जर्मनी से चीन के ‘युआन’ का अतिरिक्त चलन मे समावेश

बर्लिन / बीजिंग: अमरिका एवं यूरोपीय महासंघ से व्यापारी मुद्दों पर चीन पर दबाव लाने के प्रयत्न शुरू होते हुए, जर्मनी ने चीन के ‘युआन’ चलन का विदेशी जमा पूंजी में समावेश करने का निर्णय लिया है। जर्मनी के केंद्रीय बैंक ‘बुंडेसबैंक’ के सदस्यों ने इस निर्णय को समर्थन दिया है। जर्मनी जैसे देश में ‘युआन’ के बारे में लिया निर्णय, चीन से ‘युआन’ की सफलता में आने वाले दावों को जोरदार समर्थन देने वाला है।

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यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने पिछले वर्ष लिए निर्णय की पृष्ठभूमि पर यह कदम उठाया जाने की जानकारी जर्मन अधिकारी ने दी है। ‘यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने पिछले वर्ष ५० करोड़ यूरो युआन में निवेश के लिए आरक्षित रखने का निर्णय लिया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक केंद्रीय बैंक से युआन को आरक्षित जमा पूंजी में समावेश किया जा रहा है। यूरोप में अन्य केंद्रीय बैंकों ने भी इस बारे में निर्णय लिया है’, ऐसे शब्दों में ‘बुंडेसबैंक’ के संचालक मंडल के सदस्य अँड्रिआस ड्रॉम्ब्रेट में युआन के बारे में निर्णय का समर्थन किया है।

जर्मनी ने युआन के लिए बड़ी रकम आरक्षित नहीं रखी है। पर युआन में निवेश के लिए निर्णय लिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के एसडीआर बास्केट में एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक के आरक्षित चलन में युआन का समावेश होना, यह घटक उसके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ठहरा है’, ऐसा ड्रॉम्ब्रेट ने कहा है। बुंडेस इस बैंक ‘बुंडेसबैंक’ के संचालक मंडल के अन्य सदस्यों ने भी युआन के समावेश पर समर्थन व्यक्त किया है।

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चीन के युआन चलन का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले व्यवहार में हिस्सा बढ़ता है, इसका विचार करके बुंडेसबैंक मे बदलाव एवं वैविध्यता रखने की नीति के भाग के तौर पर दीर्घकालीन स्तर पर युआन का समावेश करने का निर्णय लिया गया है’, ऐसा ‘बुंडेसबैंक’ के संचालक मंडल के सदस्य जोआकिम वुर्मेलिंग ने कहा है। ‘युआन’ के आरक्षित चलन के तौर पर समावेश करनेवाले ‘बुंडेसबैंक’ यह यूरोप की छठवी केंद्रीय बैंक ठहरी है। इसे पहले ब्रिटन, स्पेन, बेल्जियम, स्लोव्हाकिया एवं स्विट्ज़रलैंड के केन्द्रीय बैंको ने युआन को ‘आरक्षित चलन’ के तौर पर स्वीकारा था।

रशिया एवं सिंगापुर के साथ दुनिया के लगभग ७ देशों ने ‘युआन’ का विदेशी जमापूंजी में ‘आरक्षित जलन’ के तौर पर स्वीकार होने की जानकारी चीन से दी गई है। पिछले कई महीनों में अमरिकी डॉलर्स के मूल्य में गिरावट होते समय, चीन के ‘युआन’ चलन का प्रभाव बढ़ने के लक्षण ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। चीन एवं रशिया इस अग्रणी के वित्तीय संस्थाओं ने अमरिकी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए योजनाबद्ध गतिविधियां शुरू की है और ‘युआन’ के विस्तार के लिए उसमें महत्वपूर्ण स्तर है।

रशिया एवं चीन में ‘ब्रिक्स’ में भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका इन देशों की सहायता ने से ‘युआन’ यह विकल्पी चलन के तौर पर लाने की तैयारी शुरू की है, ऐसा कहा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने जागतिक व्यवहारों के लिए इस्तेमाल में आने वाले ‘एसडीआर बास्केट’ में युआन का समावेश करने के बाद इन गतिविधियों को अधिक गति मिल रही है। अमरिका में हुए सत्ता बदलाव एवं राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनके धारणाओं की वजह से यूरोपीय देश नाराज होने की चित्र दिखाई दे रहे हैं और जर्मनी में ‘युआन’ के बारे में लिया निर्णय उस पर प्रतिक्रिया होने की बात मानी जा रही है।

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