‘टाटा-बोईंग’ की हैदराबाद में संयुक्त निर्माण परियोजना

हैदराबाद: लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर का निर्माण करने वाली कंपनियों में नामांकित बोईंग कंपनी ने भारत में टाटा समूह की मदद से संयुक्तरूपसे निर्मिती परियोजना शुरू की है। हैदरबाद में यह परियोजना स्थापित की गई है और टाटा-बोईंग की इस संयुक्त परियोजना में लड़ाकू ‘अपाची’ हेलिकॉप्टर्स के कंकाल का निर्माण होने वाला है।

बोईंग कंपनी के लड़ाकू ‘एएच-६४’ हेलिकॉप्टर के कंकाल का निर्माण हैदरबाद में होने वाला है। बोईंग निर्मित हेलिकॉप्टर को वैश्विक स्तरपर बड़ी माँग है। इस हेलिकॉप्टर के कंकाल का निर्माण सिर्फ भारत में ही होने वाला है। इस वजह से ‘एएच-६४’ की बढती माँग के साथ साथ भारत की निर्यात का ग्राफ भी ऊंचाई पर जाने वाला है।

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टाटा-बोईंग की इस संयुक्त परियोजना में भारत के नामांकित टाटा समूह के ‘टाटा ॲडव्हांस्ड सिस्टम लिमिटेड’ कंपनी की साझेदारी है। इस कंपनी ने बोईंग के साथ साझेदारी में ‘टाटा बोईंग एरोस्पेस लिमिटेड’ कंपनी की स्थापना की है। यही कंपनी भारत में बोईंग हेलिकॉप्टर के कंकाल का निर्माण करने वाली है। टाटा और बोईंग की भारत की इस संयुक्त परियोजना का शुभारंभ गुरुवार को किया गया है। भारत की रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन और तेलंगाना के औद्योगिक मंत्री के.टी. रामा राव की उपस्थिति में इस परियोजना का उद्घाटन हुआ। अमरिका के भारत के राजदूत केनेथ जस्टर, टाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा और बोईंग डिफेन्स के सीईओ लिआनी कॅरेट इस समय उपस्थित थे।

भारत में लष्करी सामग्री के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कोशिश हो रही है। इस कोशिश के अंतर्गत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में निर्माण परियोजना शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए भारत ने अधिकाधिक विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की सामरिक निर्णय भी लिया है। इसी कोशिश के एक हिस्से के तौर पर बोईंग और टाटा की संयुक्त परियोजना की स्थापना हुई है।

बोईंग ‘एएच-६४’ हेलिकॉप्टर की निर्माण परियोजना १४,००० वर्ग मीटर जगह में स्थापित की गई है। इस परियोजना की वजह से ३५० कुशल कर्मचारियों को रोजगार मिला है। ‘एएच-६४’ हेलिकॉप्टर की दुनियाभर के सभी माँगकर्ताओं के लिए आवश्यक हेलिकॉप्टर के कंकाल की आपूर्ति करने वाला यह एकमात्र निर्माण केंद्र होगा।

दुनियाभर के विविध देशों के लष्कर और वायुसेना के बेड़े में बोईंग का ‘एएच-६४’ हेलिकॉप्टर तैनात है। अमरिकन लष्कर इस हेलिकॉप्टर का प्रमुख ग्राहक है, ऐसा कहा जाता है। हैदरबाद की परियोजना से ‘एएच-६४’ कंकाल के साथ इस बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर के अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों का भी निर्माण होने वाला है, ऐसा ‘टाटा बोईंग एरोस्पेस’ कंपनी ने कहा है।

टाटा बोईंग एरोस्पेस कंपनी की इस निर्माण परियोजना के शुभारंभ के बाद रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने कंपनी का अभिनन्दन करके शुभेच्छा दी। इस दौरान बोलते समय रक्षामंत्री ने २०१४ के बाद भारत में रक्षा सामग्री के निर्माण के लिए मजबूत प्रोत्साहन दिया जा रहा है, ऐसा विश्वास व्यक्त किया।

टाटा-बोईंग इस संयुक्त निर्माण परियोजना की स्थापना के लिए सन २०१५ में साझेदारी का अनुबंध किया गया था। उसके बाद २०१६ में इस परियोजना का निर्माणकार्य शुरू हुआ था। दो सालों में नियोजित समय में इस परियोजना का शुभारंभ हुआ है। इस परियोजना के ‘एएच-६४’ हेलिकॉप्टर के कंकाल का काम जल्द से जल्द शुरू होने वाला है और इसी साल में यहाँ से हेलिकॉप्टर के कंकाल की आपूर्ति की जाने वाली है, ऐसा कंपनी ने कहा है। इस निर्माण परियोजना के साथ साथ टाटा-बोईंग संयुक्त कंपनी ‘एरोस्पेस’ उद्योग के लिए आवश्यक कुशल कर्मचारियों का निर्माण भी करने वाली है। बोईंग इंडिया के अध्यक्ष प्रत्युश कुमार ने इस दौरान बोलते समय, ‘टाटा-बोईंग एरोस्पेस लिमिटेड’ कंपनी यह बोईंग की भारत के साथ अपेक्षित साझेदारी की सिर्फ शुरुआत है, ऐसा कहा है। भविष्य में एरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी बढाने के लिए यह परियोजना एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, एशिया भी प्रत्युश कुमार ने कहा है। आज के दिन दुनिया के विविध इलाकों में २,३०० से भी ज्यादा ‘अपाची’ हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल होता है। कुल १६ देश ‘अपाची हेलिकॉप्टर’ का रक्षादल के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत ने भी २२ ‘एएच-६४ई’ हेलिकॉप्टर की खरीदारी के लिए बोईंग कंपनी के साथ अनुबंध किया है। सितंबर २०१५ में किए गए अनुबंध के अनुसार सन २०१९ से बोईंग कंपनी भारत को हेलिकॉप्टर की आपूर्ति करने वाली है।

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