पाकिस्तान के खिलाफ़ सिंधी, बलोच और पश्‍तूनों ने किए विश्‍वभर में प्रदर्शन

लंदन/वॉशिंग्टन – पाकिस्तानी सेना और गुप्तचर यंत्रणा ’आयएसआय’ आतंकवादी है, पाकिस्तानी सेना बलोची नागरिकों का संहार बंद करे, इन संदेशों के फलक हाथ में थामे सिंधी, बलोच और पश्‍तून नागरिकों ने पाकिस्तान के खिलाफ़ अमरीका, ब्रिटेन और कनाड़ा में जोरदार प्रदर्शन किए। विश्‍व के नक्शे पर पाकिस्तान का अस्तित्व जब तक रहेगा तब तक हमारे प्रदर्शन जारी रहेंगे, यह इशारा इन प्रदर्शनकारियों ने दिया। पाकिस्तान कर रहे अत्याचारों की ओर विश्व समुदाय का ध्यान आकर्षित हो, इसी उद्देश्‍य से यह प्रदर्शन किए गए। कनाड़ा में पाकिस्तान के खिलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान चीन विरोधी फ्री हाँगकाँग मुहीम के प्रदर्शनकारी भी शामिल हुए।

सिंधी, बलोच

‘इंटरनैशनल डे ऑफ द विक्टिम्स ऑफ एनफोर्स डिसअपियरन्स’ के अवसर पर बलोच, सिंधी और पश्‍तून नागरिकों ने पाकिस्तान के विरोध में आवाज़ उठाई। विश्‍व के प्रमुख शहरों में इन प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था। इनमें से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन के निवासस्थान के बाहर ‘फ्री बलोचिस्तान मूवमेंट’ के किए गए प्रदर्शनों पर यूरोपिय माध्यमों में बड़ी चर्चा हो रही थी। पाकिस्तान की सेना बलोचिस्तान में हज़ारों लोगों का अपहरण और हत्याएं करती है, इस ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश प्रदर्शनकारी कर रहे थे। पाकिस्तानी सेना ने कुछ दिन पहले ही हयात बलोच नामक छात्र की उसकी माँ के सामने हत्या कर दी। इसके बाद बलोचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ़ गुस्से की लहर उठी थी। लंदन में हुए प्रदर्शनों के दौरान हयात बलोच की हत्या के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर कर्रवाई करने की माँग की गई।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय और ब्रिटेन पाकिस्तान की सहायता करना बंद करें एवं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर ध्यान दें, यह आवाहन इन प्रदर्शनकारियों ने बड़ी तीव्रता से किया। तभी, कनाड़ा के टोरंटो शहर में बलोच नैशनल मूवमेंट, कनाड़ा पश्‍तून कौन्सिल, पश्‍तून तहफूज मूवमेंट और वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस ने पाकिस्तानी सेना और आयएसआय के बलोच एवं सिंधी नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ़ आवाज़ उठाई। बीते कई वर्षों से पाकिस्तानी सेना और आयएसआय बलोचिस्तान के सियासी नेता, पत्रकार और आम नागरिकों का अपहरण कर रहे हैं, ऐसे आरोप लगाए गए हैं। सिर्फ बलोचिस्तान ही नहीं बल्कि अन्य प्रांतों में भी अब यही स्थिति बनी हुई है, यह कहकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सख्त कदम उठाने पडेंगे, ऐसी माँग इन प्रदर्शनकारियों ने की।

सिंधी, बलोच

इस मामले को लेकर पाकिस्तान में ‘मीडिया ब्लॉकआउट’ हैं। माध्यमों में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों की ख़बर देने के लिए पत्रकार ड़रते हैं, यह बात एक पत्रकार ने ही कही है। पाकिस्तान की तरह चीन भी बलोचिस्तान में हो रहे संहार के लिए ज़िम्मेदार है। चीन की सेना, पाकिस्तानी सेना और आयएसआय तीनों का इन अत्याचारों में समान समावेश होने का आरोप अन्य एक प्रदर्शनकारी ने किया। इसके अलावा, अमरीका के न्यूयॉर्क में स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान की सरकार, सेना और आयएसआय के खिलाफ़ जोरदार नारेबाज़ी की। पाकिस्तान बलोच, सिंधी, पश्‍तून नागरिकों के लिए जेल बना हुआ है, यह आरोप भी इस दौरान किया गया।

सिंधी, बलोच

इसी बीच ‘जे सिंध मुत्ताहिदा महाज़’ नामक संगठन के अध्यक्ष शफी बुरफत ने पाकिस्तानी सेना और आयएसआय बलोचिस्तान और सिंध में जारी अत्याचार, संहार और विध्वंस के खिलाफ़ कड़ी आलोचना की। बीते ७० वर्षों से बलोचिस्तान, सिंध में १६ वर्ष के बच्चों से लेकर ७० वर्ष के नागरिकों पर पाकिस्तान कर रहे अत्यधिक अत्याचारों की ओर बुराफत ने ध्यान आकर्षित किया। इन अत्याचारों से बच्चे और महिलाओं को भी दूर नहीं रखा जाता, यह कहकर बुराफत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी आचोलना की।

विश्‍वभर में लाखों लोगों का अपहरण होता है। लेकिन, चीन और पाकिस्तान में अपहरण का कारण काफी अलग होता है। इसके पीछे सियासी कारण होते हैं। आतंकवादी पाकिस्तान में बड़ी क्रूरता से बलोच और सिंधी नागरिकों का छल करते हैं। चीन में उइगरवंशियों का जैसा छल होता है उसी तरह पाकिस्तान बलोच और सिंधी युवकों का छल करता है। पाकिस्तानी सेना और आयएसआय के ‘सीक्रेट टॉर्चर सेल’ मौजूद हैं, यह कहकर बुराफत ने पाकिस्तान के अत्याचारों की गिनती की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान की इस क्रूरता के खिलाफ़ सख्त कदम उठाएं, यह आवाहन भी बुराफत ने इस दौरान किया।

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