ट्रम्प ने ईरान संबंधित रखें प्रस्ताव को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का समर्थन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

लंदन – वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते का पालन करने के लिए ईरान तैयार नही होता है तो यह समझौता खतम होगा| ऐसे में अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रस्तावित किए नए समझौते पर विचार हो सकता है, यह बयान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने किया है| ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अमरिका के प्रस्ताव का समर्थन कर रहे है तभी जर्मनी, फ्रान्स और यूरोपिय महासंघ अभी भी ईरान के साथ किए पुराने समझौते पर कायम है|

ब्रिटेन के प्रमुख समाचार चैनल के साथ की बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री जॉन्सन ने खाडी क्षेत्र में बनी स्थिति पर चिंता व्यक्त की| . वर्ष पहले ईरान के साथ किए परमाणु समझौते का ईरान प्रामाणिकता से पालन नही कर रहा है, यह आलोचना भी जॉन्सन ने इस दौरान की| साथ ही ईरान का परमाणु कार्यक्रम रोकना भी उतना ही आवश्यक होने की बात प्रधानमंत्री ने कही

वर्ष २०१५ में किए परमाणु समझौते का उल्लंघन ईरान कर रहा है| अब यह समझौता मतलब नही रखता और इस समझौते में शामिल अन्य देश भी इस समझौते से पीछे होना जरूरी है| साथ ही ईरान को परमाणु बम पाने से रोकना है तो राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के सामने रखे नए प्रस्ताव का इस्तेमाल इस समझौते के विकल्प के तौर पर करना मुमकिन होगा, यह सुझाव भी जॉन्सन ने रखा है|

वर्ष २०१८ में अमरिका ने ईरान के साथ किए परमाणु समझौते से पीछे हटने का निर्णय किया था| यह परमाणु समझौता हर मतलब से गलत है और इस समझौते का पुरा लाभ उठा रहा है, यह आरोप रखकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने वह निर्णय किया था| इस समझौते में शामिल ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी भी हमारे कदम पर चलें, यह निवेदन राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किया था| पर, उनके इस निवेदन का समर्थन किए बिना ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने ईरान का समर्थन किया था| साथ ही अमरिका के पीछे हटने के बाद भी ईरान परमाणु समझौते पर अमल करें, यह मांग यूरोपिय देश बडे जोर से रख रहे थे| ईरान ने यह मांग स्पष्ट शब्दों में ठुकराकर युरेनियम का संवर्धन बढाने का आक्रामक निर्णय किया था|

इसी बीच कासेम सुलेमानी को अमरिका ने खतम करने के बाद ईरान ने सीधा परमाणु समझौता खतम होने का ऐलान कर दिया है| इसके बाद ईरान का समर्थन कर रहे ब्रिटेन और फ्रान्स ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज की है| दो दिन पहले फ्रान्स ने ईरान अगले दो वर्षों में परमाणु बम प्राप्त करेगा, यह चेतावनी दी थी| इसके पीछे अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने भी वर्ष २०१५ का परमाणु समझौता टुटने की बात कहकर इसके विकल्प में ट्रम्प ने रखा प्रस्ताव ही ईरान के लिए सही होने की बात स्पष्ट की है| ब्रिटेनफ्रान्स की भूमिका में हुआ यह बदलाव अमरिका के लिए स्वागतार्ह बात साबित होती है|

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