कोरोना महामारी के जड़ों के तौर पर ‘वुहान लैब’ की जाँच हो – अमरीका के विदेशमंत्री पोम्पिओ की माँग

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘चीन की ‘वुहान इन्स्टिट्यूट ऑफ वायरॉलॉजी’ के चीनी सेना से संबंध हैं। वर्ष २०१९ में इस लैब के वैज्ञानिक चमगाधड़ों से संबंधित कोरोना वायरस पर अनुसंधान कर रहे थे। यह वायरस जनुकीय स्तर पर फिलहाल संक्रमित हुए कोरोना वायरस से ९६ प्रतिशत से अधिक मेल करता है। वुहान लैब के कुछ वैज्ञानिक भी वर्ष २०१९ में बीमार हुए थे और उन्हें मौजूदा स्थिति में देखे जा रहे कोरोना संक्रमितों की तरह ही आसार दिखाई दिए थे’, इस बात की पोल अमरीका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने खोली है। इस दौरान पोम्पिओ ने यह बयान किया है कि, इस संक्रमण से संबंधित खुफिया जानकारी अमरीका के हाथों में है और ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन’ (डब्ल्यूएचओ) इस मामले में वुहान लैब की पूरी गहराई से जाँच करे, यह माँग भी उन्होंने की है।

‘डब्ल्यूएचओ’ का दल कोरोना वायरस से संबंधित जाँच के लिए गुरूवार के दिन चीन पहुँचा है। लेकिन, यह दल पुख्ता क्या करेगा, इस बारे में चीन या ‘डब्ल्यूएचओ’ ने पर्याप्त जानकारी प्रदान नहीं की है। इसके साथ ही इस दल को विवादित ‘वुहान इन्स्टिट्यूट ऑफ वायरॉलॉजी’ जाने की अनुमति देने से इन्कार किया गया है, यह जानकारी भी सामने आयी है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी विदेशमंत्री ने सार्वजनिक की हुई जानकारी और साथ ही इस आधार पर की हुई माँग ध्यान आकर्षित कर रही है। यह जानकारी सार्वजनिक करने के साथ ही चीन ने अभी भी कोरोना वायरस के उद्गम के बारे में एवं अन्य मुद्दों पर उचित जानकारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखी नहीं है, यह आरोप भी पोम्पिओ ने रखा है।

अमरीका के हाथों में उपलब्ध गोपनीय जानकारी के आधार पर किए गए दावे में विदेशमंत्री पोम्पिओ ने ‘आरएटीजी१३’ नामक विषाणु का ज़िक्र किया। कोरोना वायरस चमगाधड़ों से संबंधित है और वुहान लैब में इस वायरस पर वर्ष २०१६ से अनुसंधान हो रहा है, यह बात भी उन्होंने कही। इस लैब ने वर्णित वायरस से संबंधित प्राप्त की हुई हर तरह की जानकारी गायब की गई है, यह दावा भी पोम्पिओ ने किया। साथ ही वुहान लैब नागरी यंत्रणा होने का दावा किया जा रहा हो, फिर भी वर्ष २०१७ से इसी लैब में चीन की सेना से संबंधित अनुसंधान का कार्य जारी है, यह आरोप भी अमरिकी विदेशमंत्री ने किया।

कोरोना संक्रमण शुरू होने से पहले ‘वुहान इन्स्टिट्यूट ऑफ वायरॉलॉजी’ में हुए अनुसंधान की सारी जानकारी की ‘डब्ल्यूएचओ’ वहां जाकर जाँच करे, यह माँग भी पोम्पिओ ने की है। विश्‍व की अलग अलग अनुसंधान संस्थाओं एवं विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस का निर्माण चीन की लैब में ही हुआ होगा और दुर्घटना होने से या जानबूजकर इस वायरस को वहां से बाहरी दुनिया में संक्रमित किया गया होगा, यह दावे किए हैं। चीन के पत्रकार और वैज्ञानिकों ने भी इस दावे का समर्थन किया था। लेकिन, इससे संबंधित सभी जानकारी चीन की हुकूमत ने दबा रखी है।

विश्‍वभर में कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस का निर्माण चीन के वुहान लैब में ही हुआ है और इसके वैज्ञानिक सबूत हम जल्द ही सार्वजनिक करेंगे, यह दावा चीनी वैज्ञानिक डॉ.ली मेंग ने बीते वर्ष किया था। इस विषाणु की जड़ें ज्ञात करना ज़रूरी है और ऐसा नहीं हुआ तो वह विश्‍व के हरएक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, यह इशारा भी चीनी महिला वैज्ञानिक ने दिया था। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने भी यह इशारा दिया था कि, कोरोना महामारी की जड़ें चीन में ही होने का आरोप करके इसकी चीन को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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