चीन और रशिया के बढते खतरे की पृष्ठभूमि पर – अमरिकी विध्वंसक ‘हेलिऑस लेजर’ से सज्जित होंगी

Third World Warवॉशिंगटन: चीन और रशिया के क्रूज मिसाइल को जवाब देने के लिए अमरिका अपनी विध्वंसकों पर प्रगत ‘हेलिऑस लेजर’ की तैनाती कर रही है| फ़िल हाल अमरिकी नौसेना की ‘यूएसएस प्रेबल’ इस विध्वंसक पर लेजर की तैनाती हो रही है, यह जानकारी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने दी| अमरिकी नौसेना ने इसके पहले इस्तेमाल किए लेजर की तुलना में हेलिऑस सबसे अधिक घात होने की बात कही जा रही है| इस वजह से ‘इसके पहले कभी भी सोचा नही होगा, ऐसे हमलें इस लेजर से होंगे’, यह चेतावनी अमरिकी नौसेना के वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ दे रहे है|

वर्तमान में अमरिकी नौसेना ‘फॅलॅन्क्स’ इस ‘लेजर गॅटलिंग गन’ से लैस है| पैसिफिक महासागर में होनोलुलू स्थित विध्वंसकों पर तैनात इस लेजर गन का इस्तेमाल मिसाइल और ड्रोन नष्ट करने के लिए होता है| इस लेजर गन का हमला सीमित है और यह गन हमलें से सहजता से प्रयोग में लाना संभव नही| साथ ही हायपरसोनिक मिसाइल नष्ट करने के लिए ‘फॅलॅन्क्स’ की क्षमता काफी नही है| इस वजह से अमरिकी नौसेना अतिप्रगत लेजर यंत्रणा पाने की कोशिश कर रही थी|

अमरिकी संशोधक ऐसे अतिप्रगत लेजर का निर्माण करने की कोशिश में होने के समाचार प्रसिद्ध हुए थे| लेकिन, चीन और रशिया के क्रूज मिसाइलों की बढती तैनाती, साथ ही चीन से हो रहा लेजर का इस्तेमाल को ध्यान में रखकर अमरिका को अतिप्रगत लेजर तैनात करने की जरूरत महसूस हो रही थी| इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी नौसेना ने ‘हाय एनर्जी लेजर अँड इंटिग्रेटेड ऑप्टिकल डॅझ्लर अँड सर्व्हिलन्स’ (हेलिऑस) लेजर के निर्माण की कोशिश शुरू की थी| कुछ महीनों पहले अमरिकी नौसेना ने ‘हेलिऑस’ का सफलता से परीक्षण किया होने का घोषित किया गया था| वही, पिछले सप्ताह में अमरिकी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ने हेलिऑस की तैनाती की जानकारी दी|

अमरिकी नौसेना के ‘ऍर्ले बुर्के’ वर्ग की ‘यूएसएस प्रेबल’ इस विध्वंसक पर नई लेजर प्रणाली तैनात हो रही है| पर्ल हार्बर द्विप पर तैनात ‘यूएसएस प्रेबल’ वर्ष २०२१ तक ‘हेलिऑस’ से सज्जित होगी, ऐसा अमरिकी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी ‘रिअर एडमिरल रोनाल्ड बॉक्सॉल’ इन्होंने कहा| ‘हेलिऑस’ से १५० किलोवैट लेजर का मारा होता है| हेलिऑस के अलावा ‘यूएसएस प्रेबल’ पर ४० किलोवैट का मारा करनेवाली सहायक लेजर यंत्रणा भी तैनात करने का प्लैन है| इस वजह से अमरिका की यह विध्वंसक सबसे अधिका घातक सिद्ध होगी, यह दावा रिअर एडमिरल बॉक्सॉल इन्होंने किया|

अमरिकी नौसेना में लेजर एनर्जी पर संशोधन कर रहे फ्रैंक पीटरकीन इन्होंने एक लष्करी वेबसाईट को दी जानकारी में ‘हेलिऑस’ यह सबसे अधिक घातक लेजर यंत्रणा होने की बात कही है| ‘हेलिऑस’ लेजर की सहायता से आप जो चाहे कर सकते है| यह लेजर युद्धभूमि पर जिसके हाथ में सौंपा जाएगा वह आगे क्या कुछ कर सकेगा, इस बारे में सोच भी नही सकते’, यह चेतावनी पीटरकीन इन्होंने दी| साथ ही इस लेजर की वजह से अमरिकी नौसेना कई चुनौतियां का आसानी से प्रत्युत्तर दे सकेगी, यह भरोसा भी पीटरकीन इन्होंने व्यक्त किया|

हेलिऑस लेजर यंत्रणा चीन के लिए इशारा होने का दावा अमरिकी माध्यम कर रहे है| पिछले कुछ दिनों से चीन ने लेजर का इस्तेमाल शुरू किया है, ऐसे समाचार लगातार सामने आ रहे है| पिछले हफ्तें में साउथ चाइना सी से सफर कर रहे ऑस्ट्रेलियन युद्धपोत पर तैनात हेलिकॉप्टर को चीन ने लेजर हमला करके लक्ष्य किया था| यह हेलिकॉप्टर वियतनाम की दिशा में उडान भर रहा था तभी इसे चीन ने किए लेजर हमले का सामना करना पडा| इसके बद चीन ने वियतनाम की नौसेना के विरोध में भी लेजर का इस्तेमाल किया है| उत्तरी आफ्रीका के जिबौती के लष्करी अड्डे पर लौट रहे अमरिकी लडाकू विमान पर भी नजदिक में होनेवाले चीन के अड्डे से लेजर हमलें किए गए थे|

इस पृष्ठभूमि पर चीन की ‘लेजर’ आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए अमरिका ने अधिक विश्‍वंसक लेजर उतारने की तैयारी की हुई दिख रही है|

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