं सूड़ान के अर्धसैनिक बल ने उनपर लगाए यह आरोप ठुकराए हैैं। लेकिन, कुछ महीने पहले सूड़ान की सेना ने रशिया को नौसैनिक अड्डा स्थापित करने के लिए मंजूरी प्रदान करना अमरीका को पसंत नहीं हैं, यह चर्चा भी माध्यमों में शुरू हुई है। इसी वजह से अमरीका ने सूड़ान में संघर्ष भड़काया है, यह चर्चा भी सोशल मीडिया पर शुरू हुई है।

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