मित्रदेशों को धमकाकर अमरीका अपने हितसंबंधों के लिए खतरा ना निर्माण करें – सौदी अरब का संदेश

वॉशिंग्टन/रियाध – पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या के मामले में सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ सीधे प्रतिबंध लगाने के अलावा अमरीका के हाथों में अन्य विकल्प भी हैं। उनका इस्तेमाल किया जाएगा, ऐसा बयान व्हाईट हाउस के माध्यम सचिव जेन साकी ने किया है। इस वजह से खाशोगी की हत्या का मामला उठाकर बायडेन प्रशासन सौदी के प्रिन्स मोहम्मद के खिलाफ अलग रास्तों से कार्रवाई करेगा, ऐसें संकेत बायडेन प्रशासन दे रहा है। इसपर सौदी ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। अपने सहयोगी और मित्रदेशों को धमकाकर अपने हितसंबंधों के लिए खतरे में ना ड़ालें, यह संदेश सौदी द्वारा दिया जा रहा है।

खाशोगी की हत्या के मामले में अमरिकी गुप्तचर विभाग की रपट कुछ दिन पहले ही प्रकाशित हुई थी। सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के आदेश से ही खाशोगी की हत्या होने की बात इस रपट में दर्ज़ की गई थी। इसके बाद बायडेन प्रशासन ने खाशोगी की हत्या से संबंधित होने का आरोप रखकर सौदी के करीबन ७६ लोगों पर प्रतिबंध लगाए। लेकिन, सौदी के क्राउन प्रिन्स के खिलाफ इस मामले में कार्रवाई करना बायडेन प्रशासन ने टाल दिया है। इसपर बोलते समय जेन साकी ने, प्रिन्स मोहम्मद के विरोध में सीधे कार्रवाई किए बगैर अन्य मार्ग से भी सौदी पर दबाव बढ़ाना संभव होने की बात स्पष्ट की।

इसके साथ ही बायडेन प्रशासन जल्द ही सौदी के क्राउन प्रिन्स के खिलाफ अधिक सख्त भूमिका अपनाएगा, ऐसें संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इससे पहले राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने प्रिन्स मोहम्मद से बातचीत करना टालकर राजा सलमान से बातचीत की थी। साथ ही सौदी और यूएई के लिए होनेवाली हथियारों की आपूर्ति रोकने का निर्णय भी बायडेन प्रशासन ने पहले ही किया था। इसपर सौदी ने बायडेन प्रशासन को चेतावनियाँ दीं हैं। सौदी के माध्यमों ने ऐसी चेतावनी दी है कि अमरीका के सहयोगी देशों को धमकाकर अपने हितसंबंधों को बायडेन प्रशासन खतरें में ना ड़ालें।

‘सौदी को अमरीका के साथ जारी पारंपरिक मित्रता के संबंध सुरक्षित रखने हैं। लेकिन, इसका मतलब सौदी को अपनी संप्रभुता से समझौता करना है, ऐसा नही होता। सौदी अपनी सुरक्षा के लिए आजतक अमरीका पर निर्भर था, यह सच है। लेकिन, अमरीका ने पीठ दिखाई, तो सौदी रशिया और चीन के साथ रक्षा संबंधित सहयोग कर सकता है’, ऐसा बयान सौदी के एक पत्रकार ने किया है। इसके साथ ही अमरीका की धमकियों से ड़रने के लिए सौदी कमजोर देश नहीं है, ऐसी चेतावनी अन्य पत्रकार ने दी है। इस वजह से अमरीका के दबाव का मुकाबला करने के लिए हम तैयार हैं, यह सौदी अमरीका को दिखा रहा है।

सौदी को लेकर बायडेन प्रशासन ने अपनाई भूमिका पर, अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने नाराज़गी व्यक्त की है। सौदी का करीबी सहयोगी देश ‘यूएई’ ने भी, इस मुद्दे पर सौदी के साथ खड़े रहने की बात स्पष्ट की। साथ ही सौदी, यूएई, बहरीन इन देशों ने इस्रायल के साथ लष्करी गुट बनाने के संकेत दिए हैं। खाड़ी क्षेत्र के देशों का यह संगठन, ईरान से बनते खतरों का एक साथ मुकाबला करेगा और अमरीका के दबाव का भी सफलता के साथ मुकाबला कर सकेगा। इस वजह से खाड़ी क्षेत्र में स्थित अमरीका के हितसंबंधों के लिए झटका लग सकता है। रशिया जैसा देश इसका लाभ उठाकर खाड़ी क्षेत्र में अपना प्रभाव अधिक बढ़ाएगा, ऐसा इशारा अमरिकी विश्‍लेषकों ने दिया है।

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