अमरिका ने इराक को डॉलर्स के व्यवहार बंद करने की धमकी दी – अमरिकी समाचार पत्र का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन: ‘इराक सरकार अमरिकी सेना की वापसी का विचार छोड दे| नही तो ईंधन की बिक्री से प्राप्त होनेवाले डॉलर्स कभी भी प्राप्त नही होने देंगे| अमरिकी बैंकों में स्थित इराक के खाते बंद करवा देंगे’, ऐसी कडी चेतावनी अमरिका ने इराक को दी है| अमरिका के नामांकित समाचार पत्र ने इस चेतावनी की जानकारी प्रसिद्ध की है| अमरिका ने कासेम सुलेमानी को खतम करने के निषेध में इराक ने अमरिकी सैनिकों को अपना देश छोडकर बाहर जाने को कहा था| पर, अमरिका ने इराक की यह मांग ठुकराई है|

इराक में अमरिका के कम से कम ५,२०० सैनिक तैनात है| अमरिका अपने इन सैनिकों के साथ इराक से बाहर निकल जाए, यह मांग इराक की सरकार कर रही है| इस पर गुस्सा हुए अमरिका ने इराक की सरकार को अगले परिणामों का एहसास कराया है, यह दावा अमरिकी समाचार पत्र ने अपने वृत्त में किया है| इराक सरकार ने अमरिकी सेना को वापिस भेजने की कोशिश की तो अमरिका की फेडर रिझर्व्ह बैंक के जरिए इराक की ‘सेंट्रल बैंक’ एवं संंबंधित सरकारी विभागों को हो रही डॉलर्स की आपुर्ति बंद करने की धमकी अमरिका ने दी है|

साथ ही अमरिका की फेडरल रिझर्व्ह में स्थित इराक की सेंट्रल बैंक का खाता बंद करने का इशारा भी दिया गया है| अमरिका की फेडरल बैंक में इराक की सेंट्रल बैंक के अलावा इराक की सरकारी खातें भी है| यह खातें बंद करने पर अंतरराष्ट्रीय व्यापार से डॉलर्स में प्राप्त हो रहा महसूल इराक को छोडना होगा| इराक की अर्थव्यवस्था के लिए यह एक बडा झटका साबित होगा, यह दावा अमरिकी वृत्तसंस्था ने किया है| इससे पहले ही इराक की अर्थव्यवस्था संकट का सामना कर रही है| ऐसी स्थिति में अमरिका ने सेंट्रल बैंक के व्यवहार बंद करवाए तो इसका काफी बडा भयंकर असर इस देश की अर्थव्यवस्था पर होगा|

पहले ही इराक की सरकार संतप्त प्रदर्शनों से परेशान हुई है| ऐसे में ईंधन बिक्री से प्राप्त होनेवाला नीधि बंद होता है तो इराक सरकार की मुश्किलों में बढोतरी होगी| इस वजह से इराक में जारी प्रदर्शन और भी तेज होंगे, यह संभावना भी वर्णित समाचार पत्र ने जताई है|

अमरिकी समाचार पत्र की इस खबर पर इराक सरकार या अमरिका में स्थित इराक के दूतावास एवं अमरिका के विदेश और कोषागार मंत्रालय ने प्रतिक्रिया नही दी है| पर, पिछले कुछ दिनों से अमरिका लगातार इराक को धमका रही है|

इस महीने के शुरू में अमरिका ने इराक में बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदिकी क्षेत्र में किए ड्रोन हमले में ईरान का दुसरे क्रमांक का नेता कासेम सुलेमानी मारा गया था| सुलेमानी के साथ ही इस हमले में इराक स्थित ईरान से जुडे हथियारी गुट का वरिष्ठ नेता भी मारा गया था| अमरिका की इस कार्रवाई की बडी गुंज ईरान के साथ ही इराक में स्थित ईरान से जुडे गुटों में सुनाई दे रही थी| ऐसे में ईरान के प्रभाव में काम कर रही इराक की माहदी सरकार ने संसद में अमरिका की सेना वापसी का प्रस्ताव भी पारित किया था|

अमरिका ने इराक की सार्वभूमता का उल्लंघन किया है, यह आरोप रखकर हंगामी प्रधानमंत्री माहदी ने अमरिकी सेना की वापसी की मांग रखी थी| अमरिका ने इराक की यह मांग ठुकराई है| हवाई अड्डे के निर्माण के लिए खर्च किए अरबों डॉलर्स समेत सेना तैनाती के लिए खर्च का भुगतान किए बिना इराक से अमरिकी सेना की वापसी मुमकिन नही है, यह बात राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषित की थी| तभी सेना वापसी की मांग कर रही इराक की सरकार ने अमरिकी सैनिक और लष्करी अड्डों पर हमलें करनेवालों पर कार्रवाई करें, यह सूचना अमरिकी विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने की थी|

इसी के साथ अमरिका अब इराक पर दबाव बढाने की कोशिश कर रही है, यह बात स्पष्ट हुई है| इराक की संसद ने प्रस्ताव पारित करके अमरिका की सेना को देश छोडने की मांग रखी थी| पर, इराक की सरकार को अमरिका ऐसे करने के होनेवाले असरों से अलग अलग तरिकों से अवगत करा रही है| साथ ही इराक के नेताओं को अमरिकी सैनिकों की तैनाती रखनी है, पर उजागर तौर पर यह बात स्वीकारने के लिए वह तैयार नही है, यह दावा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया है|

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